Rohingya: केन्द्रीय मंत्री हरदीप पुरी के रोहिंग्या पर किये ट्विट ने बढ़ाया बवाल, मोदी सरकार और दिल्ली सरकार के बीच ठनी रार

न्यूज डेस्क (समरजीत अधिकारी): केंद्रीय शहरी विकास और आवास मंत्री हरदीप सिंह पुरी (Union Urban Development and Housing Minister Hardeep Singh Puri) ने बीते बुधवार (17 अगस्त 2022) को दिल्ली के बक्करवाला इलाके (Delhi’s Bakkarwala Areas) में ईडब्ल्यूएस फ्लैटों में 1,100 रोहिंग्याओं (Rohingyas) को बसाने का दावा करने वाले एक समाचार लिंक को रिट्वीट करने के बाद बड़ा विवाद हो गया। बाद में दिल्ली सरकार ने कहा कि मामले पर उनसे सलाह नहीं ली गयी और केंद्रीय गृह मंत्रालय (Union Home Ministry) ने रिपोर्ट का खंडन किया, इसके बाद उन्होंने अपने बयान वापस ले लिया।

बता दे कि पुरी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा था कि रोहिंग्याओं को बुनियादी सुविधायें, यूएनएचसीआर पहचान पत्र और दिल्ली पुलिस (Delhi Police) सुरक्षा मिलेगी। उन्होनें आगे लिखा था कि-“भारत ने हमेशा उन लोगों का स्वागत किया है जिन्होंने देश में शरण मांगी है। एक ऐतिहासिक निर्णय में सभी रोहिंग्या शरणार्थियों को दिल्ली के बक्करवाला इलाके में ईडब्ल्यूएस फ्लैटों (EWS Flats) में जगह दी जायेगी। उन्हें बुनियादी सुविधायें, यूएनएचसीआर आईडी (UNHCR ID) और चौबीसों घंटे दिल्ली पुलिस की सुरक्षा मुहैया करवाये जायेगी। जिन लोगों ने भारत की शरणार्थी नीति को जानबूझकर सीएए (CAA-Citizenship Amendment Act) से जोड़ने पर अफवाह फैलाकर माहौल बनाया, वो इससे निराश होंगे। भारत संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी सम्मेलन 1951 का सम्मान करता है और उसका पालन करता है और सभी को उनकी जाति धर्म या पंथ की परवाह किये बिना शरण प्रदान करता है।  

हालांकि बाद में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मंत्री हरदीप पुरी के दावे का खंडन करते हुए कहा कि उन्होंने “रोहिंग्या अवैध विदेशियों” को ईडब्ल्यूएस फ्लैट उपलब्ध कराने के मामले में कोई आदेश नहीं दिया था। जिसके बाद पुरी ने बाद में कहा कि हालिया ऐलान के संबंध में गृह मंत्रालय का बयान सरकार की “सही स्थिति” है।

बता दे कि मुख्य सचिव नरेश कुमार (Chief Secretary Naresh Kumar) ने बीती 29 जुलाई को एक बैठक की, जिसमें कुछ शरणार्थियों को बाहरी दिल्ली के बक्करवाला इलाके में गरीब परिवारों के लिये बने मकानों में बसाने का फैसला लिया गया। इस बात का खुलासा कथित मीटिंग के मिनट्स से हुआ।

इस बीच आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) ने कथित फैसले का विरोध करते हुए कहा कि फैसला लेने से पहले चुनी हुई दिल्ली सरकार (Delhi Government) से सलाह नहीं ली गयी। आप प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज (AAP spokesperson Saurabh Bhardwaj) ने मामले पर कहा कि दिल्ली के गृहमंत्री मनीष सिसोदिया की अनदेखी की गयी और मुख्य सचिव (Chief Secretary) ने दिल्ली पुलिस (Delhi Police) के साथ बैठक की।

सिसोदिया ने एक ट्वीट में कहा कि उपराज्यपाल ने प्रशासनिक अधिकारियों और दिल्ली पुलिस की मौजूदगी में ये फैसला लिया। अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को इस फैसले से दूर रखा गया। दिल्ली सरकार अवैध रूप से रोहिंग्याओं को दिल्ली में बसाने की इस साजिश को मंजूरी नहीं देगी।

मामले पर भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया (BJP spokesperson Gaurav Bhatia) ने दिल्ली के मुख्य सचिव पर सारा दोष मढ़ दिया और आप सरकार पर तुष्टीकरण की नीति को अपनाने का आरोप लगाया।

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