अमृतपाल सिंह और ISI के बीच अहम कड़ी रहा दलजीत सिंह कलसी, खालिस्तानी आंदोलन को दी हवा

न्यूज डेस्क (समरजीत अधिकारी): वारिस पंजाब दे (Waris Punjab de) प्रमुख अमृतपाल सिंह पंजाब पुलिस की ओर से शुरू की गयी तलाशी के तीसरे दिन भी फरार है, कई मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया है कि दलजीत कलसी नाम के शख्स ने खालिस्तानी नेता और पाकिस्तान के बीच बतौर कड़ी काम किया।

मीडिया रिपोर्टों और कई खुफिया एजेंसियों ने दावा किया है कि दलजीत सिंह कलसी (Daljit Singh Kalsi), जो कि दिल्ली के पंजाबी बाग इलाके का निवासी है, भगोड़े अमृतपाल सिंह का करीबी सहयोगी है और उसने उसे आईएसआई (ISI) में रिश्ते बनाने में मदद की, और आखिकरकर उसे अपना एजेंडा फैलाने के लिये मोटिवेट किया।

बता दे कि दलजीत कलसी को कनाडा के वैंकूवर (Canada Vancouver) में पाकिस्तान के महावाणिज्यदूत को भारत के खिलाफ एक ज्ञापन सौंपते हुए देखा गया था, जिसे सिख अलगाववादी गतिविधियों केंद्र माना जाता है, जिससे इलाके में खालिस्तानी कवायदें तेजी से फैली।

आखिर है दलजीत सिंह कलसी?

दलजीत कलसी वारिस पंजाब दे के प्रमुख अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh) के सलाहकार के तौर पर काम कर रहा है, और 20 अगस्त 2022 को सिंह के दुबई से भारत वापसी के साथ ही दीप सिद्धू की मौत और वारिस पंजाब दे को संभालने के बाद दोनों को कई सार्वजनिक कार्यक्रमों में एक साथ देखा गया।

अमृतपाल सिंह की तरह ही दलजीत कलसी देश विरोधी गतिविधियों से जुड़ा रहा हैं और उसे राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम की धारा 3 (2) के तहत हिरासत में लिया गया था। वो खालिस्तान आंदोलन (Khalistan Movement) से करीबी से जुड़ा रहा है और पाकिस्तान से उसे करीबी रिश्ते रखने के लिये जाना जाता है।

दलजीत कलसी वेस्ट पंजाबी बाग (West Punjabi Bagh) का रहने वाला हैं और उसे पहचान अभिनेता और निर्माता के तौर पर हुई है। कई लोगों का मानना है कि वारिस पंजाब दे के पूर्व प्रमुख दीप सिद्धू की मौत के बाद अमृतपाल को वारिस पंजाब दे का मुखिया बनाने का मास्टर प्लान उसने ही रचा था।

फरवरी में अमृतपाल और उनके फॉलोवर्स की ओर से किये गये अजनाला पुलिस थाने पर हमले से भी कलसी का सीधा तालुक्कात कगा है। कलसी वैंकूवर और दुबई में महावाणिज्य दूतावास के जरिये पाकिस्तान के साथ एक्टिव कम्युनिकेशन में रहा है।

अभी तक अमृतपाल सिंह फरार है और पंजाब पुलिस ने हथियारों और तलवारों के साथ अजनाला पुलिस स्टेशन (Ajnala Police Station) पर धावा बोलने के लिये उसे और वारिस पंजाब दे के कई अन्य नेताओं को पकड़ने के लिये बड़े पैमाने पर अभियान चलाया।

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