Mahant Narendra Giri Death: यूपी सरकार को इस मामले पर देना होगा ज़वाब- संजय राउत

न्यूज डेस्क (समरजीत अधिकारी): Mahant Narendra Giri Death: अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (Akhil Bhartiya Akhara Parishad-ABAP) के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की रहस्यमयी मौत पर सवाल उठाते हुए शिवसेना नेता संजय राउत ने आज (21 सितंबर 2021) कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार को इस मामले पर जवाब देना होगा। एएनआई से बात करते हुए राउत ने कहा कि एबीएपी अध्यक्ष का निधन काफी रहस्यमय है और उनका आत्महत्या करना बेतुका लगता है क्योंकि जो व्यक्ति सभी का मार्गदर्शन करता है वो ऐसा नहीं कर सकता।

संजय राउत ने कहा कि, “ये घटना हिंदू समाज के लिए बहुत दर्दनाक है। महंत नरेंद्र गिरि के शिवसेना के साथ अच्छे संबंध थे। वो हिंदू धर्म के हर आंदोलन में आगे थे। इस मामले में चीजों को छिपाने के किसी भी प्रयास को रोकने के लिये जांच ठीक से की जानी चाहिए।” .

पालघर में दो साधुओं की हत्या का हवाला देते हुए शिवसेना (Shiv Sena) नेता ने कहा कि- “वो कथित घटना बेहद दर्दनाक थी और तब दिल्ली से लेकर उत्तर प्रदेश तक सवाल उठाये गये थे। आज उत्तर प्रदेश सरकार को महाराज की मौत से जुड़े जो सवाल दिल्ली से लेकर महाराष्ट्र तक उठाए जा रहे उनका जवाब देना होगा।”

गौरतलब है कि महंत नरेंद्र गिरि बीते सोमवार (20 सितंबर 2021) को प्रयागराज में अपने बाघंबरी मठ स्थित आवास पर रहस्यमय परिस्थितियों में मृत (Dead Under Mysterious Circumstances) पाये गये थे। मौका-ए-वारदात से एक सुसाइड नोट (Suicide note) भी बरामद किया गया, जिसमें उनके शिष्यों, आनंद गिरि और दो अन्य लोगों के नाम का जिक्र किया गया था, जिसके बाद आनंद गिरि के खिलाफ आईपीसी की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) के तहत और एक अन्य शिष्य अमर गिरि पवन महाराज (Amar Giri Pawan Mahara) की लिखित तहरीर पर प्राथमिकी दर्ज की गयी।

इससे पहले दिन में पुलिस ने आरोप को साजिश करार देने वाले आनंद गिरि को हिरासत में (Anand Giri in custody) ले लिया। आनंद गिरि ने यूपी पुलिस (UP Police) के सामने दावा करते हुए कहा कि "ये उन लोगों की बड़ी साजिश है जो गुरुजी से पैसे वसूल करते थे और पत्र में मेरा नाम लिखा था। इसकी जांच की जानी चाहिए क्योंकि गुरुजी ने अपने पूरे जीवन में एक भी पत्र नहीं लिखा और वो आत्महत्या नहीं कर सके। कथित पत्र में जो उनकी लिखावट का जिक्र किया गया है, उसकी जांच की जानी चाहिये।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी एबीएपी अध्यक्ष के आवास पर उन्हें श्रद्धांजलि दी और सुनिश्चित किया कि उचित जांच करने के साथ दोषियों को बख्शा ना जाये।

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