दिल्ली अध्यादेश को विधेयक में बदलने के मुद्दे पर विपक्ष ने किया वॉकआउट, BRS भी हुई कवायद में शामिल

नई दिल्ली (अमित त्यागी): भारत राष्ट्र समिति (BRS- Bharat Rashtra Samithi) ने हैरत भरा कदम उठाते हुए बीते गुरूवार (20 जुलाई 2023) को अन्य विपक्षी सांसदों के साथ मिलकर सदन के आधिकारिक कामकाज में विवादास्पद दिल्ली अध्यादेश को विधेयक में बदलने के विरोध में राज्यसभा की बिजनेस एडवायजरी कमेटी (बीएसी) की बैठक से बाहर निकल गये। ये बैठक राज्यसभा (Rajya Sabha) के सभापति जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) ने सदन में विधायी और अन्य कार्यों के लिये समय आवंटित करने के लिये बुलाई थी। सरकार ने दिल्ली में सेवाओं पर अध्यादेश को बदलने के लिये ‘राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक’ को सूचीबद्ध किया, इस पर चर्चा के लिये दो घंटे का समय आवंटित किया गया था।

अध्यादेश को अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) सरकार और केंद्र के बीच विवाद का विषय बताते हुए आम आदमी पार्टी के संजय सिंह ने विधेयक पर विचार करने पर आपत्ति जताई और कहा कि मामला अब सुप्रीम कोर्ट के समक्ष है। उन्हें कांग्रेस के जयराम रमेश और तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन (Derek O’Brien) समेत अन्य विपक्षी सदस्यों का खुला समर्थन मिला।

उनका तर्क था कि विधेयक को कार्य सूची में शामिल नहीं किया जाना चाहिये। इस बीच बड़ी बात ये थी कि, बीआरएस के के.केशव राव ने भी विपक्षी सदस्यों का समर्थन किया। सरकार के पीछे नहीं हटने पर जयराम रमेश, डेरेक ओ’ब्रायन, सिंह, के.राव, द्रमुक के तिरुचि शिवा और राजद के मनोज कुमार झा बीएसी की बैठक से बाहर चले गये।

संजय सिंह (Sanjay Singh) ने बाद में मीडिया से कहा कि “राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक’ कामकाज की सूची में पहला विधेयक था और इसका मकसद निर्वाचित राज्य सरकार की शक्तियों को छीनना है। हमने इसका विरोध किया। सभी दलों ने कहा कि ऐसे संविधान विरोधी विधेयक को संसद में पेश नहीं किया जाना चाहिये. सरकार ने हमारी बात नहीं सुनी, चेयरमैन ने हमारी बात नहीं सुनी, जब सरकार और चेयरमैन ने हमारी बात नहीं सुनी…तो हमने बैठक का बहिष्कार कर दिया।”

राव ने ये भी तर्क दिया कि ये विधेयक संविधान की संघीय भावना के खिलाफ है। बीआरएस समेत 26 पार्टियां विपक्षी गठबंधन भारत का हिस्सा नहीं है। कांग्रेस जो कि आगामी तेलंगाना चुनावों (Telangana Elections) में बीआरएस के खिलाफ खड़ी है, ने सार्वजनिक रूप से कहा है कि वो बीआरएस को विपक्षी समूह का हिस्सा नहीं बनने देगी, और कांग्रेस ने उस पर भाजपा की बी टीम होने का आरोप लगाया।

हालांकि आम आदमी पार्टी और बीआरएस हाल के दिनों में करीब आ रहे हैं, खासकर जब से केंद्र ने दिल्ली शराब घोटाले में उनके रिश्तों पर आरोप लगाना शुरू किया है। दोनों राज्य सरकारों ने एक-दूसरे की प्रमुख परियोजनाओं या कार्यक्रमों का दौरा करने के अलावा, संसद में आम रणनीति पर काम कर रहे हैं। केसीआर (KCR) ने पिछले साल मई में दिल्ली सरकार की ओर से संचालित स्कूलों का दौरा किया था। जनवरी 2023 में केजरीवाल और आप पंजाब के सीएम भगवंत मान (CM Bhagwant Mann) उन विपक्षी नेताओं में शामिल थे, जिन्होंने बीआरएस की मेगा खम्मम रैली में हिस्सा लिया था।

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