Moody’s का पूर्वानुमान, तेल की ऊंची कीमतों ने भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार को रोका

बिजनेस डेस्क (मृत्युजंय झा): मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस (Moody’s Investors Service) ने आज (17 मार्च 2022) भारत के सकल घरेलू उत्पाद के अनुमान को संशोधित कर 2022 के लिये 9.5 फीसदी से घटाकर 9.1 प्रतिशत कर दिया। ग्लोबल मैक्रो आउटलुक (Global Macro Outlook) 2022-23 (मार्च 2022 अपडेटेड) के मुताबिक भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) उच्च तेल की कीमतों को लेकर काफी संवेदनशील है, क्योंकि भारत कच्चे तेल का सबसे बड़ा आयातक है।

हाल ही में रूस और यूक्रेन (Russia and Ukraine) से जुड़े भू-राजनीतिक संकट ने ब्रेंट कच्चे तेल की कीमत को और अधिक बढ़ा दिया है। मौजूदा हालातों में रूस दुनिया में कच्चे तेल का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक है। भारत के लिते कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों का चलन चिंताजनक है क्योंकि भारत अपनी जरूरतों का लगभग 85 प्रतिशत कच्चा तेल आयात करता है। इसके अलावा ऊंची ईंधन लागत बड़े पैमाने पर मुद्रास्फीति को खुली रफ्तार देता है।

दूसरी ओर मार्च के अपडेट में बताया गया है कि भारत के कृषि निर्यात को अल्पावधि में लाभ होगा। चूंकि भारत अनाज का सरप्लस उत्पादक है, इसलिये कृषि निर्यात को ऊंची कीमतों पर बेचने से अल्पावधि में लाभ होगा। डीजल और उर्वरकों की बढ़ती लागत ऐसे में बड़ी चुनौती बन सकती है, जिसकी वज़ह से सरकारी वित्त पर भार पड़ेगा। साथ ही सरकार नियोजित पूंजीगत व्यय (Planned Capital Expenditure) को सीमित भी कर सकती है।

इसके अलावा अपडेट में कहा गया कि भारतीय अर्थव्यवस्था इस साल 9.1 फीसदी की रफ्तार से बढ़ेगी, इसके बाद साल 2023 में इसके रफ्तार 5.4 प्रतिशत होने का अनुमान है। मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने साफ किया कि पहले वाले पूर्वानुमान संशोधित किया गया क्योंकि कुछ ऐसे ठोस कारकों ने गति पकड़ ली, जिसका पहले आकलन नहीं किया गया था।

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