वो Stree है! कुछ भी कर सकती है….

स्त्री (Stree) फिल्म के इस डायलॉग से लगभग हर फेसबुकिया वाकिफ होगा! इस डायलॉग पर भतेरे meme बने और सोशल मीडिया पर सर्कुलेट (Circulate on social media) हुए! लेकिन इस डायलॉग की गंभीरता को शायद ही कोई समझ सका!

हाल ही में बिहार में एक मुख्यमंत्री व दो उपमुख्यमंत्रियों ने शपथ ली है! डबल इंजन वाली सरकार से विकास के साथ साथ पारदर्शी सरकार मिलेगी- ऐसा दावा किया गया था! मिलेगा क्या, ईश्वर ही जाने!

लेकिन अब जो मैं आगे लिखने जा रहा हूँ उसे ध्यान से पढियेगा!

तस्वीर में दिख रही औरत तीन बार बिहार की मुख्यमंत्री रह चुकी है! “वो स्त्री है, कुछ भी कर सकती है” को यदि किसी ने चरितार्थ किया है तो वे श्रीमती राबड़ी देवी ही हैं!

इनके दो बेटे और 7 बेटियां हैं! आज एक ओर जहाँ देश का सभ्य समाज “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” का नारा बुलंद कर रहा है….उनकी सुरक्षा के लिए तमाम कायदे कानून बन रहे हैं….ऐसे दौर से दशकों पहले राबड़ी देवी ने अपनी सात कन्याओं को जन्म दिया था!

बेशक कम पढ़ी लिखी थीं, लेकिन इन्होंने अपनी कन्याओं की भ्रूणहत्या (Feticide of girls) नहीं की!

इनके पति और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व देश के पूर्व रेलमंत्री लालू यादव (Former railway minister lalu yadav) भ्रष्टाचार के आरोप में जेल में बन्द हैं! उनपर भ्रष्टाचार का आरोप लगा, उन्होंने इस्तीफा दिया! क़ानूनी कार्यवाही चली! जेल गए!

लालू यादव के इस्तीफे के बाद राबड़ी देवी 1997 में पहली बार किचेन से सीधे सचिवालय पहुँच गयीं!

पति के खिलाफ जांच चल रही है! पत्नी मुख्यमंत्री हैं! लेकिन पति पत्नी दोनों में से किसी ने भी जाँच में शामिल किसी अधिकारी या कर्मचारी को “मॉर्निंग वॉक” से गायब नहीं करवाया!

आप जंगलराज की कितनी भी दुहाई दे लें, आप इस बात से इनकार नहीं कर सकते कि रामरथ यात्रा कर रहे लालकृष्ण आडवाणी के रथ के खून से सने पहियों को इसी बिहार ने रोका था!

आप संस्कृति की दुहाई देते हैं! परंपराओं की बात करते हैं! पटना में मुख्यमंत्री आवास और दिल्ली में रेलमंत्री के आवास पर जो औरत ठंडे पानी में सूर्य को अर्घ्य दे रही थी, वो राबड़ी देवी ही थी!

आज जिस बिहार को गति देने के लिए मुख्यमंत्री को दो उपमुख्यमंत्रियो की मदद लेनी पड़ रही है….उसी बिहार को इस औरत ने तीन बार अकेले दौड़ा कर दिखाया है! तब झारखंड भी बिहार का हिस्सा हुआ करता था!

यदि झारखंड सरकार को शामिल कर दिया जाए तो अर्थ यही निकलता है कि आज भारत के जिस हिस्से को विकसित करने में दो मुख्यमंत्री, दो उपमुख्यमंत्री, हर विभाग के दो दो मंत्री, दो दो विधानसभाएं, दो दो राज्यपाल लगे हुए हैं…कभी उस हिस्से पर अकेले राबड़ी देवी का परचम फहराया करता था!

…और ये बात अपने गांव के किसी नियमित मास्टर या कोइलरी में काम कर चुके किसी कर्मचारी से पूछ लीजियेगा!

वो स्त्री है, कुछ भी कर सकती है….

लेकिन स्त्री गोपालगंज की हो तो??

साभार- कपिल देव

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