सनातन विरोधी बयान पर कायम है DMK नेता उदयनिधि स्टालिन, कहा नहीं है जान की परवाह

न्यूज डेस्क (शाश्वत अहीर): अपने सनातन धर्म विरोधी रूख़ के बड़े पैमाने विरोध से बेपरवाह डीएमके (DMK) नेता और तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन (Udayanidhi Stalin) ने बीते सोमवार (4 सितम्बर 2023) को कहा कि उन्होंने हिंदू आस्था में कुछ प्रथाओं का उन्मूलन करने की बात कही थी और वो उनके खिलाफ अपनी आवाज उठाना जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि उन्होंने सिर्फ हिंदू आस्था के बारे में नहीं बल्कि उन सभी लोगों के बारे में बात की जो ऐसा करते हैं।

तूतीकोरिन (Tuticorin) में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि, ”मैं उस मुद्दे पर बार-बार बात करूंगा, जो कि मैंने शनिवार (2 सितम्बर 2023) को कार्यक्रम में बोला था। मैं और बोलूंगा। मैंने उस दिन ही कहा था कि मैं उस मुद्दे पर बात करने जा रहा हूं, जो कई लोगों को परेशान करने वाला है और वही हुआ है।” उन्होंने दावा किया कि सनातन धर्म का मतलब ये था कि ये स्थायी है और इसे बदला नहीं जा सकता।

अपनी बात आगे बढ़ाते हुए उदयनिधि ने कहा कि- “महिलायें घर के अंदर तक ही सीमित थीं लेकिन वो बाहर आ गयी हैं। महिलाओं को शिक्षा नहीं मिल सकती, सिर्फ द्रविड़म (द्रमुक की विचारधारा) ने उन्हें शिक्षा दी है। यहां तक कि नाश्ता योजना (तमिलनाडु में) ये सुनिश्चित करने के लिये है कि ज्यादा बच्चों खासतौर से लड़कियों को शिक्षा मिले। सनातनम (जैसा कि तमिल में कहा जाता है) ने महिलाओं को गुलाम बनाया। एक समय में सती प्रथा हुआ करती थी जिसमें विधवायें अपने पतियों की चिता में कूदकर अपनी जान दे देती थीं। ये सभी सनातनम हैं। इसी को मिटाने पर मैंने जोर दिया। मैं ऐसा कहना जारी रखूंगा। इस मुद्दे पर मेरी जान को किसी भी तरह की धमकी मिलने से मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता।”

द्रमुक नेता के बयान जिसमें उन्होनें कहा था कि सनातन धर्म का उन्मूलन किया जाना चाहिये, ने पूरे देश में हंगामा खड़ा कर दिया साथ ही भाजपा (BJP) समेत हिंदू दक्षिणपंथी धड़ों ने उनके विचारों पर कड़ी आपत्ति जतायी। केंद्रीय मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह (Amit Shah and Rajnath Singh) समेत अन्य लोगों ने द्रमुक नेता पर उनके बयानों के लिये निशाना साधा।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Chief Minister Mamta Banerjee) ने कहा कि किसी को भी ऐसे किसी भी मामले में शामिल नहीं होना चाहिये जिससे लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचे। उन्होंने कहा कि, हर धर्म की अलग-अलग आस्थायें होती हैं और भारत विविधता में एकता की बुनियाद पर टिका हुआ है।

Leave a comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More