BSF के अधिकार क्षेत्र मामले को लेकर ममता बनर्जी में साधा मोदी सरकार पर निशाना

न्यूज डेस्क (समरजीत अधिकारी): पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आज (28 अप्रैल 2022) भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए कूच बिहार पुलिस से सीमा सुरक्षा बल (BSF) को अंतर्राष्ट्रीय सीमा से 50 किलोमीटर से ज़्यादा अधिकार क्षेत्र नहीं देने की बात कहीं। साथ ही केंद्र सरकार के इस कदम को उकसावे से भरी कार्रवाई बताया।  पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ने ये भी आरोप लगाया कि “बीएसएफ गांवों में घुस रही है और लोगों की पिटाई कर रही है और साथ ही उन्हें अंतर्राष्ट्रीय सीमा के दूसरी तरफ फेंक रही है”।

ममता बनर्जी (West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee) ने आगे कहा कि- “बीएसएफ को राज्य में अंतरराष्ट्रीय सीमा से परे 50 किलोमीटर के इलाकों में घुसने करने की अनुमति न दें क्योंकि वो गांव में घुस कर हैं, लोगों को मार रहे हैं और उन्हें दूसरी तरफ फेंक रहे हैं। बीएसएफ को निर्देश दिया जाये कि वो कोई भी ऑप्रेशन पश्चिम बंगाल पुलिस (West Bengal Police) को विश्वास में ही लेकर करें।” मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी ने राज्य पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के सामन ये बात रखी, जब वो उनसे वर्चुअल बैठक कर रही थी।

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने पिछले साल सीमा सुरक्षा बल को पंजाब, पश्चिम बंगाल और असम (Assam) में अंतर्राष्ट्रीय सीमा (International Border) से पीछे 50 किलोमीटर के दायरे में तलाशी, जब्ती और गिरफ्तारी करने का अधिकार दिया था। जिसके लिये बीएसएफ अधिनियम (BSF Act) में संशोधन किया गया। पहले ये दायरा 15 किलोमीटर तक ही सीमित था।

इस संशोधन ने संबंधित राज्यों में कानून व्यवस्था की स्थिति बनाये रखने में बीएसएफ और राज्य पुलिस की भूमिका को लेकर राजनीतिक खींचतान शुरू कर दी। पंजाब और पश्चिम बंगाल सरकारों ने पिछले साल नवंबर महीने में पाकिस्तान और बांग्लादेश (Pakistan and Bangladesh) से लगी अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं पर बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र को 15 किलोमीटर से बढ़ाकर 50 किलोमीटर करने के केंद्र के फैसले के खिलाफ प्रस्ताव भी पारित किया था। उन्होंने केंद्र सरकार से 11 अक्टूबर 2021 को पारित आदेश को वापस लेने के लिये भी कहा।

केंद्र और पश्चिम बंगाल सरकारें पिछले कई सालों से विभिन्न मुद्दों, खासतौर से राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर आमने-सामने हैं। बनर्जी ने राज्य पुलिस के साथ एक बैठक में यहां तक ​​दावा किया कि राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति अच्छी है, लेकिन मीडिया के कुछ वर्ग जानबूझकर गलत जानकारियां फैला रहे हैं और उन्होनें कहा कि इस तरह के मामले पश्चिम बंगाल में दर्ज हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात और मध्य प्रदेश (Gujarat and Madhya Pradesh) में नहीं हैं।

उन्होंने कहा कि, “आत्महत्या से मौत के मामले को विपक्षी दलों द्वारा बलात्कार के मामले के रूप दिया गया। भाजपा और माकपा (BJP and CPI(M)) दोनों पश्चिम बंगाल को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। हम बंगाल को हाथरस या उन्नाव (Hathras or Unnao) नहीं बनने देंगे।” हालांकि उन्होंने राज्य में हुई हालिया घटनाओं के बारे में पश्चिम बंगाल पुलिस से भी सवाल किया।

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