अब आसान शब्दों में समझे नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामला, जिसमें फंसे है सोनिया गांधी और Rahul Gandhi

न्यूज डेस्क (विश्वरूप प्रियदर्शी): नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिये कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) आज (13 जून 2022) नई दिल्ली में प्रवर्तन निदेशालय (ED- Enforcement Directorate) के सामने पेश हुए। राहुल गांधी ने पार्टी के सैकड़ों सदस्यों के साथ राष्ट्रीय राजधानी में ईडी कार्यालय तक मार्च भी निकाला।

जांच एजेंसी ने नेशनल हेराल्ड मामले में मनी लॉन्ड्रिंग (National Herald money laundering case) के आरोपों की छानबीन करने के लिये राहुल गांधी और उनकी मां, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Congress President Sonia Gandhi) को तलब किया था। हालांकि कोविड की वजह से सोनिया गांधी दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल (Sir Ganga Ram Hospital) में भर्ती हैं। इसी वज़ह से ईडी ने उन्हें 23 जून के लिये एक नया समन जारी किया।

प्रवर्तन निदेशालय धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA – Prevention of Money Laundering Act) की आपराधिक धाराओं के तहत राहुल गांधी का बयान दर्ज करेगा। राहुल गांधी केरल के वायनाड (Wayanad of Kerala) से लोकसभा सदस्य हैं। जांच यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड के मालिकाना हक वाले नेशनल हेराल्ड अखबार में कथित वित्तीय अनियमितताओं से जुड़ी हुई है।

सिलसिलेवार ढंग से समझे नेशनल हेराल्ड मामला

भारत के पहले प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू ने साल 1938 में नेशनल हेराल्ड अखबार (National Herald newspaper) की शुरूआत की थी। अखबार एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL- Associated Journals Limited) द्वारा प्रकाशित किया गया था, जिसकी स्थापना साल 1937 में की गयी थी। 5,000 स्वतंत्रता सेनानियों को इसमें शेयरहोल्डर बनाया गया था। ये कंपनी किसी एक शख़्स की नहीं थी।

साल 2010 में एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड के 1,057 शेयरधारक थे। कंपनी को नुकसान हुआ और इसकी होल्डिंग्स को साल 2011 में यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड (YIL- Young Indian Private Limited) में ट्रांसफर कर दिया गया, जिसके निदेशक मंडल में सोनिया गांधी और राहुल गांधी शामिल थे।

साल 2012 में भाजपा नेता और अधिवक्ता सुब्रमण्यम स्वामी (Advocate Subramanian Swamy) ने एक निचली अदालत के सामने शिकायत दर्ज करवाते हुए आरोप लगाया गया कि यंग इंडियन लिमिटेड (YIL) द्वारा एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड के अधिग्रहण में कुछ कांग्रेस नेता धोखाधड़ी में शामिल थे। उन्होंने आरोप लगाया कि YIL ने ‘दुर्भावनापूर्ण’ तरीके से नेशनल हेराल्ड की संपत्ति पर कब्जा कर लिया था।

आयकर अधिनियम के तहत कोई भी राजनीतिक संगठन किसी तीसरे पक्ष के साथ वित्तीय लेनदेन नहीं कर सकता है। स्वामी ने आगे दावा किया कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने मुनाफा हासिल करने के लिये संपत्ति पर कब्जा कर लिया। उन्होंने ये भी दावा किया कि यंग इंडियन लिमिटेड ने कांग्रेस पार्टी को बकाया रकम 90 करोड़ रुपये की वसूली के अधिकार के लिये केवल 50 लाख रुपये की पेमेंट की। इसका मतलब ये हुआ कि कांग्रेस ने बाकी के 89.5 करोड़ रुपये का हेरफेर किया।

साल 2008 में नेशनल हेराल्ड को बंद करने के समय एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड पर कांग्रेस का 90 करोड़ रुपये का कर्ज बकाया था। साल 2010 में कांग्रेस ने ये कर्जा यंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को सौंपा, जो कि गैर-लाभकारी कंपनी थी, जिसे कुछ महीने पहले ही बनाया गया था।

इस कंपनी में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के पास समान रूप से 38%-38% फीसदी हिस्सेदारी है। कंपनी की बाकी 24% हिस्सेदारी कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा (Congress leader Motilal Vora), ऑस्कर फर्नांडीस, पत्रकार सुमन दुबे और उद्यमी सैम पित्रोदा (Entrepreneur Sam Pitroda) के पास है, जिनका नाम भी इस मामले में शामिल है।

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