विवादों से लंबा नाता रहा है WFI चीफ बृजभूषण सिंह का, यौन उत्पीड़न के आरोपों से पहले भी रहे है सुर्खियों में

न्यूज डेस्क (शाश्वत अहीर): भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) प्रमुख और अन्य प्रशिक्षकों पर महिला पहलवानों के यौन शोषण का आरोप लगाने के महीनों बाद बीते रविवार (23 अप्रैल 2023) को बजरंग पुनिया और विनेश फोगाट (Bajrang Punia and Vinesh Phogat) समेत देश के बेहतरीन पहलवान नई शिकायत के साथ जंतर-मंतर पहुंचे। पहलवानों ने कहा कि केंद्र सरकार उस जांच कमेटी के नतीज़ों को खुलासा करे जिसने भाजपा सांसद और डब्ल्यूएफआई प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) के खिलाफ यौन उत्पीड़न के दावों की जांच की थी।

पहलवानों ने पहली बार इसी जनवरी महीने में इस समस्या को जोर-शोर से उठाया था, लेकिन सिंह ने जवाबदेही मांगने के पहलवानों की कवायदों को प्रचार नौटंकी के रूप में खारिज कर दिया, ये दावा करते हुए कि “वो अब पदक नहीं जीत सकते …. अब उनका करियर खत्म हो गया है …”

उत्तर प्रदेश के कैसरगंज (Kaiserganj in Uttar Pradesh) से भाजपा सांसद बृज भूषण शरण सिंह साल 2011 से WFI के अध्यक्ष हैं। उन्होंने गोंडा, कैसरगंज और बलरामपुर (Balrampur) के निर्वाचन क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते हुए छह बार संसद सदस्य के तौर पर कार्य किया। साल 1980 के दशक में छात्र राजनीति में आने से पहले वो बचपन में पहलवान थे। अयोध्या में राम मंदिर आंदोलन (Ram Temple Movement) के दौरान उनकी उग्र ‘हिंदुत्व छवि’ ने उन्हें मजबूत सियासी पहचान दिलवायी।

सिंह 1991 में पहली बार 10वीं लोकसभा के लिये चुनाव लड़े। वो पांच बार लोकसभा के लिये फिर से चुने गये साल 1999, 2004, 2009, 2014 और 2019 में उन्होनें लोकसभा चुनाव जीते। साल 2009 के लोकसभा चुनावों में कैसरगंज सीट से वो समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के साथ हुए कुछ समय के जुड़ाव के दौरान भी उन्होंने जीत हासिल की। । वो 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हो गये और 2014 और 2019 में लोकसभा चुनावों में उन्होनें जीत हासिल की।

बृजभूषण शरण सिंह बाबरी विध्वंस मामले में आरोपी थे। बाद में अदालत ने उन्हें बरी कर दिया। उनका नाम आरोप में नामजद 40 नेताओं की लिस्ट में शामिल था, जिसमें भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी (Lal Krishna Advani) भी शामिल थे, जिन्हें साल 2020 में बरी कर दिया गया।

अपने तीखे भाषण के लिये मशहूर सिंह ने लगभग एक दशक तक महासंघ पर राज किया। उन्होंने अयोध्या (Ayodhya) में राज ठाकरे (Raj Thackeray) के आने पर उन्हें सबक सिखाने की कसम खायी थी, वो वक्त ऐसा था जब ठाकरे की मनसे भाजपा के करीब आ रही थी।

दिसंबर साल 2021 में रांची (Ranchi) में एक एथलीट को खुलेआम थप्पड़ मारने का उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो गया था।उसी साल नोएडा (Noida) में राष्ट्रीय चैंपियनशिप के दौरान उन्होंने रेलवे के एक कोच को साइडलाइन करते हुए निलंबित कर दिया था।

पिछले साल अगस्त में उन्होंने अप्रत्याशित रूप से वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप के लिए 59 किग्रा वर्ग में भारत के प्रतिनिधि को चुनने के ट्रायल को शुरू होने के 54 सेकंड बाद रोक दिया। उनका तर्क था कि आयोजन के मुख्य अतिथि अयोध्या से आये संतों के एक समूह ने इस कवायद शुरू होने से पहले कार्यक्रम को अपना आशीर्वाद नहीं दिया था।

बता दे कि प्रदर्शनकारी पहलवानों पर बरसते हुए भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की अध्यक्ष पीटी उषा ने बीते गुरुवार (27 अप्रैल 2023) को कहा कि पहलवानों का सड़कों पर प्रदर्शन भारत की छवि को खराब कर रहा है। ये भारत की छवि को धूमिल कर रहा है। उषा ने बयान आईओए की कार्यकारी समिति की बैठक के बाद दिया।

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