आज कमल हसन का 65 वां जन्मदिन है। उन्होनें अपने करियर की शुरूआत बतौर अभिनेता की थी। साल दर साल उनकी उपलब्धियों के खातें में एक-एक तमगे जुड़ते रहे। आज वो निर्देशक, गायक, गीतकार, स्क्रिप्टराइटर और निर्माता के तौर पर भी जाने जाते है। साल 2018 के दौरान कमल हसन ने देश की सियासत में भी खासा दखल दिया और ‘मक्कल निधि मय्यम’ नाम की पॉलिटिकल पार्टी भी खड़ी की। इसके अलावा राजकमल इंटरनेशनल प्रोडक्शन हाउस का मालिकाना हक भी उनके पास है।
कमल हसन के बारे में दिलचस्प बातें
- कमल का असली नाम पार्थ सारथी है। साल 1959 के दौरान उन्होनें बतौर बाल अभिनेता अपने करियर की शुरूआत की। जिसके लिए उस साल उन्हें राष्ट्रपति से गोल्डन मेडल मिला। इस फिल्म का नाम कलाथूर कनम्मा था। इसके बाद कमल हसन ने बाल कलाकार के तौर पर बैक टू बैक पाँच फिल्म की थी।
- 18 साल की उम्र में उन्होनें अपनी पहली स्क्रिप्ट लिखी, फिल्म का नाम था उनारचिगल। कमल हसन एकमात्र ऐसे अभिनेता है, जो छह भारतीय भाषाओं (मलयालम, तमिल, तेलुगू, कन्नड़, बंगाली और हिंदी) में काम कर चुके है। कमल हसन की तकरीबन आठ फिल्में विदेश भाषा की श्रेणी में ऑस्कर के लिए नामांकित हो चुकी है।
- कमल हसन को मंहगी गाड़ियों का बेहद शौक है। उनके पास कई लक्जरी गाड़ियों का बड़ा कलेक्शन है। जिनमें खासतौर से हमर एच3 (Hummer H3), रेंज रोवर इवॉक, ऑडी ए8 एल शामिल है।
- रजनीकांत को आगे बढ़ाने में कमल हसन का बड़ा योगदान रहा है। करियर की शुरूआत में रजनीकांत को छोटे-मोटे रोल ही मिल रहे थे। या फिर कमल हसन के ऑपोजिट रजनीकांत का सैकेंड लीड रोल ही मिलते थे। जब ये बात कमल हसन को महसूस होने लगी तो उन्होनें 1979 के दौरान रजनीकांत के साथ काम करना ही बंद कर दिया ताकि इण्डस्ट्री में उन्हें अच्छी खासी करियर माइलेज मिल सके। कमल हसन का ये तरीका आखिर काम कर गया। रजनी को लीड रोल मिलने शुरू हो गये। कमल की बदौलत रजन की करियर ग्राफ इतना ऊपर पहुँच गया, वे सुपरस्टार बनकर उभरे
- कमल हसन का निजी और सार्वजनिक जीवन विवादों में घिरा रहा है। जहाँ एक ओर निजी में वाणी गणपति से तलाक, अभिनेत्री सारिका के साथ उनका लीविंग रिलेशन में रहना, कमल गौतमी के साथ लिव-इन रिलेशन शिप विवादों में रहा, वहीं दूसरी ओर नाथू राम गोडसे को पहला हिन्दू आंतकी कहकर वे काफी सुर्खियों में रहे, इसके अलावा उन्होनें कश्मीर मसले पर जनमत संग्रह की बात कहकर विवादों को और तूल दिया। नाथूराम गोडसे पर टिप्पणी करने के कारण मदुरै के थिरुपरनकुंद्रम इलाके में उन पर चप्पल भी फेंकी गयी थी।
- कमल हसन के पास अभिनय का ऐसा पिटारा है, जिससे वे दर्शकों को शॉक कर देते है। साल 1987 में उन्होनें प्रयोगधर्मी सिनेमा (Experimental Cinema) हिस्सा बनते हुए पुष्पक फिल्म में अपने अभिनय का लोहा मनवाया। जहाँ एक भी डायलॉग बोले बगैर दर्शकों को पूरी कहानी से बांधे रखा। साल 1998 में आयी चाची 420 में उन्होनें महिला का किरदार निभाया साथ ही इस फिल्म में गज़ब का निर्देशन भी किया। साल 2008 में दशावतारम् में उम्र के लंबे पड़ाव पर आकर अभिनय का नया रंग दर्शकों के सामने रखा।