Gyanvapi Masjid Case: ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग मामले पर भड़के असदुद्दीन ओवैसी कहा, ‘बंद हो ताजमहल के सभी फव्वारे’

न्यूजफ डेस्क (मृत्युजंय झा): Gyanvapi Masjid Controversy: वाराणसी की अदालत में याचिकाकर्ताओं द्वारा किये गये दावों का विरोध करते हुए, एआईएमआईएम सुप्रीमो (AIMIM supremo Asaduddin Owaisi) ने कहा था कि विवाद के बीच ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर पाया गया शिवलिंग असल में फव्वारा है, और उन्होनें इलाके को बंद करने का माखौल भी उड़ाया।

ओवैसी ने कहा कि अगर ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर के फव्वारे को अदालत द्वारा शिवलिंग (Shivling) माना जाना है, तो “ताजमहल के सभी फव्वारे” बंद कर दिये जाने चाहिये। उन्होंने विवाद के बीच भारतीय जनता पार्टी (BJP) की आलोचना की, जो उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में सत्ताधारी पार्टी है।

बता दे कि 17 मई को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि मुसलमानों को मस्जिद के अंदर धार्मिक अनुष्ठान की अनुमति है, जिसका मतलब है कि वो मस्जिद में ‘वुज़ू खाना’ का इस्तेमाल कर सकते हैं – नमाज़ अदा करने से पहले वजू करना इस्लाम में शुद्धिकरण के अनुष्ठान (Purification Rituals) से जुड़ी रवायत मानी जाती है।

ओवैसी ने कहा कि, “सुप्रीम कोर्ट के आदेश में कहा गया है कि मुसलमानों को धार्मिक रीतियों के पालन की इज़ाजत है, जिसका मतलब है कि हम वहां ‘वुज़ू’ कर सकते हैं। ये (कथित शिवलिंग) एक फव्वारा है। अगर ऐसा होता है तो ताजमहल (Taj Mahal) के सभी फव्वारों को बंद कर देना चाहिए। भाजपा देश को 1990 के दशक में वापस ले जाना चाहती है, जब दंगे हुए थे।

एआईएमआईएम नेता ने आगे कहा कि- मुस्लिम समुदाय पहले ही बाबरी मस्जिद (Babri Masjid) को “खो” चुका है और वो एक और मस्जिद नहीं खोयेगा। उन्होंने कहा था कि ज्ञानवापी परिसर के अंदर पाया गया शिवलिंग एक फव्वारा है, और इस इलाके को सील करने का फैसला करने के लिये उन्होनें वाराणसी की अदालत के आदेश का समर्थन नहीं किया।

ओवैसी ने आगे याचिकाकर्ता द्वारा किये गये दावे के आधार पर ज्ञानवापी मस्जिद के क्षेत्र को सील करने के लिये निचली अदालत के फैसले पर सवालिया निशाना लगाया, क्योंकि आयोग ने अभी तक इस मामले पर सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश नहीं की है।

गौरतलब है कि ज्ञानवापी मस्जिद विवाद तब और भड़क उठा जब निचली अदालत ने ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी परिसर (Gyanvapi-Sringar Gauri Complex) के सर्वेक्षण का आदेश दिया, जब कई महिलाओं ने एक याचिका (Petition) दायर कर मस्जिद के अंदर प्रार्थना करने के अधिकार की मांग की, जिसमें दावा किया गया था कि परिसर के अंदर एक मंदिर है।

Leave a comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More