Delhi: गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के करीबी के लिये गये फॉरेंसिक वॉयस सैंपल

नई दिल्ली (गौरांग यदुवंशी): आतंकवादी गुट इंडियन मुजाहिदीन (IM- Indian Mujahideen) के गुर्गों के साथ गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और संपत नेहरा की करीबियों के सिलसिले को लेकर चल रही जांच के मामले में वॉयस सैंपल बीते बुधवार (21 दिसंबर 2022) को दिल्ली (Delhi) में सेंट्रल फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (CFSL- Central Forensic Science Laboratory) में दर्ज किये गये। बीते 12 नवंबर को दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने मामले की जांच शुरू की थी कि बिश्नोई और आईएम के गुर्गें तिहाड़ में फोन साझा करते हुए पाये गये थे, जिसके बाद स्पेशल सेल ने आवाज के नमूने इकट्ठा करने के लिये कोर्ट से मंजूरी मांगी थी।

बिश्नोई हाई-प्रोफाइल सिद्धू मूसे वाला हत्याकांड (Sidhu Moosewala Murder Case) का कथित मास्टरमाइंड है। मौजूदा हालातों में वो होटल मालिक को धमकी देने और जबरन वसूली के मामले में मोहाली पुलिस (Mohali Police) की हिरासत में था। उसे और नेहरा को भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच प्रयोगशाला में लाया गया क्योंकि वो हाई रिस्क वाला कैद है। गैंगस्टर बिश्नोई के खिलाफ यूएपीए की धाराओं के तहत राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA- National Investigation Agency) छानबीन कर रही है। बता दे कि लॉरेंस बिश्नोई को हिरासत से भागने का इतिहास रहा है।

उसकी आवाज के नमूने का पुलिस की ओर से इंटरसेप्ट की गयी कॉल से मिलान किया जाना है, जो उसी नंबर से की गयी थीं। सूत्रों ने कहा कि स्पेशल सेल इस बात की भी जांच कर रहा है कि क्या आईएम के सदस्य आईएसआई (ISI) और बिश्नोई के बीच कड़ी के तौर पर काम कर रहे थे।

एक इंटरसेप्टेड कॉल जिसने तिहाड़ जेल में फोन शेयरिंग मामले का पर्दाफाश किया, ये कॉल मोबाइल नंबर 9643640*** से की गयी थी, जिसका इस्तेमाल जेल नंबर 8 में आईएम ऑपरेटिव की ओर से किया जा रहा था। ये नंबर इस साल 4 मार्च से दिल्ली पुलिस (Delhi Police) के वैध इंटरसेप्शन पर था।

हालांकि इंटरसेप्टेड कॉल के खुलासे से पता चला कि बिश्नोई उसी जेल में बंद अपने गैंग को ऑपरेट करने के लिये उसी मोबाइल नंबर का इस्तेमाल कर रहा था। इसी नंबर की मदद से वो कनाडा में बैठे गोल्डी बराड़ (Goldie Brar) के साथ कोर्डिनेट कर रहा था, साथ ही गैंग के दूसरे मेम्बरों को भी जेल में ही रहकर निर्देश भी दे रहा था।

मामले पर दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि- “बिश्नोई के सहयोगी बिंटू ने कई मौकों पर चार मोबाइल नंबरों पर संपर्क किया और उन नंबरों के यूजर ने बिश्नोई, बराड़, नेहरा, दीपक टीनू और कई अन्य लोगों समेत गैंग के मेम्बरों को जोड़ने के लिये कॉन्फ्रेंस कॉल की व्यवस्था की।”

गौरतलब है कि बिश्नोई और बराड़ दोनों पर खालिस्तानी आतंकवादी हरविंदर सिंह उर्फ रिंदा संधू (Khalistani terrorist Harvinder Singh alias Rinda Sandhu) के लिये काम करने का शक है।

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