Cabinet Expansion: 36 नये चेहरों को मिली कैबिनेट में जगह, सात को मिला प्रमोशन, जानिये कैबिनेट विस्तार से जुड़ी अहम बातें

नई दिल्ली (शौर्य यादव): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मंत्रिमंडल का अब तक का सबसे बड़ा विस्तार (Cabinet Expansion) किया है। कुल मिलाकर 36 नये मंत्री इस बार कैबिनेट में शामिल हुए हैं, 7 पुराने मंत्रियों को पदोन्नत किया गया। साथ ही 12 मंत्रियों ने इस्तीफा दिया। सबसे बड़ी खबर देश के चार बड़े मंत्रियों का इस्तीफा है। इनमें स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन, कानून और आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद, सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक शामिल हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कैबिनेट विस्तार कार्यक्रम बुधवार (7 जुलाई 2021) को राष्ट्रपति भवन में हुआ, इस दौरान कुल 15 नेताओं ने कैबिनेट मंत्री और 28 नेताओं ने राज्य मंत्री पद की शपथ ली।

Cabinet Expansion से जुड़ी अहम बातें

कुल 43 नेताओं ने मंत्री पद की शपथ ली, जिनमें 36 ऐसे नेता हैं, जो पहली बार मोदी मंत्रिमंडल का हिस्सा बनने जा रहा है। साथ ही सात ऐसे नेता है, जिन्हें प्रमोशन दिया गया है। मंत्रिमंडल के विस्तार के बाद अब दलित समुदाय (Dalit community) से तालुक्क रखने वाले 12 नेता मोदी मंत्रिमंडल बने। ये सभी नेता देश के आठ अलग-अलग राज्यों से आते हैं। यहां एक और खास बात ये है कि अनुसूचित जाति से आने वाले ये सभी नेता 12 अलग-अलग समुदायों के हैं।

इसके अलावा नई कैबिनेट में अब अनुसूचित जनजाति के मंत्रियों की संख्या बढ़कर 8 हो गई है, जो अब तक किसी भी सरकार में अनुसूचित जनजाति के मंत्रियों की कैबिनेट में सबसे बड़ी हिस्सेदारी है। यहां भी इस बात का ध्यान रखा गया है कि अनुसूचित जनजाति में भी किसी एक समुदाय को खास तव्ज़जों न मिले। इसे देखते हुए आदिवासी समुदाय की सात उपजातियों के नेताओं को मोदी सरकार में मंत्री बनाया गया है।

इस कैबिनेट विस्तार के साथ ही कैबिनेट में सबसे ज्यादा ओबीसी समुदाय (OBC community) के मंत्री होने का रिकॉर्ड भी बन गया, जो कि आज तक किसी भी सरकार में नहीं देखा गया था। अब प्रधानमंत्री मोदी की टीम में कुल 27 मंत्री ओबीसी समुदाय से होंगे। इसे भारत की पहली ओबीसी सरकार भी कहा जा सकता है, जिसमें प्रधानमंत्री खुद ओबीसी समुदाय से आते हैं।

इसके अलावा केंद्रीय मंत्रिमंडल में महिलाओं की संख्या भी बढ़कर 11 हो गयी है। इस विस्तार के बाद इसे युवाओं की सरकार भी कहा जा रहा है जबकि कैबिनेट विस्तार से पहले प्रधानमंत्री मोदी की मंत्रिपरिषद की औसत आयु 61 वर्ष थी, अब ये 58 साल हो गयी है।

कैबिनेट में अनुभवी नेताओं की संख्या बहुत ज्यादा है। इनमें 46 नेता ऐसे हैं, जो पहले कभी केंद्र सरकार में काम कर चुके हैं। इसके साथ ही 23 नेता ऐसे हैं जो तीन या ज़्यादा बार लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं।

अब प्रधानमंत्री मोदी की टीम में राज्यों के अनुभवी नेता होंगे। मसलन कैबिनेट विस्तार के बाद अब सरकार में 4 ऐसे नेता हैं जो मुख्यमंत्री रह चुके हैं। इनमें असम के पूर्व मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे, राजनाथ सिंह और अर्जुन मुंडा शामिल हैं। इसके अलावा खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी चार बार गुजरात के मुख्यमंत्री रह चुके हैं।

इस कैबिनेट में 18 नेता हैं, जिनके पास राज्य सरकारों में मंत्री के रूप में अनुभव है और 39 नेता ऐसे है जो पूर्व में विधायक रहे चुके हैं।

मंत्रिमंडल के विस्तार के बाद अब सरकार में पढ़े-लिखे नेताओं की संख्या सबसे ज्यादा हो गयी है, जिसमें 13 वकील, 6 डॉक्टर, 5 इंजीनियर, 7 नौकरशाह, 7 पीएचडी 3 एमबीए और 68 नेता स्नातक हैं। यानि कि प्रधानमंत्री मोदी की नई टीम में 88 फीसदी नेता ग्रेजुएट हैं। कैबिनेट विस्तार का एक और बड़ा आकर्षण ये है कि अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंत्रिपरिषद बहुत बड़ी हो गयी है और इसमें कुल नेता अब 77 हो गये हैं, जो पहले 53 थे।

Leave a comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More