Inflation: भारत समेत दुनिया भर में बढ़ रही है मंहगाई, जानिये इसके पीछे की बड़ी वज़हें

बिजनेस डेस्क (राजकुमार): पिछले तीन सालों में न सिर्फ भारत में बल्कि पूरे विश्व में मुद्रास्फीति (Inflation) में जबरदस्त इज़ाफा हुआ है। तो क्या कारण है कि अमेरिका, ब्रिटेन और जर्मनी (Britain and Germany) जैसे देशों की सरकारें भी इस महंगाई के सामने नाकाम हो गई हैं? जब महंगाई बढ़ती है तो शेयर बाजार में कितना बड़ा धमाका होता है। दुनिया के लगभग सभी बड़े शेयर बाजारों में ऐतिहासिक गिरावट दर्ज की गयी है। महंगाई ने दुनिया भर के शेयर बाजारों को हिला कर रख दिया है।

हाल ही में भारत में खुदरा मुद्रास्फीति (Retail Inflation) दर पर नया डेटा जारी किया गया। पिछले महीने यानि अप्रैल 2022 में खुदरा महंगाई दर 7.79 फीसदी दर्ज की गयी। खुदरा महंगाई बढ़ने का सीधा सा मतलब है कि जब आप कोई प्रोडक्ट खरीदने जाते हैं तो वो पहले से ज्यादा महंगा हो जाता है। खुदरा महंगाई में ये बढ़ोतरी जुलाई 2014 के बाद सबसे ज्यादा है। मई 2014 में ये 8.33 फीसदी थी। आसान शब्दों में कहें तो ये भारत में पिछले आठ साल का सबसे महंगा दौर है।

भारत में खुदरा महंगाई दर का अनुमान लगभग 450 वस्तुओं और सेवाओं की कीमत के आधार पर लगाया जाता है। इनमें से 45 प्रतिशत अनाज, दूध, सब्जियां, मिठाई, तेल, चिकन, मटन, मछली और अंडे जैसे खाने-पीने की चीजें हैं। इसके अलावा स्वास्थ्य, शिक्षा, यातायात और मकान निर्माण जैसी सेवायें भी इसमें शामिल हैं।

फरवरी से अप्रैल के बीच सब्जियों के दाम 23 फीसदी से ज्यादा बढ़े। इसके अलावा जनवरी 2010 के बाद आटे की कीमतों में भी भारी इज़ाफा हुआ है। पेट्रोल और डीजल (Petrol And Diesel) की कीमतों ने भारत के आम लोगों को लगातार प्रभावित कर रखा है। सीएनजी (CNG) की कीमतों में भी 69 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। इसी तरह रसोई गैस सिलेंडर (LPG cylinder) की कीमतों में भी करीब 23 फीसदी का इजाफा हुआ है।

कुल मिलाकर भारत में महंगाई काफी बढ़ गयी है। लेकिन बड़ा सवाल ये है कि क्या ऐसा सिर्फ भारत में ही हो रहा है? तो उत्तर नहीं है।

दुनिया में मंहगाई के हालात

मुद्रास्फीति के मामले में भारत की स्थिति अमेरिका, रूस और ब्रिटेन जैसे देशों की मुकाबले काफी बेहतर है। रूस में मौजूदा खुदरा महंगाई बीते 20 सालों का रिकॉर्ड तोड़ रही है। वहां महंगाई दर 17.8 फीसदी दर्ज की गयी है। भारत में ये दर 7.79 प्रतिशत है। यानि रूस में महंगाई भारत के मुकाबले काफी ज्यादा है।

अमेरिका में महंगाई 41 साल के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गयी है। अमेरिका में 1981 के बाद ये पहला मौका है, जब मार्च के महीने में महंगाई दर 8.5 फीसदी दर्ज की गयी। इसी तरह ब्रिटेन में 40 साल बाद महंगाई दर ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिये हैं। ब्रिटेन में बीते अप्रैल महीने में महंगाई दर 9 फीसदी दर्ज की गयी।

इसके अलावा ब्राजील में महंगाई दर 12.13 फीसदी, पाकिस्तान में 13.4 फीसदी, मिस्र और तुर्की में 13.1 फीसदी में हो गयी है। जर्मनी में भी महंगाई ने 32 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है।

आखिर मंहगाई क्यों फैल रही है दुनिया भर में

इसके तीन बड़े कारण हैं।

  • पहला कारण है कोविड- सख्त पाबंदियों के चलते जिन सप्लाई चेन को विकसित होने में दशकों लग गये थे, वो कुछ ही दिनों में टूट गयी। आपूर्ति श्रृंखलाओं (Supply Chains) का असर सभी देशों के लिये चिंता का सब़ब बना हुआ है।

  • मुद्रास्फीति का दूसरा कारण यूक्रेन और रूस (Ukraine and Russia) के बीच जंग है – इस जंग की वज़ह से पूरी दुनिया में अनाज का संकट पैदा हो गया है। रूस और यूक्रेन दोनों दुनिया की खाद्यान्न जरूरतों का 25 प्रतिशत पूरा करते हैं। जंग के बाद से इन देशों ने अनाज के निर्यात को सीमित कर दिया है।

  • तीसरा बड़ा और अहम कारण है मौसम – पिछले साल भारत के कई राज्यों में बेमौसम बारिश हुई। ब्राजील में कई सालों के बाद भयंकर सूखा पड़ा। अमेरिका में एक के बाद एक दो बड़े तूफान आये और यूरोपीय मुल्कों में मौसम का मिजाज भी काफी बदल गया, जिससे किसानों की फसलें बुरी तरह प्रभावित हुई। इससे उत्पादन कम हो गया और इन फसलों की बाजारों में पर्याप्त मात्रा में आपूर्ति नहीं हो सकी।

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