Kargil Vijay Diwas: कारगिल विजय को हुए 22 साल, जानिये भारतीय सेना की जीत से जुड़ी अहम बातें

नई दिल्ली (शौर्य यादव): आज ही के दिन साल 1999 में कारगिल-द्रास सेक्टर में पाकिस्तानी घुसपैठियों भारतीय सेना ने बाहर खदेड़ा था। जिसकी याद में हर साल कारगिल विजय दिवस (Kargil Vijay Diwas) मनाया जाता है। सेना के जवानों ने इस दिन ऑपरेशन विजय में जीत हासिल की थी। इसके साथ ही पाकिस्तान सेना द्वारा हथियायी गयी सभी पोस्टों पर इंडियन आर्मी ने फिर से अपना कब़्जा बहाल कर लिया।

अपने प्राणों की आहुति देने वाले सशस्त्र बलों के बहादुर सैनिकों के प्रति सम्मान और कृतज्ञता दिखाने के लिए पूरे देश में हर साल कारगिल विजय दिवस की वर्षगांठ (Anniversary) मनायी जाती है। कारगिल युद्ध या कारगिल संघर्ष 3 मई और 26 जुलाई, 1999 के दौरान कारगिल जिले में नियंत्रण रेखा के पास हुआ। करीब 60 दिनों तक इस लड़ाई में दोनों मुल्कों के कई लोगों की जान चली गयी।

देश के लिए अपने प्राणों की आहुति (Sacrifice Of Life) देने वाले कारगिल युद्ध के नायकों को सम्मानित करने के लिये सशस्त्र बलों के योगदान को सम्मान देने के लिये पूरे देश में कई कार्यक्रमों और समारोहों का आयोजन किया जाता है।

Kargil War: लड़ाई से जुड़ी अहम बातें:

1. कारगिल युद्ध 1999 में भारत और पाकिस्तान के बीच कारगिल लद्दाख में लड़ा गया था, जो कि शुरू में बाल्टिस्तान जिला था। ये जिला पहले कश्मीर युद्ध के बाद एलओसी द्वारा अलग किया गया था।

2. भारतीय पक्ष ने नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तानी सैनिकों और कश्मीरी आतंकवादियों द्वारा हुई घुसपैठ को खाली कराने के लिये कारगिल सेक्टर में 'ऑपरेशन विजय' शुरू किया।

3. कारगिल 1971 के युद्ध के बाद ये भारत और पाकिस्तान के बीच पहला युद्ध था। साल 1971 के युद्ध के बाद बांग्लादेश एक अलग देश बना था।

4. लड़ाई के समय अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार सत्ता में थी।

5. दोनों देशों द्वारा शिमला समझौते पर हस्ताक्षर करने के बावजूद युद्ध हुआ, जिसमें कहा गया था कि उक्त सीमा पर कोई सशस्त्र संघर्ष नहीं होगा।

6. जैसा कि भारत ने कारगिल में पाकिस्तान से लड़ते हुए अपनी सेना के जवानों को आम जनता ने टीवी पर देखा। 22 साल पहले इसी दिन 'ऑपरेशन विजय' को सफल करार दिया गया था। जब भारत ने एक निर्णायक जीत हासिल की थी। पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने 14 जुलाई को ऑपरेशन को सफल घोषित किया, ऑपरेशन को आधिकारिक तौर पर 26 जुलाई, 1999 को बंद घोषित कर दिया गया।

7. सफ़ेद सागर भारतीय वायु सेना का ऑपरेशन कारगिल युद्ध का एक प्रमुख हिस्सा था। इसके तहत पहली बार 32,000 फीट की ऊंचाई पर वायु शक्ति का इस्तेमाल किया पाकिस्तानी सैनिकों और मुजाहिद्दीनों की पहचान से लेकर इंटरवेंशन तक। वायुसेना के पायलटों और इंजीनियरों ने सिर्फ एक हफ़्ते की ट्रेनिंग के बावजूद सभी तरह के कामों और मिशनों को बखूबी अंज़ाम दिया।

8. कारगिल उच्च ऊंचाई वाले युद्ध के सबसे हालिया और कुख्यात उदाहरणों में से एक है, यानि युद्ध जो पहाड़ी इलाकों में लड़े जाते हैं। उबड़-खाबड़ इलाके और प्राकृतिक बनावट के कारण ऐसे युद्धों को ज़्यादा खतरनाक माना जाता है।

9. ये उन कुछ उदाहरणों में से एक था जब दो परमाणु राज्यों के बीच युद्ध लड़ा गया था। ये दोनों देशों के बीच मीडिया में व्यापक रूप से कवर किया गया पहला युद्ध भी था।

10. भारत ने कारगिल इलाके में 500 से ज़्यादा सैनिकों को खो दिया जबकि पाकिस्तान की रिपोर्टों में दावा किया गया कि उनके 3000 से ज़्यादा सैनिक, मुजाहिदीन और घुसपैठिए मारे गये।

11. भारतीय सेना द्वारा निर्मित द्रास में कारगिल युद्ध स्मारक की दीवार में उन सभी भारतीय सैनिकों के शिलालेख हैं, जिन्होंने युद्ध में अपनी जान गंवाई। स्मारक में कारगिल में भारतीय सैनिकों के दस्तावेजों, रिकॉर्डिंग और चित्रों के साथ संग्रहालय भी है।

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