Delhi सरकार का 458 बिस्तरों वाला अस्पताल जमीन से हुआ गायब, मचा हडकंप

न्यूज़ डेस्क (नई दिल्ली): भाजपा के दिल्ली (Delhi) प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता (Adesh Gupta) ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली के संसद मनोज तिवारी के साथ बुधवार को किराड़ी विधानसभा में दिल्ली सरकार के एक अस्पताल का दौरा किया। इस दौरे के बाद बीजेपी प्रतिनिधिमंडल ने दावा किया है कि यहाँ से दिल्ली सरकार का एक 458 बेड का अस्पताल गायब हो गया है और दिल्ली सरकार के अनुसार 1,256 करोड़ की लागत से बना अस्पताल 28 जून, 2020 से कार्यात्मक भी है।

दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता और उत्तर पूर्वी दिल्ली के सांसद मनोज तिवारी (Manoj Tiwari) के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि उसे केवल "एक बंजर भूखंड" और स्थान पर एक बोर्ड मिला, जिसमें "दिल्ली सरकार की फाइलों के अनुसार, 458 बेड का अस्पताल होना चाहिए था जो कि 28 जून, 2020 से चालू है।

'फाइलों में अस्पताल कार्यात्मक'

गुप्ता ने कहा कि, “COVID-19 ​​​​अवधि के दौरान, डीडीए द्वारा केंद्र से मांगे जाने पर, केजरीवाल सरकार को एक अस्पताल के लिए यह भूखंड दिया था जिसके बाद राज्य सरकार ने 458 बिस्तरों वाला अस्पताल स्थापित करने की बात कही। दिल्ली सरकार की फाइलों के अनुसार ये अस्पताल 28 जून, 2020 को बनकर तैयार हो गया था।

दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि “अस्पताल बनाने के नाम पर, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने दिल्ली वालों को धोखा दिया है। यह आश्चर्यजनक है कि अकेले इसके विज्ञापन पर 27 करोड़ रुपये खर्च किए गए।

तिवारी ने कहा कि दिल्ली सरकार ने इस सुविधा में 600 रोगियों का इलाज करने का दावा किया था, जो मौजूद नहीं है।

बता दें कि तिवारी ने अक्टूबर 2021 में, राजधानी में COVID रोगियों के इलाज के लिए सात अस्थायी अस्पताल स्थापित करने के ठेके में ₹1,256 करोड़ के भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था जिसके बाद L-G वी.के. सक्सेना ने हाल ही में भ्रष्टाचार निरोधक शाखा को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (Prevention of Corruption Act), 1988 की धारा 17A के तहत आरोपों की जांच करने की अनुमति दी थी।

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