गांधी परिवार को लगा तगड़ा झटका, इन वजहों से हटायी गयी एसपीजी सुरक्षा

केन्द्र सरकार ने गांधी परिवार को तगड़ा देते हुए उनसे एसपीजी सुरक्षा वापस ले ली है। गौरतलब है कि देशभर में इससे पहले चार ही लोगों को ही एसपीजी का सुरक्षा चक्र हासिल था। पहले राहुल गांधी, सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा और पीएम नरेन्द्र मोदी को ही हासिल था। एसपीजी की उच्च स्तरीय सुरक्षा समिति ने अपनी समीक्षा में ये फैसला लिया। एसपीजी का सुरक्षा चक्र कहीं ना कहीं गांधी परिवार के लिए सुरक्षा से ज़्यादा रसूख का मामला था। अब नयी व्यवस्था के तहत गांधी परिवार को जेड प्लस सुरक्षा मिलेगी। इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से एसपीजी सुरक्षा हटाकर Z+ दी गयी थी। इस सुरक्षा समीक्षा को लेकर कांग्रेस पार्टी में भारी रोष है। स्पेशल प्रटेक्शन ग्रुप यानी SPG को साल 1988 में संसदीय कानून द्वारा बनाया गया। पीठासीन प्रधानमंत्री के अलावा पूर्व प्रधानमंत्रियों और उनके परिजनों को SPG सुरक्षा का सुरक्षा चक्र मिलता है इस बात पर कि उन्हें बड़ा खतरा है। 

फैसले की अहम् वजहें 

एसपीजी के आला अधिकारियों के मुताबिक पिछले पाँच सालों के दौरान गांधी परिवार के साथ किसी भी तरह की अप्रिय घटना नहीं हुई है और साथ ही किसी तरह की कोई धमकी भी सामने नहीं आयी है। इसके अलावा एक अहम् वज़ह ये भी सामने निकालकर आ रही है कि, गांधी परिवार अपनी यात्रायें से जुड़ी जानकारियां एसपीजी अधिकारियों के साथ ढ़ंग से साझा नहीं कर रहा था। इस तरह 30 से भी ज़्यादा यात्राओं की जानकारियां एसपीजी अधिकारियों को नहीं दी गयी। जिसकी वज़ह से सुरक्षा अधिकारियों को असुविधा का सामना करना पड़ा। 


गांधी परिवार ने सुरक्षा प्रोटोकॉल से किया खिलवाड़ 

एसपीजी अधिकारियों के मुताबिक गांधी परिवार ने कई एसपीजी के सुरक्षा नियमों को ताक रखा है। जिसकी वज़ह से सुरक्षा अधिकारियों को खासा दिक्कतों का सामना करना पड़ा है। आधिकारियों के मुताबिक सोनिया गांधी ने 50 बार, प्रियंका गांधी ने 400 से ज़्यादा बार और राहुल गांधी ने 1892 बार सुरक्षा नियमों से खिलवाड़ किया है। 

प्रियंका गांधी एसपीजी पर लगा चुकी है, आरोप 

एसपीजी के मुताबिक साल 2014 से लेकर अब तक कई बार प्रियंका गांधी एसपीजी के अफसरों को घेरते हुए इल़्जाम लगा चुकी हैं कि उनकी निजी जानकारियां इकट्ठा करके अनाधिकृत स्रोतों को दी जा रही हैं। यहां तक की वह एसपीजी के आला अफसरों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की धमकी तक दे चुकी हैं। 

अमित शाह की सुरक्षा होगी अपग्रेड 

इसी सुरक्षा समीक्षा समिति ने ये फैसला लिया है कि गृहमंत्री अमित शाह की सुरक्षा को और भी चाक-चौबंद किया जायेगा। जिसके तहत उनकी सुरक्षा को जेड स्पेशल से जेड प्लस कर दिया जायेगा। इंटेलीजेंस इनपुट्स के अनुसार धारा-370 हटने के बाद उनकी सुरक्षा को लेकर कई तरह के खतरे उभर रहे है। इसके अलावा अमित शाह के काफिले की मूवमेंट के साथ ट्रैफिक रोकने पर भी विचार किया जा रहा है। 

कांग्रेस पार्टी ने दर्ज कराया कड़ा विरोध 

कांग्रेस नेता अहमद पटेल- यह निर्णय राजनीतिक बदले की भावना से लिया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है। कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने कहा कि भाजपा निजी तौर पर बदला लेने की राजनीति पर उतर आई है। इसके लिए वह दो पूर्व प्रधानमंत्रियों की सुरक्षा से समझौता कर रही है। 

एनसीपी नेता मजीद मेमन- इस तरह के कदम से गोपनीयता भंग होगी। उन्होंने कहा कि यह फैसला गांधी परिवार को सुरक्षा प्रदान करने के इरादे से किया गया है। यह उन पर निगरानी रखने के इरादे से उनकी निजता का उल्लंघन प्रतीत होता है। यह एक तरह से आंदोलन की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन भी है और इसे चुनौती दी जा सकती है। 

कांग्रेस नेता के.सी. वेणुगोपाल- देश के दो पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और राजीव गांधी की हत्या की गई। अटल बिहारी वाजपेयी ने ही कानून में बदलाव कर गांधी परिवार को एसपीजी कवर दिया था। मगर अब मोदी और शाह ने इसे हटा दिया। पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह राजनीतिक बदले की भावना से काम कर रहे हैं। यह इस फैसले से साबित हो गया है। 

कांग्रेस नेता राशिद अल्वी-गांधी परिवार देश का अकेला ऐसा परिवार है, जिसके दो सदस्य शहीद हो गए हैं। 

कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी- यदि हमारे परिवार की सुरक्षा से देश की जनता के पैसे बचते है तो मन्दी के इस दौर में हमें एक भी सुरक्षा कर्मी की आवश्यकता नहीं है। देश के लिए कुर्बानी देने वाली मेरी दादी और मेरे पिता ने कभी सुरक्षा की परवाह नहीं की । 

कांग्रेस नेता जयवीर शेरगिल- भारतीय जनता पार्टी से पूछा है कि एक महीने पहले तक तो भाजपा सरकार राहुल गांधी के साथ एसपीजी विदेश तक भेजना चाहती थी लेकिन एक महीने में ऐसा क्या हो गया कि इसे पूरी तरह से ही वापस ले लिया गया है।


अशोक गहलोत सीएम राजस्थान- केंद्र सरकार में बैठे कुछ लोग बहुत ओछी राजनीति कर रहे हैं। केंद्र सरकार गांधी परिवार की सुरक्षा से समझौता कर रही है। दहशतगर्दी के कारण गांधी परिवार के दो सदस्य आतंकवाद की भेंट चढ़ चुके है। पूर्व पीएम स्वर्गीय इंदिरा गांधी ने जान देकर खालिस्तान नहीं बनने दिया, और डटकर आतंकवाद का मुकाबला किया। पूर्व पीएम स्वर्गीय राजीव गांधी की जान भी आतंकवाद के कारण जान चली गई। केंद्र सरकार सुरक्षा देने में जो सियासी दांवपेंच कर रही है, इससे इनका मानसिक दिवालियापन झलकता है। पीएम नरेंद्र मोदी को इस मामले में तुरन्त हस्तक्षेप करना चाहिए। सुरक्षा से जुड़े मामलों में इस तरह की हरकत करने का किसी को कोई अधिकार नहीं है। अगर गांधी परिवार की एसपीजी सुरक्षा हटाने को लेकर पीएम को जानकारी है तो यह देश का सबसे बड़ा दुर्भाग्य है। 

कांग्रेस नेता शक्ति सिंह गोहिल- मंदी और तालाबंदी केंद्र सरकार की पहचान बनता जा रहा है। देश की इकनॉमी वेंटिलेटेर पर है। रोजगार के अवसर पैदा नहीं हो पा रहे है। देश में बेरोजगारी का माहौल लगातार बढ़ता जा रहा है। देशभर में फाइनेंशियल इमरर्जेंसी लगी हुई है। विपक्षी दलों के नेताओं को जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है।
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