Heart Attack: कम उम्र के लोगों में बढ़ते हार्ट अटैक के मामले, इन वजहों से कार्डियक अरेस्ट के मामलों में आयी तेजी

हेल्थ डेस्क (यामिनी गजपति): हाल के दिनों में कई मशहूर भारतीय हस्तियों का दिल का दौरा (Heart Attack) पड़ने से निधन हो गया। जिस चीज ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया, वो ये कि इनमें से कई कलाकार, जैसे नितेश पांडे और सिद्धार्थ शुक्ला (Nitesh Pandey and Siddharth Shukla) 40 साल की उम्र पूरी कर अपनी ज़िन्दगी के 50 वें दशक की शुरुआत में थे। टीवी अभिनेता नितेश पांडे की 53 साल की उम्र में अचानक कार्डियक अरेस्ट (Cardiac Arrest) से हुई मौत के बाद ये देखने में आया कि पिछले दो सालों में 50 साल से कम उम्र के बावजूद भी कई लोगों की मौत हार्ट अटैक से हुई है।

इंडियन हार्ट एसोसिएशन (Indian Heart Association) के मुताबिक भारतीय पुरुषों में होने वाले सभी हार्ट अटैक का 50 फीसदी 50 या 50 साल से कम उम्र में होता है। इनमें से ज्यादातर मौतें अचानक कार्डियक अरेस्ट से होती हैं। अचानक कार्डियक अरेस्ट का मतलब है कि दिल बिना किसी चेतावनी या शुरूआती लक्षणों के काम करना बंद कर देता है।

शोध और अध्ययनों के मुताबिक पुरुषों में होने वाले सभी हार्ट अटैक का 50 फीसदी 50 साल की उम्र से पहले होता है। इसके अलावा देश में 5 में से 1 हार्ट अटैक 50 साल से कम उम्र के शख़्स को होता है।

आखिर क्यूं 50 साल से कम उम्र वाले लोगों को हो रहा है हार्ट अटैक?

सबसे पहली और अहम बात हृदय रोग का बड़ा कारण वंशानुगत फैक्टर (Hereditary Factor) होते है। इसका मतलब है कि अगर आपके परिवार में दिल की बीमारियां का इतिहास रहा हैं तो आपको कम उम्र में कार्डियक अरेस्ट होने का खतरा ज्यादा हो सकता है। अगर आप एक्टिव लाइफ स्टाइल (Active Lifestyle) फॉलो करते हैं और सेहतमंद फूड हैबिट्स का पालन करते हैं तो इसे काफी हद तक रोका जा सकता है।

एक और अहम फैक्टर भारत में कोलेस्ट्रॉल के मामलों का उच्च स्तर है। डॉक्टरों के मुताबिक भारतीयों का शरीर आनुवंशिक रूप से खराब कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स जमा करने के प्रति बहुत ज्यादा संवेदनशील होता है। उच्च कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स (Cholesterol and Triglycerides) दिल के लिये बेहद खराब हैं, जिससे अचानक कार्डियक अरेस्ट का खतरा काफी बढ़ जाता है।

अन्य लोगों के मुकाबले मधुमेह के रोगियों में दिल का दौरा पड़ने का खतरा काफी ज्यादा होता है। आंकड़ों के मुताबिक भारत में 18 साल से ज्यादा उम्र के करीब 7.7 करोड़ लोग डायबिटीज (Diabetes) के साथ जी रहे हैं। वहीं करीब 2.5 करोड़ लोग प्री-डायबिटिक हैं। इसका मतलब है कि उन्हें निकट भविष्य में मधुमेह होने का ज्यादा खतरा है।

युवाओं में कार्डियक अरेस्ट बढ़ने के मामलों में बड़ा फैक्टर है हाई इंटेंसिटी वाला वर्कआउट (High Intensity Workout) या जिमिंग। जिम जाना एक हेल्थफुल लाइफ स्टाइल का ऑप्शन है, हाई इंटेंसिटी वाले वर्कआउट या एक्सरसाइज आपकी हार्ट बीट और ब्लड़ प्रेशर को कंट्रोल से परे बढ़ा सकते हैं, जिससे अचानक दिल का दौरा पड़ सकता है। सुस्त जीवन शैली भी युवा लोगों में बढ़ते दिल के दौरे की बड़ी वज़ह है। वर्क फ्रॉम होम और कोविड लॉकडाउन (Work From Home and Covid Lockdown) की वज़ह से सक्रियता और उचित कामकाज की कमी के चलते बहुत सारे युवाओं में हृदय रोग हो गया है।

Leave a comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More