Mirzapur season 2 review : फैंस के दिलों को छू नहीं पायी, मिर्ज़ापुर-2 की कहानी

एंटरटेनमेंट डेस्क (रागिनी जयस्वाल): इंडियन वेब सीरीज की बात हो और amazon prime की सबसे पॉपुलर शो मिर्ज़ापुर (Mirzapur season 2) की बात ना हो, ऐसा हो ही नहीं सकता। दो साल के लम्बे इंतज़ार के बाद मिर्ज़ापुर सीज़न-2 को रिलीज़ कर दिया गया है। बीते गुरूवार amazon prime ने मिर्जापुर फैंस की बेकरारी को देखते हुए इसे तयशुदा वक्त से 3 घंटे पहले रिलीज़ कर, सबको चौंका दिया यूं कहे कि ये एक पब्लिसिटी स्टंट था।

पहले सीज़न के मुक़ाबले दूसरा सीजन लोगों को कुछ खासा पसंद नहीं आ रहा। हालांकि फैंस उम्मीदें बहुत थी इस सीज़न से। पुराने और नये किरदारों के बीच झूलती ये कहानी फैंस के दिलों पर दस्तक देने में नाकाम रही। इस सीजन की कहानी गुड्डू पंडित (Ali Fazal) के बदले, मिर्ज़ापुर का किंग बनाने के लिए मुन्ना त्रिपाठी (Divyendu sharma) की तड़प और कालीन भईया (Pankaj Tripathi) की सियासी चालों के इर्द-गिर्द घूमती है। कहानी को कमजोर बनाने में नये किरदारों का अहम रोल रहा है। चाहे फिर वो रति शंकर शुक्ला का बेटा शरद शुक्ला हो या फिर दद्दा त्यागी और उनके जुड़वां बेटों का किरदार ।

सीज़न-2 के फीमेल कैरेक्टर्स की बात करे तो सभी ने अपना किरदार बखूबी निभाया है। अखंडानंद त्रिपाठी (Pankaj Tripathi) की पत्नी बीना त्रिपाठी (Rasika Duggal) का किरदार दूसरे सीज़न में काफी खिलकर सामने आया। अपने ससुर सत्यानंद त्रिपाठी (Kulbhusan Kharbanda) के ख़िलाफ़ उन्होनें मजबूती से अपनी आवाज़ उठाई। इस सीज़न के फीमेल कैरेक्टर्स में माधुरी यादव का नया किरदार जोड़ा गया है। जो कि सीएम की बेटी और बाद में मुन्ना की पत्नी बनती है। माधुरी यादव के सियासी दांव के चलते कालीन भईया का दबदबा इस सीज़न में कमजोर पड़ता दिखा। माधुरी ही मुन्ना त्रिपाठी को कालीन भईया के खिलाफ बगावत के लिए तैयार करती है। माधुरी के किरदार में ईशा तलवार (Isha Talvaar) ने जोरदार भूमिका निभायी है। फीमेल कैरेक्टर्स में तीसरा और सबसे अहम किरदार गोलू गुप्ता (Shweta Tripathi) का है। जो सीज़न-1 से ही त्रिपाठियों से बदला लेने के फिराक में है। कहानी में जब भी गुड्डू भईया राइट ट्रैक से भटकते है तो गोलू ही उनको सही राह पर लाती है। पिछले सीज़न में चुप-चाप रहने वाली पढ़ाकू गोलू इस बार तमंचे पर धांय-धांय करती नज़र आयी।

पहले सीज़न में जहां बब्लू पंडित (Vikrant Messi) और स्वीटी गुप्ता (shriya pilgaonkar) के किरदारों का अंत हुआ। वहीं इस सीज़न में सत्यानंद त्रिपाठी और मुन्ना त्रिपाठी के किरदार अपने अंजाम तक पहुंचा दिये गये। आखिर में गुड्डू पंडित का बदला पूरा होता है, और वो किंग ऑफ मिर्जापुर बन जाते है। लेकिन इस बार भी मेकर्स ने कहानी को बेहद दिलचस्प मोड़ पर लाकर छोड़ा है। शरद शुक्ला अहम वक़्त पर आकर कालीन भईया को गुड्डू भईया के अटैक से बचा लेता है। ऐसे में ज़ाहिर तौर पर सीज़न 3 अगर आया तो कालीन भईया की फिर से मिर्जापुर में एंट्री देखने को मिलेगी। जिस तरह से ये सीज़न फैंस की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा उसे देखते हुए लगता है कि, फैंस अगले सीजन को लेकर ज़्यादा एक्साइटिड नहीं होगें।

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