कांवड यात्रा को मंजूरी देने के मसले पर Yogi Govt. को सर्वोच्च न्यायालय ने किया तलब

न्यूज डेस्क (शौर्य यादव): जस्टिस आरएफ नरीमन की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने बुधवार (14 जुलाई 2021) को कोविड-19 महामारी के बीच राज्य में कांवड़ यात्रा को अनुमति देने के उत्तर प्रदेश सरकार (Yogi Govt.) के फैसले का स्वत: संज्ञान लिया।

उत्तराखंड राज्य ने जून के महीने में कोविड-19 महामारी के कारण कांवड़ यात्रा 2021 को खारिज किया। जिसके लिये सरकार की ओर से आधिकारिक बयान भी जारी किया गया। देश में इस साल की शुरुआत के साथ कोरोना मामलों में भारी इज़ाफा देखा गया, जिसके कारण दूसरी लहर ज्यादातर उत्सवों और कुंभ मेले के कारण फैली जिसमें लाखों लोग शामिल हुये।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सुझाव दिया कि वो कांवड़ यात्रा को स्थगित रखना चाहते हैं और उन्होंने अपने समकक्ष उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कावंड यात्रा की अनुमति देने के अपने फैसले पर पुनर्विचार (Reconsider) करने का अनुरोध किया।

कावंड यात्रा के मुद्दे पर मीडिया से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि, 'कांवड़ यात्रा आस्था (Faith) की बात है लेकिन भगवान नहीं चाहेगें कि आस्था के लिए लोग अपनी जान गंवाये। हर जीवन अनमोल है। उन्होंने आगे कहा कि, "मुझसे पहले 30 जून को राज्य कैबिनेट द्वारा पहले ही फैसला लिया जा चुका था कि कांवड़ यात्रा की अनुमति नहीं दी जायेगी।"

गौरतलब है कि वार्षिक तीर्थयात्रा को लेकर सीएम धामी का ये बयान प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के साथ उनकी चर्चा के तुरंत बाद आया।

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