120 दिनों के लिये बढ़ाया गया काला सागर अनाज निर्यात समझौता, Ukraine और रूस में बनी सहमति

एजेंसियां/न्यूज डेस्क (गंधर्विका वत्स): यूक्रेन (Ukraine) के बुनियादी ढांचा मंत्री ने बीते गुरूवार (16 नवंबर 2022) को कहा कि काला सागर के जरिये यूक्रेनी अनाज का सौदा, जो कि शनिवार (19 नवंबर 2022) को खत्म होने वाला था, को और 120 दिनों के लिये और बढ़ा दिया गया है। ऑलेक्ज़ेंडर कुब्राकोव (Alexander Kubrakov) ने गुरूवार को ट्वीट कर लिखा कि “ब्लैक सी ग्रेन इनीशिएटिव (Black Sea Grain Initiative) को 120 दिनों के लिये और बढ़ाया जायेगा।”

मंत्री ने आगे कहा कि इस पहल को एक और साल के लिये बढ़ाने और इसमें माइकोलाइव बंदरगाह (Mykolaiv Port) को शामिल करने के लिये तुर्की और संयुक्त राष्ट्र (Turkey and United Nations) के साथ चर्चा चल रही है। इसी मुद्दे पर ऑलेक्ज़ेंडर कुब्राकोव ने लिखा कि- “जेसीसी के कारगर संचालन को सुनिश्चित करना भी अहम है। हम मौजूदा समस्याओं को हल करने के लिये अपने प्रस्ताव को पेश करते हैं”

मामले को लेकर तुर्की अधिकारी ने पुष्टि की कि सौदा मौजूदा शर्तों के तहत बढ़ाया गया। समझा जाता है कि सौदे के विस्तार पर तुर्की के राष्ट्रपति तैयप एर्दोगन (President Tayyip Erdogan) के कहने पर चर्चा हुई थी। रूस-यूक्रेन जंग के कारण एक्सपोर्ट रोके जाने के बाद वैश्विक खाद्य कीमतों में इज़ाफे की वज़ह से संयुक्त राष्ट्र और तुर्की की बातचीत के बाद जुलाई में ये सौदा प्रभावी हुआ।

तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन 19 नवंबर को खत्म होने वाले अनाज सौदे का विस्तार करने के लिये खासा आशान्वित हैं। इस सौदे के तहत यूक्रेनी अनाज के सुरक्षित मार्ग के लिये एक निश्चित संख्या में काला सागर बंदरगाहों को खुला रखा गया है। समझौते के तहत अब तक लाखों टन अनाज का निर्यात किया जा चुका है। बीते बुधवार (15 नवंबर 2022) को क्रेमलिन (Kremlin) ने कहा कि रूस ने काला सागर अनाज सौदे पर अपनी चिंताओं को दूर करने की दिशा में निश्चित प्रगति देखी है।

रूस ने शुरू में ये शिकायत करते हुए सौदे को निलंबित कर दिया था कि यूक्रेनी अनाज को गैरवाज़िब मुनाफा दिया गया था, जबकि प्रतिबंधों के कारण अपने खुद के अनाज और उर्वरक निर्यात को विश्व बाजारों में समान मुफ्त पहुंच नहीं दी गयी थी।

इससे पहले बाली (Bali) में जी-20 बैठक के दौरान तुर्की के राष्ट्रपति ने साफ संकेत दिया था कि अनाज का सौदा जारी रहेगा, जिससे दुनिया के कुछ सबसे गरीब देशों को खासा राहत मिलेगी। रेसेप तैयप एर्दोआन (Recep Tayyip Erdogan) ने जी-20 में संवाददाता सम्मेलन के दौरान इस मुद्दे पर कहा कि- “मेरा मानना है कि ये जारी रहेगा। वहां कोई समस्या नहीं है”

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