दिल्ली सचिवालय का ये दस्तावेज़ केजरीवाल को दे सकता है तगड़ा झटका

राजधानीवासियों को अरविंद केजरीवाल ने मुफ़्त बिजली मुफ़्त पानी एक नयी राजनीति की शुरूआत की है। उनकी इस कवायद से आम आदमी पार्टी के लिए एक खास किस्म का वोट बैंक भी तैयार हो गया है। आने वाले विधानसभा चुनावों में कांग्रेस और भाजपा के लिए इसी वोट बैंक में सेंध लगाना बड़ी चुनौती रहेगा। अगर विपक्षी पार्टियों को केजरीवाल के खिल़ाफ कोई कमी मिल जाती है, उसे जनता के बीच जमकर भुनाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी जाती है।

ये आदेश आप के वोटबैंक में कमी ला सकता है।

दिल्ली सचिवालय ने एक दस्तावेज़ जारी किया है। जिसके मुताबिक दिल्ली सरकार ने इसी साल अगस्त में ये फैसला लिया है कि बिजली की 200 यूनिट फ्री रखने की योजना को 31 मार्च 2020 तक ही लागू रखा जायेगा। उसके आगे इस स्कीम का रोडमैप क्या होगा, इसका कोई जिक्र नहीं किया गया है।

मामले को लेकर मनोज तिवारी उतरे मैदान में

मामले की आंच को भांपते हुए मनोज तिवारी आप पक्ष रखने के लिए आगे आये। मीडिया से खास बातचीत में उन्होनें ने कहा कि सरकारी योजनाओं की कोई टाइम लिमिट फिक्स नहीं होती है। गर्वमेंट स्कीमें तब तक चलती हैं, जब तक कि इससे बेहतर कोई दूसरी योजना न आ जाए। दिल्ली सरकार का यह नाटक सबके सामने आ गया है। दिल्ली सरकार को इस पर जव़ाब देना चाहिए। दिल्ली सचिवालय से जारी सर्कुलर से ये पता चलता है कि केजरीवाल दिल्ली की जनता को बेवकूफ बना रहे है। इसीलिए दिल्ली की जनता का आम आदमी पार्टी का चाल और चरित्र समझ जाना चाहिए।

आतिशी मार्लेना की ओर पेश की गयी सफाई

मनोज तिवारी के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए आतिशी मार्लेना दिल्ली सरकार की ओर से सफाई पेश की और कहा कि, मनोज तिवारी अपनी जनरल नॉलेज में इज़ाफा करे। हर फाइनेंशियल ईयर में सरकारी स्कीमों के लिए बजट आंबटन करने का प्रशासनिक प्रावधान होता है। दिल्लीवासियों को बिजली की 200 यूनिट मुफ्त देने की स्कीम एक लंबी योजना है। अगले फिर से सत्ता में वापसी के बाद इस स्कीम के लिए बजट आंबटित कर दिया जायेगा।

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