Haryana: नयी संसद के बाहर महापंचायत करेंगें प्रदर्शनकारी पहलवान, हरियाणा में बढ़ी सियासी तपिश

न्यूज डेस्क (गंधर्विका वत्स): साल भर के कृषि विरोध की यादें अभी भी लोगों के ज़हन में ताजा हैं, हरियाणा (Haryana) चुपचाप केंद्र सरकार के साथ एक और गतिरोध को रोकने की तैयारी कर रहा है। जहां केंद्र सरकार आने वाले रविवार (28 मई 2023) को नई दिल्ली में नये संसद भवन के भव्य उद्घाटन के लिये तैयार हो रही है, वहीं हरियाणा में कई सामाजिक संगठन किसान संघों से लेकर खाप पंचायतों तक महापंचायत आयोजित करने के लिये उसी दिन संसद भवन के बाहर जुटने की योजना बना रहे हैं। इस दौरान उनके साथ उनके राज्य के पहलवान होंगे जो कि 23 अप्रैल से राजधानी दिल्ली में भाजपा सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) की गिरफ्तारी की मांग करते हुए जंतर मंतर (Jantar Mantar) पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

हरियाणा में जींद-नरवाना राष्ट्रीय राजमार्ग (Jind-Narwana National Highway) पर खटकड़ टोल प्लाजा (Khatkar Toll Plaza) पर बीते गुरुवार (25 मई 2023) को किसान पंचायत बुलाई गयी। इस कार्यक्रम में जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक (Satyapal Malik) ने बजरंग पुनिया और विनेश फोगट समेत किसान यूनियनों के नेताओं और विरोध करने वाले कई पहलवानों के साथ मंच साझा किया। ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पुनिया (Bajrang Punia) और एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता फोगट दोनों रविवार को होने वाली महापंचायत के लिये समर्थन मांगने के लिये हरियाणा और पड़ोसी राज्यों से गुजर रहे हैं।

कार्यक्रम में फोगट ने बृजभूषण के खिलाफ कार्रवाई न होने की आलोचना करते हुए कहा, “जब हमने अपने देश के लिये पदक जीते तो हमें महसूस कराया गया कि इस देश में बेटियों को बहुत सम्मान मिलता है। लेकिन आज वही बेटियां इंसाफ के लिये सड़कों पर बैठने को मजबूर हैं और किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता। ये हमारे तिरंगे के सम्मान की लड़ाई है। 28 मई को संसद भवन के बाहर महापंचायत होगी। हम इस देश के सभी युवाओं और महिलाओं से अपील करते हैं कि वो नई दिल्ली पहुंचें और इस महापंचायत में हिस्सा लें। हम बृजभूषण जैसे सभी लोगों को बाहर कर देंगे, जो न सिर्फ कुश्ती में, बल्कि कई अन्य खेल संघों में भी अहम ओहदों पर काबिज हैं।”

अब महापंचायत भाजपा को जनसंपर्क समस्या के साथ सामने आ खड़ी हुई। करती है, जिस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी सरकार की सबसे महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक नये संसद भवन का अनावरण करने के लिये तैयार हैं, भारतीय जनता पार्टी हरियाणा में सियासी गर्मी महसूस कर रही है।

असंतोष को भांपते हुए खासतौर से ग्रामीण क्षेत्रों में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने अप्रैल से पूरे राज्य में “जन संवाद” कार्यक्रम आयोजित करना शुरू कर दिया है। वो हरेक जिले में तीन दिन बिता रहे हैं और खासतौर से ग्रामीण मतदाताओं के साथ बातचीत कर रहे हैं। अब तक खट्टर ने भिवानी, पलवल, कुरुक्षेत्र और सिरसा (Kurukshetra and Sirsa) को कवर किया है। महेंद्रगढ़ जिले (Mahendragarh District) में उनका जनसंवाद कार्यक्रम आज (26 मई 2023) खत्म होने वाला है और अब तक सीएम 55 से ज्यादा गांवों को कवर कर चुके हैं। सीएम ने मौके पर नागरिक समस्याओं को दूर करने, फसलों की समय पर खरीद सुनिश्चित करने और फसल के नुकसान के लिये बकाया राशि का भुगतान करने पर खासा ध्यान केंद्रित किया है।

खास बात ये रही कि सिरसा में सीएम खट्टर का आउटरीच कार्यक्रम लगातार तीन दिनों के लिये रहा, जहां एक महिला सरपंच के गुस्से का सामना सीएम खट्टर का करना पड़ा। कार्यक्रम के दौरान महिला सरपंच ने अपना दुपट्टा उतार सीएम की ओर फेंक दिया था। सीएम ने इस हरकत के लिये कुछ राजनीतिक दलों के लोगों को दोषी ठहराया और प्रशासन को इन्हें रोकने का निर्देश दिये। खट्टर ने उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की जो किसी अन्य राजनीतिक दल के कार्यक्रम को भी बाधित करते हैं।

महापंचायत के सवाल पर हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज (Home Minister Anil Vij) ने कहा कि, ”आंदोलन करने वाले पहलवानों की समस्या का जल्द समाधान किया जायेगा। दोनों पक्ष पॉलीग्राफ टेस्ट के लिये राजी हो गए हैं। दिल्ली पुलिस (Delhi Police) पहले से ही मामले की जांच कर रही है। ये कांग्रेस जैसे विपक्षी राजनीतिक दल हैं जो कि आग में घी डाल रहे हैं। वो (कांग्रेस) जहां भी कुछ होता देखते हैं, वहां पहुंच जाते हैं और लोगों को भड़काते हैं।

खट्टर के लिये समस्या ये है कि पहलवानों के विरोध ने न सिर्फ विपक्ष को लामबंद किया है, साथ ही खापों और किसानों यूनियनों का भी समर्थन हासिल किया है। गौरतलब है कि उनकी पार्टी और सहयोगी जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के कुछ लोगों ने भी प्रदर्शनकारी पहलवानों लिये अपना समर्थन ज़ाहिर किया है। समर्थन करने वाले भाजपा नेताओं में पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह (Birendra Singh), उनके बेटे और हिसार के सांसद बृजेंद्र सिंह (Brijendra Singh) और रानिया से निर्दलीय विधायक हरियाणा के ऊर्जा मंत्री रंजीत सिंह शामिल हैं। उपमुख्यमंत्री और जेजेपी नेता दुष्यंत चौटाला (Dushyant Chautala) ने भी बृजभूषण के खिलाफ एफआईआर के आधार पर कड़ी से सख्त कार्रवाई करने की मांग की है।

जहां एक ओर खट्टर ने ये कहकर लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश की है कि ये मुद्दा हरियाणा से जुड़ा हुआ नहीं है, वहीं पहलवानों का विरोध अभी भी पार्टी को जमीनी स्तर नुकसान पहुंचा सकता है और रविवार को होने वाली महापंचायत को लेकर हरियाणा भाजपा में काफी बैचेनी का माहौल बना हुआ है। अगर मामले ने और ज़्यादा तूल पकड़ा तो चुनावी अखाड़े में ये लंबे और कड़े मुकाबले की जमीन तैयार कर सकता है।

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