Economic Survey: केंद्रीय बजट से पहले इसलिये काफी अहम होता है आर्थिक सर्वेक्षण

बिजनेस डेस्क (मृत्युजंय झा): वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज (31 जनवरी 2022) लोकसभा में 2021-22 के लिये आर्थिक सर्वेक्षण (Economic Survey) पेश किया। संसद के दोनों सदनों में राष्ट्रपति के अभिभाषण के तुरंत बाद इसे संसद में पेश किया गया। आर्थिक सर्वेक्षण देश की अर्थव्यवस्था का सालाना रिपोर्ट कार्ड है, जो प्रत्येक क्षेत्र के बारे में बताता हुआ, भविष्य के आर्थिक कदमों का सुझाव देता है। हर साल बजट पेश करने से ठीक एक दिन पहले वित्त मंत्री द्वारा आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया जाता है।

ये वार्षिक दस्तावेज मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA-Chief Economic Advisor) के मार्गदर्शन में वित्त मंत्रालय द्वारा तैयार किया जाता है और ये विशेष वित्तीय साल के दौरान देश भर में वार्षिक आर्थिक विकास का सारांश (Summary of Annual Economic Growth) पेश करता है। हर साल आर्थिक सर्वेक्षण विषय विशेष से जुड़ा होता है। इसी तर्ज पर पिछले साल की थीम जीवन और आजीविका को बचाने से जुड़ी थी। साल 2017-18 के लिये आर्थिक सर्वेक्षण दो हिस्सों में बंटा था, क्योंकि उस समय महिला सशक्तिकरण (Women Empowerment) को थीम बनाया गया।

आर्थिक सर्वेक्षण हमेशा दो हिस्सों में बंटा हुआ होता है पहले हिस्से में देश के सामने आने वाली आर्थिक चुनौतियां के बारे में बताया जाता है और दूसरा हिस्से बीते हुए वित्तीय वर्ष का विश्लेषण (Financial Year Analysis) होता है।

आर्थिक सर्वेक्षण अगले वित्त वर्ष के लिये सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का आंकलन भी करता है। आर्थिक सर्वेक्षण में देश की आर्थिक स्थिति में अहम अंतर्दृष्टि (Insight) भी शामिल है। ये काफी अहमियत रखता है क्योंकि ये पिछले वित्तीय वर्ष में देश के आर्थिक विकास की समीक्षा करता है। आर्थिक सर्वेक्षण विश्लेषण करता है और अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों का विस्तृत सांख्यिकीय डेटा (Statistical Data) मुहैया करवाता है। इस डेटा में औद्योगिक, कृषि, औद्योगिक उत्पादन, रोजगार, कीमतें, निर्यात आदि शामिल हैं।

ये देश की प्राथमिकता को समझकर केंद्रीय बजट की बेहतर समझ देने में मदद करता है। सर्वेक्षण अगले वित्तीय वर्ष के लिये प्राथमिकता को समझाने में मदद करने के साथ किन क्षेत्रों पर ज़्यादा जोर देने की जरूरत है इस बारे में भी बताता है।

आर्थिक सर्वेक्षण दस्तावेज आमतौर पर मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) द्वारा तैयार किया जाता है। इस साल ये पद खाली रहने के कारण प्रधान आर्थिक सलाहकार और अन्य अधिकारियों द्वारा किया गया। बता दे कि मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम (Chief Economic Advisor Krishnamurthy Subramaniam) का कार्यकाल दिसंबर 2021 में समाप्त हो गया था।

आर्थिक सर्वेक्षण पिछले कुछ सालों में दो खंडों में पेश किया जा रहा है। अरविंद सुब्रमण्यम के सीईए के तौर पर पदभार संभालने के बाद से ये रवायत शुरू हुई और उनके उत्तराधिकारी केवी सुब्रमण्यम ने इसे जारी रखा।

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