PM Modi ने की इंडिया एनर्जी वीक में शिरकत, तुर्किये को दिया हर मुमकिन मदद का भरोसा

न्यूज डेस्क (गौरांग यदुवंशी): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने आज (6 फरवरी 2022) कहा कि भारत तुर्की में भूकंप प्रभावित लोगों की हर संभव मदद करने को तैयार है। पीएम मोदी कर्नाटक के बेंगलुरु में इंडिया एनर्जी वीक (India Energy Week in Bengaluru, Karnataka) 2023 कार्यक्रम में लोगों को संबोधित कर रहे थे। पीएम मोदी ने कर्नाटक के बेंगलुरु में इंडिया एनर्जी वीक 2023 इवेंट में इंडियन ऑयल (Indian oil) की ओर से डेवलप सोलर कुकिंग सिस्टम के ट्विन-कुकटॉप मॉडल का भी अनावरण किया। इसके साथ ही पीएम मोदी ने देश की बढ़ती ऊर्जा जरूरतों, एनर्जी सेक्टर को लेकर सरकार की सोच और एथेनॉल ब्लेंडिंग (Ethanol Blading) जैसे मुद्दों पर भी अपना वक्तव्य रखा।

बेंगलुरु में इंडिया एनर्जी वीक के अनावरण पर पीएम मोदी ने कही ये खास बातें

  • इस समय तुर्की में आए विनाशकारी भूकंप पर हम सभी की दृष्टि लगी हुई है।  बहुत से लोगों की दुखद मृत्यु और बहुत नुकसान की खबरें हैं। भारत के 140 करोड़ लोगों की संवेदनाएं, भूकंप पीड़ितों के साथ हैं। हम भूकंप पीड़ितों की हर संभव मदद के लिए तत्पर हैं।

  • बेंगलुरु टेक्नोलॉजी, टैलेंट और इनोवेशन के एनर्जी से भरा एक शहर है। मेरी तरह आप भी यहां के युवा ऊर्जा को अनुभव कर रहे होंगे।  ये भारत की जी-20 प्रेसिडेंसी कैलेंडर का पहला बड़ा एनर्जी इवेंट है।

  • महामारी और युद्ध के प्रभाव के बावजूद 2022 में भारत एक global bright spot रहा है। External circumstances जो भी रहे, भारत ने internal resilience की वजह से हर चुनौती को पार किया।

  • इसके पीछे multiple factors ने काम किया। पहला- Stable government, दूसरा- Sustained reforms, तीसरा- Grassroot पर Socio-Economic Empowerment.

  • ऊर्जा क्षेत्र के विकास के क्षेत्र में भारत के पास अद्वितीय अवसर हैं। भारत ऊर्जा संसाधनों और ऊर्जा संक्रमण के विकास की प्रक्रियाओं के संबंध में मजबूती से खड़ा है; यह वास्तव में 21वीं सदी में राष्ट्र के लिए एक महान भविष्य का निर्माण करेगा।

  • आज भारत में करोड़ों लोगों की Quality of Life में बदलाव आया है।  आज करोड़ों लोग गरीबी से निकलकर middle class के स्तर तक पहुंच रहे हैं।

  • आईएमएफ द्वारा हाल ही में किए गए विकास आकलन से पता चलता है कि भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा। न तो महामारी और न ही युद्ध भारत को ‘ग्लोबल ब्राइट स्पॉट’ बनने से रोक सके।

  • एनर्जी सेक्टर को लेकर भारत की strategy के 4 major verticals हैं।  पहला- Domestic Exploration और Production को बढ़ाना। दूसरा – Supplies का Diversification,  तीसरा – Biofuels, Ethanol, Compressed Bio Gas और Solar जैसे Alternative Energy Sources का विस्तार, चौथा – Electric Vehicle और Hydrogen के जरिए Decarbonization.

  • हम वर्ष 2030 तक अपने Energy Mix Natural Gas Consumption को बढ़ाने के लिए मिशन मोड पर काम कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त एक और सेक्टर जिसमें भारत, विश्व में Lead ले रहा है, वो है ग्रीन हाइड्रोजन का।  National Green hydrogen mission, 21वीं सदी के भारत को नई दिशा देगा।

  • आज लोगों के जीवन में बदलाव आ रहा है। उनके सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण से लेकर उनके डिजिटल उन्नयन और सशक्तिकरण की जरूरतें भी पूरी हुई हैं।

  • गांवों में इंटरनेट की सुविधा देने के लिए 6 लाख किलोमीटर से ज्यादा का ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क बिछाया गया है। भारत में ब्रॉडबैंड यूजर्स की संख्या 9 साल पहले की तुलना में 9 गुना हो गई है, और इसी अवधि में इंटरनेट कनेक्शन की संख्या तीन गुना हो गई है।

  • वर्ष 2014 के बाद से, Green Energy को लेकर भारत का कमिटमेंट और प्रयास पूरी दुनिया देख रही है। बीते 9 वर्षों में भारत में Renewable Energy कैपेसिटी करीब 70 गीगावॉट से बढ़कर करीब 170 गीगावॉट हो चुकी है। इसमें भी सोलर पावर कैपेसिटी 20 गुना से ज्यादा बढ़ी है।

  • आज भारत विंड पावर कैपेसिटी के मामले में दुनिया में चौथे नंबर पर है।  हम इस दशक के अंत तक 50 प्रतिशत नॉन फॉसिल फ्यूल कैपेसिटी का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं।

  • भारत आने वाले समय में नये शहरों की बढ़ती संख्या देखेगा; अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा संघ के नतीज़ों में कहा गया है कि आने वाले दशक में भारत में ऊर्जा की अधिकतम मांग होगी। आज भारत निवेशकों और ऊर्जा क्षेत्र के अन्य हितधारकों के लिए बेहतरीन अवसर लेकर आया है।

  • 2014 में भारत में गैस पाइपलाइन की लंबाई लगभग 14,000 किमी थी; अब ये 22,000 किमी से अधिक है। ये नेटवर्क अगले 4-5 साल में 35,000 किमी की लंबाई को पार कर जायेगा।

  • ‘Reduce, Re-use and Recycle’ का मंत्र हमारी परंपराओं में रहा है। वर्दी के कपड़े में प्लास्टिक की बोतलों को रिसाइकिल करने का हालिया उदाहरण शानदार है।

  • अगर हम एक वर्ष में ऐसी 10 करोड़ बोतलों के पुनर्चक्रण का लक्ष्य रखते हैं, तो ये असल में पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इससे ‘मिशन लाइफ’ को भी मजबूती मिलेगी।

Leave a comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More