Delhi: Exclusive वायु प्रदूषण पर बेनकाब़ हुई दिल्ली सरकार, अब ऐसे ही साफ होगी दिल्ली की हवा?

दिल्ली में पिछले कई सालों से नवंबर से लेकर तकरीबन आधी जनवरी तक दमघोंटू प्रदूषण का माहौल बना रहता है। ये वक़्त छोटे बच्चों, बड़े बुर्जुगों और सांस के मरीजों के लिए खतरनाक होता और साथ ही तंदुरूस्त लोगों के फेफड़े भी इसका शिकार होते है। केजरीवाल सरकार इन दिनों में होने वाले प्रदूषण के लिए हरियाणा और पंजाब के किसानों को दोषी ठहराती है। धान की जलती पराली को इसका कारण बताती है, जो कि कुछ हद तक ठीक है। लेकिन केजरीवाल सरकार अपने स्तर पर इस चुनौती से कैसे निपट रही है। ट्रैंडी न्यूज़ ने इसकी एक छोटी सी जांच पड़ताल की और जो सच सामने आया, वो बेहद चौंकाने वाला था।


इस तरह सामने आयी सच्चाई सामने
आज तड़के सवेरे (06:46 AM) सेन्ट्रल दिल्ली झण्डेवालान में बस स्टॉप के पास ट्रैंडी न्यूज़ संवाददाता पहुँचे। बस स्टॉप के पीछे बनी झुग्गियों में भारी मात्रा में तार जलाकर उसमें से तांबा निकाला जा रहा था। जिसके कारण भारी मात्रा में काला धुंआ निकल रहा था। ट्रैंडी न्यूज़ संवाददाता ने तुरन्त ही दिल्ली सरकार द्वारा जारी हेल्पलाइन नंबर 9717593574 पर कॉल करके प्रदूषण फैलाने की शिकायत दर्ज करवायी। हेल्पलाइन संचालकों ने आग जलाने की तस्वीर खींचकर वॉट्स ऐप करने को कहा। जिसके तुरन्त बाद ट्रैंडी न्यूज़ संवाददाता ने आग जलाने की फोटो, लोकेशन और वीडियो बनाकर हेल्पलाइन नंबर पर साझा किया।

गौरतलब है कि ये हेल्पलाइन दिल्ली सरकार के अन्तर्गत आने डीपीसीसी (दिल्ली पॉल्यूशन कन्ट्रोल कमेटी) चलाती है।


थोड़ी देर में संवाददाता के पास एक दूसरे नंबर 9717593517 से कॉल आती है। जिसमें हमारे संवाददाता से कहा जाता है कि 100 नंबर पर कॉल करके ये जानकारी दिल्ली पुलिस को दे दी जाये। हमारे संवाददाता वहाँ तकरीबन 2 घंटे खड़े रहते है और आग से यूँ ही काला धुँआ निकलता रहता है। खब़र लिखे जाने तक हेल्पलाइन संचालकों ने वॉट्सऐप से भेजी गयी तस्वीर, वीडियों और लोकेशन को देखा तक नहीं।

फॉलो-अप करने के लिए तकरीबन 7 घंटे बाद दुबारा हेल्पलाइन पर कॉल की गयी और कार्रवाई ना होने की बात कही गयी तो वहाँ से ट्रैंडी न्यूज़ को जव़ाब मिला कि, आज ऑफिस बंद है। शिकायत को समीर (केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा प्रदूषण की मॉनिटरिंग और शिकायत करने के लिए बनायी गयी ऐप) पर अपलोड़ किया जायेगा। उसके बाद आगे की कार्रवाई होगी।
फुटबॉल मैच के तर्ज पर वायु प्रदूषण से लड़ाई
दिल्ली का जागरूक नागरिक अगर प्रदूषण से जुड़ी कोई भी शिकायत इस हैल्पलाइन करता है तो हेल्पलाइन दूसरी एजेंसियों का हवाला देते हुए उन्हें शिकायत करने की सलाह देती है। प्रदूषण की शिकायत करने पर गेंद दूसरे विभाग के पाले में फेंक दी जाती है। पूर्वी दिल्ली के कई इलाकों में (जाफराबाद, सीलमपुर, शास्त्री पार्क,शाहदरा, मुस्तफाबाद, लोनी, गाजीपुर, सीमापुरी) प्लास्टिक, तार, ई-वेस्ट रोजाना धड़ल्ले से जलाया जाता है। जिसकी जानकारी दिल्ली पुलिस, दिल्ली सरकार, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, दिल्ली पॉल्यूशन कन्ट्रोल कमेटी और केन्द्रीय पर्यावरण मंत्रालय सभी को होती है। लेकिन विभागीय कार्रवाई के नाम पर मामला निल्ल बट्टे सन्नाटा है। ये सारी एजेन्सियां एनजीटी को रोजाना ठेंगा दिखाती है। 


जनता की गाढ़ी कमाई का पैसा हेल्पलाइन के नाम पर स्वाहा
प्रदूषण रोकने के नाम पर बनी हेल्पलाइन में दिल्ली सरकार पैसा फूंक रही है। हेल्पलाइन के काम करने का रवैया ढ़ाक के तीन पात वाला है। प्रदूषण होने के बाद उसकी शिकायत दर्ज करने और उसे समीर ऐप पर अपलोड़ करने की कवायद से प्रदूषण कम नहीं होगा। मौके पर किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। शिकायत के नाम पर मात्र डेटा इकट्ठा किया जा रहा है। ये मात्र एक मामला था। दिल्ली में ना जाने ऐसे कितने मामले रोज होते है। ऐसे में दिल्ली की जनता पैसा हेल्पलाइन के चलाने के लिए बेमतलब यूँ ही बहाया जा रहा है।
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