ABDM Digital Health ID Card: सभी भारतीयों को जाननी चाहिये डिजिटल हेल्थ आईडी कार्ड से जुड़ी ये बातें

नई दिल्ली (प्रियवंदा गोप): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज (27 सितंबर 2021) लोगों को डिजिटल हेल्थ आईडी कार्ड (Digital Health ID Card) मुहैया करवाने के लिए आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन की शुरुआत की, इस मुहिम के तहत लोगों के स्वास्थ्य रिकॉर्ड का डिजिटलाइजेशन (Digitization Of Health Records) किया जायेगा। राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) द्वारा डिजिटल हेल्थ आईडी की राष्ट्रव्यापी योजना को आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी पीएम-जेएवाई) की तीसरी बरसी पर जारी किया गया।

मौजूदा हालातों में राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन (एनडीएचएम) के तहत एक लाख से अधिक विशिष्ट स्वास्थ्य आईडी बनायी गयी हैं, जिसे शुरू में 15 अगस्त को पायलट आधार पर छह राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लॉन्च किया गया था।

Digital Health ID Card से जुड़ी अहम बातें:

  • जन धन, आधार और मोबाइल (जेएएम) और केंद्र सरकार की अन्य डिजिटल पहलों द्वारा तैयार की गयी नींव पर इस योजना को चलाया जायेगा। पीएम-डीएचएम डेटा लोगों की स्वास्थ्य सूचनाओं और जानकारियों का सिलसिलेवार ढंग से विस्तृत डेटा तैयार करेगा। इसके तहत लोगों के स्वास्थ्य से संबंधित व्यक्तिगत जानकारियां की सुरक्षा करते हुए मानक प्रणाली आधारित डिजिटल सिस्टम को यूनिक हेल्थ आईडी और स्वास्थ्य सूचना से इंटीग्रेट किया जायेगा।
  • ये मिशन पेमेंट में क्रांतिकारी बदलाव करते हुए यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस के मंच का इस्तेमाल करेगा। इसके साथ ही डिजिटल हेल्थ इको सिस्टम के भीतर अंतःक्रियाशीलता भी पैदा होगी। पीएम-डीएचएम के तहत प्रत्येक भारतीय नागरिक के लिये एक 14 अंकों का यूनिक हेल्थ आईडी तैयार किया जायेगा। इस हेल्थ अकाउंट/हेल्थ आईडी में किसी व्यक्ति की स्वास्थ्य संबंधी सभी सूचनाओं का भंडार होगा।

  • नागरिकों की रजामंदी के साथ इस हेल्थ आईडी को कहीं एक्सेस किया जा सकेगें। जिससे कि उनके स्वास्थ्य रिकॉर्ड के आधार पर उनको स्वास्थ्य सेवायें मुहैया करवायी जा सके। इस हेल्थ अकाउंट में हर टेस्ट, हर बीमारी, डॉक्टर की प्रिस्क्रिप्शन, ली गयी दवाओं और डायग्नोसिस से जुड़ी सारी जानकारी होगी। ये जानकारी बहुत उपयोगी होगी। भले ही रोगी नई जगह पर शिफ्ट हो जाये और नये डॉक्टर के पास जाये चूंकि ये पोर्टेबल है और आसानी से सुलभ है, इसलिये नये डॉक्टर को स्वास्थ्य विश्लेषण करने में कोई दिक्कत नहीं होगी।
  • हेल्थ आईडी किसी व्यक्ति के मूल विवरण और मोबाइल नंबर या आधार नंबर का इस्तेमाल करके बनायी जा सकती है। व्यक्तिगत स्वास्थ्य रिकॉर्ड को मोबाइल एप्लिकेशन, हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स रजिस्ट्री (HPR) और हेल्थकेयर फैसिलिटीज रजिस्ट्रीज (HFR) की मदद से जोड़ा और देखा जा सकता है।
  • एनडीएचएम के तहत हेल्थ आईडी मुफ्त और स्वैच्छिक है। सरकार के मुताबिक हेल्थ डेटा के विश्लेषण से राज्यों और स्वास्थ्य कार्यक्रमों के लिये बेहतर योजना, बजट और कार्यान्वयन होगा, जिससे काफी किफायती तरीके से स्वास्थ्य सेवाओं को आम लोगों का मुहैया करवाया जा सकेगा। नागरिक स्वास्थ्य सुविधाओं तक पहुंचने से सिर्फ एक क्लिक दूर होंगे।

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