टेक डेस्क (नई दिल्ली): आपके साथी का रात में अपने Electronic Media Gadgets जैसे स्मार्टफोन या टैबलेट को बिस्तर पर लाना न केवल मूड किलर हो सकता है, बल्कि उसके फिटनेस स्तर के नुकसान भी हो सकता है क्योंकि डॉक्टरों का कहना है कि यह उसके शुक्राणुओं (sperm) को भारी नुकसान पहुंचाकर उसका स्वास्थ्य खराब करता है। स्वास्थ्य पर सेल फोन विकिरण का प्रभाव काफी समय से रुचि और जांच का विषय रहा है और वर्चुअल स्लीप 2020 बैठक में साझा किए गए एक अध्ययन ने खराब शुक्राणु की गुणवत्ता को शाम और देर रात प्रकाश उत्सर्जक डिजिटल उपकरणों के संपर्क से जोड़ा।
इसने स्वस्थ पुरुष शुक्राणु मापदंडों और प्रजनन क्षमता पर सेल फोन विकिरण के प्रभाव के बीच एक महत्वपूर्ण संबंध पर प्रकाश डाला और खुलासा किया कि स्मार्टफोन और टैबलेट का उपयोग शाम को और सोने के बाद शुक्राणु की गतिशीलता, शुक्राणु की प्रगतिशील गतिशीलता और शुक्राणु एकाग्रता को कम करता है। शोधकर्ताओं ने दावा किया कि इन उपकरणों से उत्सर्जित लघु-तरंग दैर्ध्य प्रकाश (SWL) के संपर्क में जितना अधिक होगा, स्थिर शुक्राणु का प्रतिशत उतना ही अधिक होगा और नींद की अवधि कुल शुक्राणुओं की संख्या और प्रगतिशील गतिशीलता के साथ सकारात्मक रूप से सहसंबद्ध है।
नोएडा में जेपी हॉस्पिटल (JP Hospital) और ज़ीवा फर्टिलिटी क्लिनिक की सीनियर कंसल्टेंट IVF डॉ श्वेता गोस्वामी ने इसी बात को प्रतिध्वनित करते हुए समझाया, “डिजिटल उपकरणों जैसे फोन, लैपटॉप, टैबलेट और यहां तक कि डिजिटल टेलीविजन सिस्टम से निकलने वाले प्रकाश के संपर्क में आने से न केवल नींद में खलल पड़ सकता है, बल्कि नींद में भी गड़बड़ी हो सकती है। ये उपकरण शुक्राणुओं को ठीक से तैरने और अपने गंतव्य तक पहुंचने में बाधा उत्पन्न करते हैं, इसलिए पुरुष बांझपन (male infertility) दर में वृद्धि होती है।