Banka District: नकली पुलिस थाने पहुँची असली पुलिस, सात लोग हुए गिरफ्तार

न्यूज डेस्क (मृत्युजंय झा): बिहार पुलिस ने बांका जिले (Banka District) में कस्बे के थाने के पास एक गेस्ट हाउस के अंदर फर्जी सरकारी ऑफिस (Fake Government Office) चलाने के आरोप में एक गिरोह को गिरफ्तार किया। पुलिस ने मीडिया को बताया कि 17 अगस्त को इस मामले में गिरोह के मास्टरमाइंड भोला यादव (Bhola Yadav) और उसकी सहयोगी अलका देवी (Alka Devi) समेत सात लोगों को अनुराग गेस्ट हाउस (Anurag Guest House) में फर्जी सरकारी ऑफिस चलाने के आरोप में गिरफ्तार किया।

मामले पर बांका के पुलिस अधीक्षक सत्य प्रकाश (Banka Superintendent of Police Satya Prakash) ने कहा कि “भोला यादव और अलका देवी सरकारी योजनाओं का फायदा दिलाने में मदद करने के बहाने लोगों को ठगने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने नकली सरकारी दफ्तर भी खोल रखा है, जहाँ फर्जी पुलिस कर्मियों और गार्ड को रखा गया था। मामले में अब तक सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है”

गिरोह बांका पुलिस और जिला प्रशासन की नाक के नीचे सब-इंस्पेक्टर और गार्ड की पुलिस वर्दी का इस्तेमाल करके कामयाब ढंग से लंबे समय से ठगी कर रहा था। मामले में पांच अन्य आरोपियों को भी हिरासत में लिया गया है, जिनकी शिनाख़्त अनीता मुर्मू, आकाश मांझी, रमेश कुमार, वकील कुमार और जूली कुमारी मांझी (Vakeel Kumar and Julie Kumari Manjhi) के तौर पर हुई है।

एसपी ने आगे कहा कि, “अनुराग गेस्ट हाउस में बने फर्जी सरकारी ऑफिस के भीतर जालसाजों को इतनी अच्छी तरह से रखा गया था कि आम नागरिक आसानी से उसे सरकारी कर्मचारी समझ सकता था, लेकिन पुलिस अधिकारियों ने इस फर्जी पुलिस स्टेशन (Fake Police Station) का भंडाफोड़ किया।”

पुलिस ने मौके से एक देशी पिस्तौल, बांका बीडीओ द्वारा जारी मतदाता कार्ड, पीएम आवास योजना के 500 से ज़्यादा आवेदन पत्र, चार पुलिस वर्दी, बैंक चेक बुक, पांच मोबाइल फोन, जनता दल (यूनाइटेड) के जिलाध्यक्ष की मुहर, फर्जी पहचान पत्र समेत अन्य आपत्तिजनक सामग्री गिरोह के कब्जे से ज़ब्त की।

इससे पहले पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया था, लेकिन इस गिरोह के मास्टरमाइंड भोला और अलका को आज (23 अगस्त 2022) गिरफ्तार कर लिया गया।

शुरुआती जांच में पता चला है कि भोला ने पटना में एस्कॉर्ट पुलिस टीम के नाम से ऑफिस बनाया और लोगों को ठगा। गिरोह ने जांच के बहाने चल रही कई सरकारी परियोजनाओं के ठेकेदारों से रंगदारी भी वसूली।

पूछताछ के दौरान अनीता और जूली ने खुलासा किया कि उन्होंने भोला से नौकरी पाने के लिये 90,000 रूपये और 55,000 रूपये की रिश्वत दी थी।

एसपी ने आगे बताया कि, “भोला ने उन्हें फर्जी पुलिस थाने में तैनात कर दिया और दोनों ने सोचा कि उन्हें पुलिस सेवाओं में भर्ती किया गया है।” बता दे कि मामले में बांका पुलिस अन्य आरोपियों से भी लगातार पूछताछ कर रही है।

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