‘माचिस’ बनी CDS जनरल बिपिन रावत की एनडीए में सिलेक्शन की वज़ह, जाने अनसुना किस्सा

न्यूज डेस्क (दिगान्त बरूआ): चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत समेत 13 लोग तमिलनाडु में कुन्नूर के पास हादसे का शिकार हो गये। इस दौरान भारतीय वायुसेना हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया जिसमें ग्रुप कैप्टन वरूण सिंह (Group Captain Varun Singh) को छोड़कर बाकी सभी लोगों ने मौके पर ही दमतोड़ दिया। आज जनरल बिपिन रावत और मधुलिका रावत के पार्थिव शरीर को दिल्ली लाया जायेगा। जहां शुक्रवार (10 दिसंबर 2021) को दिल्ली कैंट के बरार स्क्वायर (Berar Square, Delhi Cantt) में सर्वोच्च सैन्य सम्मान के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी जायेगी।

मूल रूप से उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल (Pauri Garhwal) के रहने वाले जनरल रावत हमेशा भारतीय सेना में शामिल होने का सपना देखते थे। ऐसे में हम आपको उनसे जुड़ा एक किस्सा बताने जा रहे है, जब वो भारतीय सेना (Indian Army) में अधिकारी बनने की तैयारी कर रहे थे। ये किस्सा उन्होनें कुछ स्टूडेंट्स के साथ साझा किया था। ये तब की बात है जब वो एनडीए की तैयारी कर रहे थे।

उस दौरान जनरल रावत ने कहा था कि, ''यूपीएससी की एनडीए परीक्षा पास करने के बाद मुझे सर्विस सेलेक्शन बोर्ड (Service Selection Board) जाना था। मैं इस सेलेक्शन के लिये इलाहाबाद (अब प्रयागराज) गया। वहां 4 से 5 दिन की कड़ी ट्रेनिंग और टेस्ट के बाद उन्हें आखिर में इंटरव्यूह के लिये बुलाया गया। सभी उम्मीदवार एक कमरे के बाहर एक लाइन में खड़े थे। सभी को एक-एक करके कमरे में बुलाया गया और सवाल पूछे गये। ये कुछ ही मिनट थे जिसके दौरान एनडीए में सिलेक्शन या रिजेक्शन हो सकता था।"

घटना के बारे बताते हुए जनरल रावत आगे ने कहा कि आखिरकार जब उनकी बारी आयी तो एक ब्रिगेडियर रैंक का अधिकारी उनका इंटरव्यू लेने के लिये कमरे में बैठा था। "एक युवा छात्र के तौर पर उस ऑफिस में होना थोड़ा डराने वाला था। पहले तो उन्होनें मुझसे चार-पांच आसान से सवाल पूछे और उसके बाद उन्होनें मेरे शौक के बारे में पूछा। मैंने उनसे कहा कि मैं ट्रेकिंग का बहुत शौकीन हूँ,”

जनरल रावत ने कहा कि जैसे ही उन्होंने ट्रेकिंग की बात कही, अधिकारियों ने उनसे पूछा "ऐसी कौन सी चीज़ है जिसे आप 4-5 दिन के ट्रैक के दौरान ले जाना चाहेंगे?" जनरल रावत ने खुलासा किया कि उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वो ऐसी स्थिति में अपने पास माचिस की डिब्बी रखेंगे।

ये पूछे जाने पर कि उन्होंने ट्रेकिंग के दौरान ले जाने के लिये सबसे अहम चीजों में से माचिस क्यों चुना, जनरल बिपिन रावत ने कहा था कि 'अगर मेरे पास माचिस होती तो मैं ट्रेकिंग के दौरान इससे कई काम कर सकता था और कई गतिविधियाँ कर सकता था। उन्होंने आगे कहा था कि जब कोई व्यक्ति युवा होता है तो उसके लिए खुद को व्यवस्थित क्रम (Systematic Order) में खोजना जरूरी होता है। इसलिए मैंने महसूस किया कि माचिस मेरे ट्रैकिंग गियर (Tracking Gear) का सबसे अहम हिस्सा हो सकता है।

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