भारत और अमेरिका की आंशकाओं के बीच Sri lanka पहुँचा चीनी सर्विलांस जहाज़

एजेंसियां/न्यूज डेस्क (आदर्श शुक्ला): भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका (India and United States) की तमाम आंशकाओं के बावजूद चीनी शोध पोत आज (16 अगस्त 2022) श्रीलंका के दक्षिणी बंदरगाह हंबनटोटा (Southern Port Hambantota) पहुँच गया, बता दे कि इस बंदरगाह को चीनी प्रशासन ही चलाता है। बंदरगाह के अधिकारियों ने भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन के साथ बातचीत करने के बाद कहा कि युआन वांग 5 (Yuan Wang 5) बैलिस्टिक मिसाइल और उपग्रह ट्रैकिंग जहाज को हंबनटोटा बंदरगाह पर इस शर्त पर डॉक करने की मंजूरी दी गयी थी ये श्रीलंकाई जलीय इलाके (Sri Lankan Waters) में कोई रिसर्च नहीं करेगा।

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शुरूआत में चीनी पोत बीते सप्ताह आने वाला था, लेकिन श्रीलंका ने चीन (China) से भारत की आपत्तियों के बाद चीनी जहाज के आगमन स्थगित करने का आग्रह किया, जो कि इस इलाके में चीनी गतिविधियों के बारे में पश्चिमी चिंताओं को बढ़ाता है, लेकिन बीते शनिवार (13 अगस्त 2022) को कोलंबो (Colombo) ने ये कहते हुए इस बड़े मामले पर यू-टर्न मार लिया कि उन्होंने जहाज को हंबनटोटा में डॉक करने और गहन बातचीत के बाद छह दिनों तक रहने की मंजूरी दी है।

भारत ने चीनी जहाज के ट्रैकिंग सिस्टम द्वारा दक्षिणी भारतीय इलाकों में भारतीय सुरक्षा प्रतिष्ठानों (Indian Security Establishments) की जासूसी करने की कोशिश की संभावना पर चिंता जतायी थी। मामले पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची (Arindam Bagchi) ने कहा था कि, “हमें चीनी पोत द्वारा अगस्त में हंबनटोटा की प्रस्तावित यात्रा की जानकारी है। सरकार भारत की सुरक्षा और आर्थिक हितों से जुड़े किसी भी मुद्दे की सावधानीपूर्वक निगरानी करती है और सुरक्षा के लिये सभी जरूरी कदम उठाती है।”

बीते हफ्ते चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा था कि “कुछ देशों के लिये श्रीलंका पर दबाव बनाने के लिये तथाकथित सुरक्षा चिंताओं का हवाला देना पूरी तरह से बेबुनियादी था।”

मसले पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन (Spokesperson Wang Wenbin) ने कहा कि, “हम संबंधित पक्षों से चीन की समुद्री वैज्ञानिक अनुसंधान गतिविधियों को तर्कसंगत रूप से देखने और चीन-श्रीलंका के बीच सामान्य आदान-प्रदान समेत सहयोग को बाधित करने से रोकने का आग्रह करते हैं।”

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