Covid-19: कोरोना वायरस के मुद्दे पर स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने किया चीन का घेराव

नई दिल्ली (शौर्य यादव): कोरोना वायरस (Covid-19) के मुद्दे पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनॉल्ड ट्रम्प कई मौकों पर कई मंचों से बीजिंग का घेराव कर चुके है। उनके मुताबिक चीन के कारण ही आज दुनिया वायरस के प्रकोप से जूझ रही है। साथ ही उन्होनें इसके लिए चीन को गंभीर नतीज़े भुगतने की भी चेतावनियां कई मौकों पर जारी की। ठीक अमेरिकी राष्ट्रपति डोनॉल्ड ट्रम्प (US President Donald Trump) के तर्ज पर आज स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने भी मौजूदा महामारी के वैश्विक हालातों के लिए चीन को जिम्मेदार माना। चीन ऐसा दावा करता आया है कि दुनिया भर में कोरोना वायरस का प्रकोप पहले से ही था। आज ‘रविवार संवाद’ कार्यक्रम के दौरान एक सवाल के जवाब में स्वास्थ्य मंत्री ने इस चीनी दावे को सिरे से खाऱिज कर दिया। साथ ही उन्होनें बीजिंग के इस दावे की विश्वसनीयता पर भी सवालिया निशान (Question mark on reliability) लगाये।

स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन के मुताबिक जिस दावे के आधार पर चीन खुद को पाक-साफ बताकर अपनी जिम्मेदारियों से भागना चाहता है, उसके पीछे कोई ठोस बुनियाद नहीं है। चीनी नीति-नियन्ताओं (Chinese Policy Controller) की ओर से अभी तक इस दावे को पुख़्ता करने के लिए कोई सबूत पेश नहीं किये गये है। इन सबके बीच ये बात साफ है कि वायरस का सबसे पहला प्रकोप वुहान में देखा गया था। स्वास्थ्य मंत्री की ओर से मन की बात तर्ज पर शुरू किये गये कार्यक्रम ‘रविवार संवाद’ में चीन के इस दावे से जुड़ा सवाल एक यूजर ने सोशल मीडिया (social media) एक यूजर के द्वारा पूछा था, जिसके ज़वाब में उन्होनें ये बात कही। ‘रविवार संवाद’ कार्यक्रम का ये 6 संस्करण था।

गौरतलब है कि कोरोना वायरस का सबसे पहला मामला 31 दिसम्बर 2019 में चीन के वुहान में सामने आया था। चीन ने इस मामले को दबाने के लिए डब्ल्यूएचओ के सामने इसे ‘वायरल निमोनिया’ (Viral pneumonia) कहकर पेश किया। इस साल 9 जनवरी को जब संक्रमण के ज़्यादा मामले चीन में सामने आने लगे तो इसे महामारी घोषित कर नोवल कोरोना वायरस नाम दिया गया। 11 जनवरी को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे COVID-19 का औपचारिक नाम दिया। दुनिया के कई देश चीन को कई सबूतों के आधार पर महामारी फैलाने के लिए जिम्मेदार मानते है। जिनमें खासतौर से शामिल है संक्रमण का केन्द्र बिन्दु वुहान होना। महामारी की प्राथमिक सूचना (Epidemic Primary Information) देने वाले रिसर्चर और पत्रकार को चीनी एजेंसियों द्वारा गायब करवा देना इत्यादि। इन्हीं कारणों से जर्मनी सहित कई देशों ने बीजिंग से हर्जाने की भी मांग की है।

हर तरफ से चीन ने खुद को फंसता देख, ये दावा किया था कि वायरस का संक्रमण (virus infection) और उसका अस्तित्व दुनिया के कई हिस्सों में काफी पहले से है। ऐसे में महामारी फैलाने के लिए बीजिंग को दोषी मानना गलत है। अगर उसने साज़िशन ऐसा कुछ किया होता तो इसकी जानकारी सबसे पहले वो दुनिया को क्यों देता?

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