न्यूज डेस्क (मृत्युजंय झा): Kisan Andolan: दिल्ली और पड़ोसी राज्यों में भारत बंद के चलते ट्रैफिक पर बुरा असर पड़ रहा है। संयुक्त किसान मोर्चें की अगुवाई में दिल्ली एनसीआर समेत राष्ट्रीय राजमार्गों को बंद कर दिया गया है। इसी क्रम में गाजीपुर सीमा (Ghazipur Border) पर यातायात की आवाजाही प्रभावित हुई और दिल्ली यातायात पुलिस ने दोनों कैरिजवे के लिये दिल्ली-उत्तर प्रदेश गाजीपुर सीमा पर वाहनों की आवाजाही पर पाबंदी लगा दी है।
गुरुग्राम-दिल्ली सीमा पर भारी ट्रैफिक जाम देखा गया क्योंकि राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश करने वाले वाहनों की दिल्ली पुलिस और अर्धसैनिक बल (Delhi Police and Paramilitary Forces) के जवानों द्वारा जाँच की जा रही थी। दिल्ली नोएडा डायरेक्ट (DND) फ्लाईवे पर भी भारी ट्रैफिक जाम देखा गया।
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने ट्विटर पर ट्रैफिक अलर्ट (Traffic Alert) जारी कर लोगों से दिल्ली से उत्तर प्रदेश गाजीपुर सीमा तक जाने से बचने का आग्रह किया है।
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने ट्वीटकर लिखा कि- एनएच 9 और एनएच 24 पर किसानों के विरोध के कारण गाजीपुर सीमा के दोनों ओर से यातायात को बंद रखा गया है। यूपी से आने-जाने के इच्छुक यात्री डीएनडी, विकास मार्ग, सिग्नेचर ब्रिज, वजीराबाद रोड आदि का इस्तेमाल कर सकते हैं। एनएच 24 और NH 9 की तरफ उत्तर प्रदेश जाने वाले ट्रैफिक को महाराजपुर बॉर्डर, अप्सरा और भोपुरा बॉर्डर (Bhopura Border) से रोड नंबर 56 पर डायवर्ट किया गया है।
ढांसा बॉर्डर पर ट्रैफिक मूवमेंट (Traffic Movement) को भी बंद कर दिया गया है। दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रीय राजधानी में लाल किले की ओर जाने वाले सभी रास्तों को भी बंद कर दिया है और एहतियात के तौर पर सड़कों पर बैरिकेड्स लगा दिये गये हैं। किसान संघों के गठबंधन संयुक्त किसान मोर्चा ने तीन कृषि कानूनों के अधिनियमन की पहली वर्षगांठ के मौके पर आज देशव्यापी भारत बंद (Nationwide Bharat Bandh) का आह्वान किया है।
इस बंद को 500 से ज़्यादा किसान संगठनों, 15 ट्रेड यूनियनों, राजनीतिक दलों, छह राज्य सरकारों और समाज के विभिन्न वर्गों का समर्थन मिला है। तमिलनाडु, छत्तीसगढ़, केरल, पंजाब, झारखंड और आंध्र प्रदेश की राज्य सरकारों ने भारत बंद के विरोध में अपना समर्थन दिया है। किसान तीन अधिनियमित कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले साल 26 नवंबर से विभिन्न स्थलों पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इनमें किसान उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम 2020, मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अधिनियम 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम 2020 और किसान अधिकारिता और संरक्षण) समझौता शामिल है। इस मुद्दे पर किसान नेताओं और केंद्र ने कई दौर की बातचीत की है, लेकिन गतिरोध बना हुआ है।