UP Pilibhit में सुहागरात से पहले गायब हुआ दूल्हा, पेड़ लटकती मिली लाश

न्यूज डेस्क (विश्वरूप प्रियदर्शी): उत्तर प्रदेश के पीलीभीत (UP Pilibhit) बिलसंडा रामनगर कॉलोनी में ग्राम प्रधान लोकेन्द्र की पेड़ से लटकी लाश मिलने पर इलाके में सनसनी मच गयी। बीते 9 दिसम्बर को शाहजहांपुर बंडा क्षेत्र गांव नरेन्द्रपुर के निवासी महेन्द्र पाल की बेटी सरला से उनकी शादी हुई थी। 10 दिसम्बर को बारात विदा कर लोकेन्द्र अपने घर पहुँचे। रीति-रिवाज़ों और विधि-विधान के बीच दुल्हन का गृह प्रवेश हुआ। 10 दिसम्बर को देर रात 11 बजे ग्राम प्रधान लोकेन्द्र के पास किसी का फोन आया और वो घर से निकल पड़े।

जिसके बाद से उनका कोई अता-पता नहीं लगा। घर से बाहर लगे सीसीटीवी फुटेज (Cctv Footage) में उन्हें बाहर जाते हुए साफ देखा गया। जैसे ही घरवालों को उनकी गुमशुदगी का अहसास हुआ तो बेहद सरगर्मी से उनकी तलाश शुरू की गया। परिजनों ने मैनपुरी, एटा, कानपुर और शाहजहांपुर से लेकर तमाम जगह रिश्तेदारियों में फोन करके उनकी खोज शुरू की। कहीं से भी कोई खब़र ना मिल पाने पर, लोकेन्द्र के बड़े भाई जोगेन्द्र के लिखित आग्रह पर पुलिस ने मामला दर्ज किया। जिसके पुलिस मामले की छानबीन में जुट गयी।

मामला ग्राम प्रधान की गुमशुदगी से जुड़ा हुआ था तो, ऐसे में पुलिस ने टैक्निकल सर्विलांस (Technical surveillance) और सीडीआर की मदद से कार्रवाई को आगे बढ़ाया। इसी बीच लोकेन्द्र परिवार में पिता परमाल सिंह यादव और ब्याहता सरला सहित पूरे परिवार में मायूसी का माहौल छाने लगा। धीरे-धीरे खब़र पूरे इलाके में आग की तरह फैलने लगी। लगातार तीन दिन की जांच के बाद जब पुलिस के हाथ कुछ नहीं आया तो लोकेन्द्र की दुल्हन सरला से भी गहन पूछताछ की गयी। बीते शनिवार देर शाम बिलसंडा रामनगर कॉलोनी से करीब दो किलोमीटर दूर लोकेन्द्र की लाश खेत में पेड़ से लटकती बरामद की गयी।

पुलिस ने जब शव की शिनाख्त के लिए लाश पेड़ से उतारनी चाही तो घरवालों ने हत्या का मामला जताते हुए शव उतारने से मना कर दिया। प्रधान की लाश बरामद होने के खब़र सुनते ही स्थानीय लोगों का हुजूम मौके पर उमड़ पड़ा। कानून-व्यवस्था कायम करने के लिए अतिरिक्त पुलिस फोर्स (Additional Police Force) की तैनाती घटनास्थल पर करनी पड़ी। वारदात की तहकीकात में लगे इंस्पेक्टर बिरजाराम ने सीडीआर के आधार कई मोबाइल नंबरों की सघन निगरानी में डाल दिया है।

घटना की चर्चा पूरे इलाके में की जा रही है। हर कोई नव-नवेली दुल्हन की किस्मत को कोस रहा है। जिसे पलभर के लिए भी दूल्हे का साथ मयस्सर ना हो सका। शादी की मेंहदी उतरने से पहले ही उसका सुहाग मिट गया। तीन दिन पहले जिसके सिर पर सेहरा बंधा था, आज उसे ही दुनिया से रूखसत करना पड़ रहा है। बतौर ग्राम प्रधान लोकेन्द्र काफी मिलनसार स्वभाव (Sociable nature) के थे। वो काफी खुशमिज़ाजी से हर किसी से मिलते थे। इस कारण सभी ग्रामवासी काफी गमगीन है।

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