Eid-ul-Fitr 2022: तीन मई को देशभर में मनायी जायेगी ईद

न्यूज डेस्क (मत्युजंय झा): Eid-ul-Fitr 2022: इस्लामिक महीने शव्वाल का चांद रविवार शाम को नहीं देखा गया, इसलिए देश भर के मौलवियों ने ऐलान किया है कि ईद-उल-फितर का त्यौहार भारत में 3 मई को मनाया जायेगा। लखनऊ की मरकजी चंद कमेटी (Markji Chand Committee) ने कहा कि रविवार शाम शव्वाल का चांद नहीं देखा गया, इसलिये 2 मई को रमजान का आखिरी दिन मनाया जायेगा और 3 मई को ईद उल-फितर मनाई जायेगी।

मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली (Maulana Khalid Rashid Farangi Mahli) इमाम ईदगाह लखनऊ ने ऐलान किया है कि 1 मई 2022 को शव्वाल का चांद नहीं दिखा ऐसे में आज (2 मई 2022) 30 वां रोजा है और ईद-उल-फितर 3 मई 2022 को होगी। ईद-उल-फितर की नमाज ईदगाह लखनऊ (Idgah Lucknow) में 03 मई 2022 को सुबह 10 बजे होगी।

तमिलनाडु सरकार के मुख्य काजी के कार्यालय ने अपने बयान में ये भी कहा कि ईद-उल-फितर 3 मई को होगी। शव्वाल 2022 के महीने के लिये अमावस्या बीते रविवार (2 मई 2022) को नहीं देखी गयी। इसलिये ईद-उल-फितर (रमजान ईद) मंगलवार 3 मई 2022 को मनाया जायेगा

कर्नाटक की रुयत-ए-हिलाल समिति (Ruyat-e-Hilal Committee) के कार्यकारी सदस्यों ने घोषणा की कि देश भर में कहीं भी ईद का चांद नहीं देखा गया इसलिए ईद-उल-फितर 3 मई को मनाया जायेगी। ईद-उल-फितर दुनिया भर के मुसलमानों द्वारा मनाया जाता है। रमजान के इस्लामी पवित्र महीने के आखिर में ये त्यौहार आता है। इस्लामिक मान्यता के मुताबिक पैगंबर मुहम्मद (Prophet Muhammad) को कुरान के पहले अवतरण के उपलक्ष्य में दुनिया भर के मुसलमानों द्वारा रमजान का महीना उपवास के महीने के रूप में मनाया जाता है।

रमजान इस्लामी कैलेंडर (Islamic Calendar) का नौवां महीना है, जिसमें लगभग 30 दिनों तक कठोर उपवास शामिल है। इस महीने के दौरान मुसलमान सुबह से शाम तक भोजन या पानी का सेवन नहीं करते हैं। वो सहरी (भोर से पहले का भोजन) खाते हैं और शाम को ‘इफ्तार’ के साथ अपना दिन भर का उपवास तोड़ते हैं।

ईद उल-फितर रमजान के उपवास महीने के अंत का प्रतीक है। ये त्यौहार इस्लामिक चंद्र कैलेंडर के 10वें महीने शव्वाल के पहले दिन मनाया जाता है।

त्योहार व्यंजन सेवइयां (सेवई) साझा करके मनाया जाता है, जो कि हाथ से बनी सेवइयां, नमक की सेवइयां, चकले के इस्तेमाल से बनी सेवइयां और लड्डू सेवइयां जैसी अलग अलग किस्में इसके अंतर्गत आती है। इन सभी का इस्तेमाल शीरकुरमा पकवान में किया जा सकता है, जिसे ईद पर भी बनाया जाता है और दोस्तों और रिश्तेदारों के बीच इसे बांटा जाता है।

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