पीएम मोदी ने राज्यसभा के 250 वें सत्र को संबोधित किया

मौजूदा शीतकालीन सत्र संसद के ऊपरी सदन के लिए बेहद खास़ है। ये राज्यसभा का 250 वां सत्र है। सत्र आगामी 13 दिसम्बर तक चलेगा। इस बार राज्यसभा का ये सत्र काफी विशेष रहने वाला है। सत्र की शुरूआत में सबसे जहाँ नज़रे टिकी, वो थी सदन में तैनात मार्शलों की वर्दी। इससे पहले राज्यसभा में मार्शल सिविल ड्रैस में पगड़ी पहने मुस्तैद नज़र आते थे। उनकी नयी ऑलिव कलर की वर्दी सैन्य अधिकारियों की तरह लग रही थी। 


काफी अहम रहेगा राज्यसभा का ये सत्र 
26 नवंबर को हमारा संविधान पूरे 70 साल का हो जायेगा। इस राज्यसभा के पटल पर कई ऐसी कार्रवाइयां देखने को मिलेगी, जिसका इंतज़ार पूरा देश कर रहा है। इस बार नागरिकता संशोधन बिल सहित 27 बिल पारित करवाने की कवायद में रहेगी मोदी सरकार। जिसमें राम मंदिर ट्रस्ट मसौदा का राज्यसभा में पास करवाना केन्द्र सरकार की कार्यवाही का मुख्य हिस्सा हो सकता है। विपक्षी दल मौजूदा आर्थिक हालातों, रोजगार, किसानों और युवाओं के मुद्दों पर सरकार को घेर सकती है। राज्यसभा में फिलहाल शिवसेना के तीन सांसद है, राज्यसभा की संसदीय कार्यवाहियों के दौरान उन रूख़ भी देखने लायक होगा। 

शीतकालीन सत्र के पहले दिन पीएम मोदी ने राज्यसभा में सांसदों को संबोधित किया 
·मेरा सौभाग्य है कि मुझे संसद के उच्च सदन के 250वें सत्र में बोलने का मौका मिला। राज्यसभा भारत के विकास का चिह्न है। ये लोकसभा की तरह भंग नहीं होती। इसका अस्तित्व बरकरार रहता है।
·राज्यसभा ने इतिहास बनाया भी है और इतिहास का गवाह भी रह चुका है। 250वें सत्र में शामिल होना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। 
·राज्‍यसभा भारत की विकास यात्रा का प्रतिबिंब है। स्‍थायित्‍व और विविधता इस सदन का प्रतीक है। लोकसभा भंग होती है लेकिन राज्यसभा कभी भंग नहीं होती है। 
·250 सत्र ये अपने आप में समय व्यतीत हुआ ऐसा नहीं है। एक विचार यात्रा रही। समय बदलता गया, परिस्थितियां बदलती गई और इस सदन ने बदली हुई परिस्थितियों को आत्मसात करते हुए अपने को ढालने का प्रयास किया। सदन के सभी सदस्य बधाई के पात्र हैं। राज्यसभा भारत की विकास यात्रा है और राज्यसभा दूर तक देख सकती है। 
·मैं दो दलों का उल्लेख करना चाहता हूं एक और एनसीपी और दूसरा बीजेडी। उन्होंने कहा कि इस सत्र में हम वेल में नहीं जाएगी। मैं देख रहा हूं कि दोनों दल इसका पालन कर रहे हैं। मैं इसके लिए उनकी तारीफ करता हूं। हम एनसीपी और बीजेडी ने जिस तरह से अनुशासन कायम किया है उसका जिक्र होना चाहिए। मुझे विश्वास है सभी दल उनसे सीख लेंगे।
·राज्यसभा उन लोगों को देश के विकास के लिए योगदान देने का एक मौका देता है जो चुनावी अखाड़े से जीतकर नहीं आ सकते हैं। 
·अनुभव कहता है संविधान निर्माताओं ने जो व्यवस्था दी वो कितनी उपयुक्त रही है। कितना अच्छा योगदान इसने दिया है। जहां निचला सदन जमीन से जुड़ा है, तो उच्च सदन दूर तक देख सकता है। 
·भारत की विकास यात्रा में निचले सदन से जमीन से जुड़ी चीजों का प्रतिबिंब झलकता है, तो उच्च सदन से दूर दृष्टि का अनुभव होता है। भारत की अनेकता के एकता का जो सूत्र है वह इस सदन में नजर आता है। 
·राज्य सभा के दो पहलू खास हैं- स्थायित्व और विविधता। स्थायित्व इसलिए महत्वपूर्ण है कि लोकसभा तो भंग होती रहती है लेकिन राज्य सभा कभी भंग नहीं होती, और विविधता इसलिए महत्वपूर्ण है कि क्योंकि यहां राज्यों का प्रतिनिधित्व प्राथमिकता है। 
·राज्यसभा ने कई महत्वपू्र्ण विधेयक पास किए थे। ‘इस सदन का एक और लाभ भी है कि हर किसी के लिए चुनावी अखाड़ा पार करना बहुत सरल नहीं होता है, लेकिन देशहित में उनकी उपयोगिता कम नहीं होती है, उनका अनुभव, उनका सामर्थय मूल्यवान होता है। 
·यदि हम राज्यसभा के 250वें सदन का विश्लेषण करें तो देखेंगे कि इसने कई विधेयकों को पास किया है जो आगे चलकर कानून बने हैं। जो देश में शासन को परिभाषित करते हैं।’ 
·हमारे देश में एक लंबा कालखंड ऐसा था जब विपक्ष जैसा कुछ खास नहीं था। उस समय शासन में बैठे लोगों को इसका बड़ा लाभ भी मिला। लेकिन उस समय भी सदन में ऐसे अनुभवी लोग थे जिन्होंने शासन व्यवस्था में निरंकुशता नहीं आने दी। ये हम सबके लिए स्मरणीय है। 
·पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने एक बार कहा था कि राज्यसभा सेकंड हाउस है, लेकिन इसे सेकेंडरी हाउस नहीं समझना चाहिए। हमें इसे आत्मसात करना चाहिए कि संसद का सेकंड हाउस कभी सेकेंडरी हाउस नहीं हो सकता।
·हमारे संविधान निर्माताओं ने हम लोगों को जो दायित्व दिया है, हमारी प्राथमिकता है कल्याणकारी राज्य लेकिन उसके साथ हमारी जिम्मेदारी है राज्यों का भी कल्याण। राज्य और केंद्र मिल करके देश को आगे बढ़ा सकते हैं।
·पिछले 5 साल का समय देखें तो यही सदन है जिसने तीन तलाक का बिल पास करके महिला सशक्तिकरण का बहुत बड़ा काम किया। 
·देश की एकता और अखंडता के लिए अनुच्छेद 370 और 35ए को हटाने की शुरुआत पहले इसी सदन में हुई, उसके बाद लोकसभा में ये हुआ। 
·इसी सदन ने सामान्य वर्ग के गरीबों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया, लेकिन कहीं विरोधभाव पैदा नहीं हुआ। सब जगह सहयोग का भाव बना।
·इसी सदन ने जीएसटी के रूप में वन नेशन-वन टैक्स की ओर सहमति बनाकर देश को दिशा देने का काम किया है।
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