NDTV फंसा बड़ी मुश्किल में, लगा 27 करोड़ रूपये का जुर्माना

नई दिल्ली (समरजीत अधिकारी): एनडीटीवी (NDTV) के प्रोमोटर प्रणय और राधिका रॉय समेत आरआरपीआर होल्डिंग्स प्रा.लि. पर सेबी (Securities and Exchange Board of India-SEBI) ने 27 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया। सेबी के मुताबिक इन्होनें कुछ कर्ज समझौतों के बारे में शेयर होल्डर्स से जानकारी छिपाई। अगर ये जानकारियों ना छिपाई जाती तो एनडीटीवी के शेयर्स पर निश्चित रूप से प्रतिकूल असर पड़ता। इस मामले पर एनडीटीवी के फाउंडर और प्रोमोटर ने शेयर बाजार को सूचना भेजी। जिसमें कहा गया कि- किसी भी तरह के वित्तीय लेन-देन और कर्ज समझौतों (Financial Transactions and Debt Agreements) के द्वारा एनडीटीवी का कन्ट्रोल ट्रांसफर करने की इज़ाजत नहीं दी गयी है। उनके के पास अभी भी एनडीटीवी की 61.45 प्रतिशत हिस्सेदारी है।

दूसरी ओर सेबी ने प्रोमोटर और प्रोमोटर ग्रुप कंपनी के खिलाफ तुरंत अपील करने का मन बना लिया है। जिस मामले के बारे में सेबी ने दावा किया है, वो साल 2008 से 2010 के बीच का है। उस दौरान आईसीआईसीआई बैंक और विश्वप्रधान कमर्शियल प्रा. लि. (VCPL) से लिये गये कर्ज समझौतों का खुलासा प्रोमोटर्स की ओर नहीं किया गया था। सेबी ने ये कार्रवाई NDTV के एक शेयरधारक क्वान्टम सिक्योरिटीज प्राइवेट लिमिटेड (Quantum Securities Private Limited) की शिकायत के बाद शुरू की। जिसे 2017 में लिखित तौर पर जमा करवाया गया था।

उस शिकायत के मुताबिक VCPL के साथ साल 2009 में 350 करोड़ रूपयों का लोन एग्रीमेंट (Loan agreement) हुआ। जिसकी मदद से प्रणय रॉय, राधिका रॉय और आरआरपीआर होल्डिंग्स प्रा.लि. ICICI बैंक का कर्ज चुकाने की जुगत में थे। इरादतन लोन करारों को छुपाया गया ताकि इसका असर एनडीटीवी के शेयर्स पर ना पड़े। ठीक अगले साल एक बार फिर इसी तर्ज पर 53.85 करोड़ रुपये के दूसरे कर्ज का करारा हुआ। सेबी के मुताबिक इस करारा में एक शर्त को भी छुपाया गया। जिसके मुताबिक VCPL, NDTV में 30 प्रतिशत हिस्सेदारी पर अपना मालिकाना हक़ कायम कर सकता है।

इस पूरे प्रकरण में प्रणय रॉय और राधिका रॉय पर 1-1 करोड़ रुपए का जुर्माना और RRPR होल्डिंग्स 25 करोड़ रु की पेनाल्टी लगाई गयी। सेबी ने फ्राडुलेंट एंड अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिस (Fraudulent and Unfair Trade Practice) के तहत इस प्रक्रिया को अंज़ाम दिया। इसके साथ ही दोनों पर 2 साल का प्रतिबंध भी लगाया हुआ है। जिसके तहत दोनों ही इस समयावधि के दौरान शेयर बाज़ार में कारोबार नहीं कर पायेगें। फिलहाल दोनों ने इसके खिलाफ न्यायालय में जाने का पूरा मन बना लिया है।

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