Gyanvapi Masjid Controversy: हिंदू मंदिर के अवशेष, शिवलिंग का दावा: जानिये आखिर क्या कहती है ज्ञानवापी मस्जिद की सर्वे रिपोर्ट

न्यूज डेस्क (ताराना बोस): ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Masjid) वीडियो सर्वेक्षण 16 मई को पूरा किया गया था और सर्वेक्षण की रिपोर्ट बीते गुरूवार (19 मई 2022) को सर्वोच्च न्यायालय को सौंपी गयी। सर्वे टीम की रिपोर्ट बताती है कि मस्जिद का संबंध हिंदू मंदिर (Hindu temple) से है।

ज्ञानवापी मस्जिद की सर्वेक्षण रिपोर्ट का विवरण मीडिया में लीक कर दिया गया और मस्जिद बनने से पहले हिंदू मंदिर होने के दावों को तेजी से हवा दी गयी। इस शुरूआती साक्ष्यों और तथ्यों से सामने आया कि मस्जिद हिंदू मंदिर के अवशेषों पर बनाई गयी थी, जिसमें कई हिंदू धार्मिक नक्काशी (Hindu Religious Carvings) परिसर में साफ दिखायी दे रही थी।

जानिये वीडियोग्राफी सर्वेक्षण के दौरान ज्ञानवापी सर्वे टीम ने क्या पाया

  • दीवारों पर पान के पत्तों की बनावट की नक्काशी थी, जो हिंदू संस्कृति में अहम हिस्सा हैं।

  • मस्जिद के अंदर चार स्तंभों में फूलों, कलश और मंदिर की घंटियों की नक्काशी पायी।

  • एक स्तंभ पर पुरानी हिंदी भाषा में लिखे गये ग्रंथ उकेरे पाये गये, जो कि वीडियोग्राफी सर्वेक्षण (Videography Survey) टीम द्वारा पढ़ने योग्य नहीं थे।

  • ज्ञानवापी मस्जिद के एक द्वार के शीर्ष पर मंदिर की घंटी (घंटी) लगायी गयी थी।

  • ब्रह्मकमल और त्रिशूल (Brahmakamal and Trishul) के निशान भी दीवारों पर देखे गये, जो कि साफ करते है कि इलाका भगवान शिव के मंदिर से जुड़ा हुआ है।

  • एक दीवार पर तीन कमल के फूलों की नक्काशी थी, जिसके ऊपर स्वस्तिक (Swastika) की बनावट थी।

  • तहखाने के परिसर के स्तंभों में कमल के फूल और कलश की नक्काशी के साथ कई स्तंभ भी देखे गये।

इससे पहले याचिकाकर्ताओं ने ये भी दावा किया है कि तालाब वाले क्षेत्र में एक शिवलिंग (Shivling) रखा गया है, जिसके कारण अधिकारियों ने ज्ञानवापी परिसर के उस हिस्से को बंद कर दिया। 16 मई को पूरे हुए ज्ञानवापी मस्जिद के वीडियोग्राफी सर्वे का मुस्लिम समुदाय ने विरोध किया था, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) में इसके खिलाफ याचिका दायर की गयी थी। अब सर्वेक्षण रिपोर्ट शीर्ष अदालत को सौंप दी गयी है और पीठ द्वारा इसका विश्लेषण किया जा रहा है।

मस्जिद समिति (Mosque Committee) और कई राजनीतिक नेताओं ने दावा किया है कि मस्जिद के अंदर ‘शिवलिंग’ असल में फव्वारा है, और इलाके को सील करना गलत है। माना जा रहा है कि ज्ञानवापी विवाद पर सुप्रीम कोर्ट जल्द फैसला सुना सकता है।

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