Covid-19: दवाई से पहले ही केजरीवाल सरकार ने बरती ढिलाई

न्यूज़ डेस्क (शौर्य यादव): मौजूदा कोरोना (Covid-19) संक्रमण का जोखिम लगातार देश में बना हुआ है। भले ही कई विकसित देशों की तुलना में भारत की स्थिति बेहतर है, लेकिन इसे लेकर लापरवाही बरतने को लेकर पीएम मोदी खुद देशभर को सचेत कर चुके है। मौजूदा हालातों में राजधानी दिल्ली में वायरस इंफेक्शन (Virus infection in the capital Delhi) को लेकर केजरीवाल सरकार की लापरवाही खुलकर सामने आ रही है। राजधानी में संक्रमित व्यक्तियों के आंकड़े और दिल्ली सरकार की प्रशासनिक व्यवस्था साफतौर खुलकर ज़ाहिर करते है कि केजरीवाल सरकार ने दवाई से पहले ही ढिलाई बरतनी शुरू कर दी है। ये कवायद आने वाले वक़्त में हालातों को और गंभीर कर सकती है।

Covid 19 Kejriwal governments negligence before the drug 01

14 अक्टूबर से 22 अक्टूबर के बीच जारी किये गये आंकड़े दिल्ली सरकार के लापरवाह रवैये की तस्दीक करते है। इस समय सीमा के दौरान दिल्ली में सिर्फ 20 अक्टूबर को यानि कि मात्र एक ही दिन कोरोना वायरस के सक्रिय केसों में कमी आयी। इसके अलावा सभी दिन दिल्ली में लगातार केस बढ़े ही है। भले ही दिल्ली सरकार इंफेक्शन के मामलों को लेकर कितनी ही संजीदगी बरतने का दावा कर ले, ये आंकड़े आखिरकर उसकी पोल खोल ही देते है। दूसरी ओर राजधानी गैर कोविड मरीज़ो के लिए आईसीयू बेड्स की कमी से जुड़ी खब़रे भी सामने आ रही है। दिल्ली में मौजूद तकरीबन 1546 नॉन कोविड आईसीयू बेड्स (Non Covid ICU Beds) भर चुके है। फिलहाल 1170 नॉन कोविड आईसीयू बेड्स पर मरीज़ों का इलाज़ चल रहा है, और पूरी दिल्ली में सिर्फ 376 गैर कोविड आईसीयू बेड्स ही खाली पड़े है। ऐसे डॉक्टर्स को कई ऑप्रेशन टालने पड़ रहे है। इलाज की दरकार लिए मरीज़ एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल में भटक रहे है।

दिल्ली सरकार की ढिलाई का एक ओर पहलू ये है कि, तीनों नगर निगम केजरीवाल सरकार पर निगम के लिए आबंटित रकम ना देने का आरोप लगा रहे है। जिसकी वजह से उनका नियमित खर्चा बाधित हो रहा है। इसका ताजा उदाहरण है निगम द्वारा संचालित हिंदूराव अस्पताल (Hindurao Hospital), कस्तूरबा गांधी अस्पताल और राजन बाबू टीबी अस्पताल (Rajan Babu TB Hospital) के डॉक्टर्स और पैरा-मेडिकल स्टॉफ को लंबे समय से वेतन नहीं मिल पाया है। जिससे कोरोना की रोकथाम का काम खासा प्रभावित हो रहा है। संक्रमण के आंकड़े, नॉन कोविड आईसीयू बेड्स की उपलब्धता और निगम के लिए आरक्षित निधि आबंटित ना करके केजरीवाल सरकार ने कोरोना के प्रति अपने लचर रवैये को साबित कर दिया है।

Leave a comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More