Manipur Unrest: दंगाइयों की भीड़ ने इंफाल में केंद्रीय मंत्री आरके रंजन सिंह के घर में लगायी आग, अस्थिर बने हुए है हालात

न्यूज डेस्क (देवेंद्र कुमार): Manipur Unrest: केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री आरके रंजन सिंह (Union Minister of State for External Affairs RK Ranjan Singh) के इंफाल में कोंगबा (kongba) के बंगले में गुरुवार (15 जून 2023) देर रात दंगाइयों की भीड़ ने आग लगा दी। इस बात का खुलासा राज्य सरकार के सूत्रों ने किया। राज्य में हिंसा के दौर में लगातार इज़ाफा हो रहा है। बीते दो दिन के दौरान  नौ लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गयी और 10 अन्य लोग घायल हो गये, बीते गुरुवार को इंफाल (Imphal) में दंगाइयों और सुरक्षा अधिकारियों के बीच झड़पों के दौरान गुस्सायी भीड़ ने दो घरों को जला दिया।

गुरुवार को मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह (Chief Minister N. Biren Singh) ने कहा कि सरकार सभी स्तरों पर लगातार बातचीत कर रही है और आश्वासन दिया कि हिंसा के लिये जिम्मेदार लोगों को नतीज़े भुगतने होंगे। मणिपुर में बुधवार (14 जून 2023) को हिंसा की एक नई वारदात में नौ लोगों की मौत हो गयी और 10 अन्य घायल हो गये।

मामले में लेकर मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा कि- “हमारी प्रतिबद्धता के मुताबिक हम सभी से संपर्क कर रहे हैं, हम विभिन्न स्तरों पर लगातार चर्चा कर रहे हैं। राज्यपाल ने एक शांति समिति भी गठित की है और शांति समिति के सदस्यों के साथ परामर्श शुरू होगा। मुझे उम्मीद है कि राज्य के लोगों के समर्थन से हम लोग जल्द से जल्द शांति हासिल करेगें।”

मणिपुर में हाल ही में मेइतेई और कुकी समुदायों (Meitei and Kuki Communities) के बीच जातीय हिंसा के नतीज़न 100 से ज्यादा लोग मारे गये हैं और 310 लोग बुरी तरह जख़्मी हुए हैं। सूबे में व्यवस्था बहाल करने के लिये सेना और अर्धसैनिक बल के जवानों को मणिपुर भेजा गया है।

बता दे कि लड़ाई पहली बार 3 मई को तब शुरू हुई जब पहाड़ी जिलों फैले कई जनजातीय समुदाय के लोगों ने मेइती समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) श्रेणी में शामिल किये जाने का विरोध किया था। इसी के चलते मेइती समुदाय के खिलाफ राज्य में आदिवासी एकजुटता मार्च (Tribal Solidarity March) निकाला गया था। मणिपुर की आबादी का लगभग 53 फीसदी हिस्सा वाले मेइती इंफाल घाटी (Imphal Valley) में रहते हैं। वहीं दूसरी ओर अन्य 40 फीसदी आबादी नागा और कुकी जनजातियों से मिलकर बनी है, जो कि पहाड़ी जिलों में रहते हैं।

Leave a comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More