#RIPHumanity: इंसान की फितरत – ख़ुदगर्ज़ी और धोखा

अमिता थापा: कोरोना ने इंसान को उसकी औक़ात बता दी है पर इंसान को न शर्म आयी है न वो प्रकृति से खिलवाड़ करने से पीछे हटाहै। #Kerala में एक भूखी गर्भवती हथिनी (elephant) इंसान पर भरोसा कर लेती है। कई दिन से भूखी होने पर वो इंसान के दिए अनन्नास को खा लेती है लेकिन इंसान को देखिए, जिसकी फ़ितरत में ख़ुदगर्ज़ी और धोखा है।

उसके लिए उसमें पटाखे भर कर रखेथे। मुँह में पटाखे फट जाते हैं और चोटिल मुँह की जलन बुझाने वो हथिनी किसी तरह नदी तक पहुँचती है पर पानी में खड़े-खड़े उस बेज़ुबान की गर्भ में पल रहे बच्चे समेत जान चली जाती है।

यहाँ ये बात बताना ज़रूरी है कि उस असहनीय पीड़ा में भी हथिनी कोई तोड़फोड़ नहीं करती साथ ही ये भी कि केरल में साक्षरता को उदाहरण के रूप में अक्सर पेश किया जाता है अब जिस इंसान की फ़ितरत में सिर्फ़ स्वार्थ हो तो प्रकृति उसे सबक़ सिखाए तो आश्चर्य की बात क्या ?

इस घटना के तुरंत बाद से सोशल मीडिया पर सदमे की लहरें दौड़ पड़ी हैं जिसके चलते ट्विटर पर #RIPHumanity ट्रेंड कर रहा है, हजारों लोगों ने अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। ट्विटर पर, कई लोगों ने पशु क्रूरता के जघन्य कृत्य के लिए न्याय की मांग की है।

रज़ा खान ट्वीट करते हुए लिखते है कि मानवता और मानवीय मूल्य तेजी से कम हो रहे हैं। एक गर्भवती महिला को भी एक अस्पताल में प्रवेश से वंचित कर दिया गया था – वह अस्पतालों के बीच चल रही थी। #RIPHumanity
कम से कम हम हाथी का शोक मना रहे हैं – हमारे पास अभी भी कुछ सहानुभूति है।

विकास ट्वीट करते हुए लिखते है कि हमारे कर्म के कारण हमें इस तरह की स्थिति का सामना करना पड़ा, एक इंसान के रूप में हमने अपनी सीमाएं पार कर लीं

दीप ट्वीट करते हुए लिखते है कि मानवता अब अस्तित्व में नहीं है

https://twitter.com/deepakgawai420/status/1268168678081781762
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