Bihar: नीतीश सरकार ने शुरू की जातिगत जनगणना, 500 करोड़ रूपये होंगे खर्च

न्यूज डेस्क (शाश्वत अहीर): Bihar विपक्षी दलों के भारी विरोध के बावजूद नीतीश कुमार की अगुवाई वाली बिहार सरकार आज (7 जनवरी 2023) से अपनी जाति आधारित जनगणना शुरू करने के लिये तैयार है। इस जाति जनगणना (Caste Census) पर बिहार सरकार को 500 करोड़ रूपये खर्च करने होंगे। बिहार सरकार (Government of Bihar) की योजनाओं के मुताबिक जाति आधारित जनगणना 7 जनवरी से दो चरणों में आयोजित की जायेगी। इसमें राज्य के सभी परिवारों की गणना की जायेगी और बिहार में जातियों की जनगणना 21 जनवरी तक पूरी हो जायेगी।

बिहार के सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) जो कि फिलहाल समाधान यात्रा पर हैं, ने कहा कि सरकार ने राज्य में उप-जातियों और नागरिकों की वित्तीय स्थिति को ध्यान में रखते हुए जाति आधारित जनगणना करने के लिये अधिकारियों को प्रशिक्षित किया है। उन्होंने ये भी कहा कि जनगणना राज्य और देश के विकास के लिये खासा फायदेमंद होगी। हमने अपने अधिकारियों को एक विस्तृत जातिगत जनगणना करने के लिए प्रशिक्षित किया है। इससे राज्य और देश के विकास को लाभ होगा।

बता दे कि बिहार में जाति आधारित सर्वेक्षण राज्य में जातियों और समुदायों की उपस्थिति निर्धारित करने और उनकी आबादी की गणना करने के लिये किया जा रहा है। बिहार का जाति सर्वेक्षण राज्य सरकार द्वारा दो चरणों में आयोजित किया जाना है। इसके तहत पहला चरण 7 जनवरी से 21 जनवरी तक होगा, जब बिहार में घरों की संख्या की गणना की जायेगी। दूसरा चरण मार्च में आयोजित किया जायेगा जब सभी जातियों, उप-जातियों और धर्मों के लोगों से संबंधित डेटा एकत्र किया जायेगा।

बिहार में जाति आधारित सर्वेक्षण में डेटा एक ऑनलाइन आवेदन के जरिये आयोजित किया जायेगा। जनगणना आठ स्तरों की होगी पंचायत से लेकर जिला स्तर तक। तैयार की गयी ऐप में जगह, जाति, परिवार में लोगों की संख्या, उनके पेशे और वार्षिक आय के बारे में सवाल होंगे। बिहार सरकार की ओर से जाति आधारित जनगणना राज्य में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों की मौजूदगी और उनके निवास के क्षेत्रों को ध्यान में रखने के लिये की जा रही है ताकि सरकार उनके लाभ के लिये नीतियां बना सके।

बिहार विधान सभा (Bihar Assembly) ने दो सर्वसम्मत प्रस्तावों को पारित किया जिसने राज्य में जाति आधारित जनगणना को आगे बढ़ाया। गौरतलब है कि जनगणना एसटी और एससी (ST and SC) के लिये की जा रही है, लेकिन अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC- Other Backward Classes) के लिये नहीं।

Leave a comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More