Taliban: बेकाबू होता तालिबान का कहर, अफगानिस्तान के मज़ार-ए-शरीफ से हुई 50 भारतीयों की वापसी

न्यूज डेस्क (गौरांग यदुवंशी): अफगानिस्तान में हंगामे के बीच भारत ने मजार-ए-शरीफ से 50 भारतीय नागरिकों को सकुशल निकाल लिया है। मजार से स्पेशल फ्लाइट आज तड़के दिल्ली पहुंची। ताजा हालातों के बीच तालिबान (Taliban) शहर की दहलीज पर पहुंच गया है जो उत्तरी बल्ख प्रांत की राजधानी है। ये प्रांत मध्य एशिया की सीमा पर है। मजार में भारतीय वाणिज्य दूतावास ने मंगलवार को ऐलान किया कि एक स्पेशल फ्लाइट से उड़ान भरेगी और अफगानिस्तान के उस हिस्से में भारतीय नागरिकों को वापस लायेगी।

अफगानिस्तान में भारत के लगभग 1500 नागरिक विभिन्न विकास कार्यों में कर रहे हैं। हाल ही में काबुल में भारतीय मिशन की ओर से सिक्योरिटी एडवायजरी (Security Advisory) जारी की गयी कि “सभी भारतीय नागरिक जो अफगानिस्तान में ठहरे हुए है या सफर कर रहे है वो भारत द्वारा कर्मिशियल फ्लाइट बंद करने से पहले भारत लौटे। ऐसे सभी लोगों को तुरन्त वहां से निकलकर भारत वापसी की सलाह दी जाती है।

ये कवायद उस दौरान हो रही है जब भारत अपने मजार शऱीफ के वाणिज्य दूतावास से अपने राजनयिकों को निकाल रहा है क्योंकि हिंसा के बढ़ते खतरे के बीच तालिबान कई इलाकों में तेजी से अपने पांव पसार रहा है। भारत पहले ही दक्षिणी अफगानिस्तान के कंधार से अपने राजनयिकों को वापस ला चुका है। इस बीच काबुल में भारतीय दूतावास पूरी तरह से काम कर रहा है।

इसी क्रम में अगले 48 घंटों में दोहा में अफगानिस्तान पर दो प्रमुख बैठकें होंगी। पहली बैठक ट्रोइका प्लस मीट का मंच होगी जिसमें चीन, अमेरिका, रूस और पाकिस्तान शामिल हैं। गुरुवार को अफगानिस्तान पर एक क्षेत्रीय सम्मेलन (Regional Conference) होगा जिसमें भारत को आमंत्रित किया गया है। ये आमंत्रण पिछले सप्ताह आतंकवाद विरोधी और मध्यस्थता समाधान में कतर के विशेष दूत मुतलाक अल काहतानी की दिल्ली यात्रा के दौरान मिला था। भारत यात्रा के दौरान उन्होंने भारत के विदेश मंत्री एस.जयशंकर, विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला, जेपी सिंह के संयुक्त सचिव पीएआई और सचिव (सीपीवी और ओआईए) संजय भट्टाचार्य से मुलाकात की थी।

नई दिल्ली अफगानिस्तान में बढ़ते आंतकी मामलों के बीच राजनयिक जुड़ाव की अगुवाई कर रही है। पिछले हफ्ते संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष ने अफगानिस्तान पर एक बैठक की मेजबानी की थी। बैठक में संयुक्त राष्ट्र में भारत के दूत टीएस तिरुमूर्ति ने तालिबान "अच्छे विश्वास में बातचीत", "हिंसा के रास्ते से बचने" और "अल कायदा और अन्य आतंकवादी संगठनों के साथ गंभीर संबंध" जैसे मुद्दों को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा में शामिल करने का आह्वान किया।

अफगानिस्तान पर सुरक्षा परिषद की ये बैठक अफगानिस्तान के विदेश मंत्री हनीफ अतमार द्वारा भारत के विदेश मंत्री एस.जयशंकर की बातचीत के बाद आयोजित की जा रही है। लगातार बिगड़ते और नाज़ुक होते हालातों के बीच सभी डिप्लोमैटिक चैनलों (Diplomatic Channels) की मदद से भारत अफगान सरकार की मदद करने की कोशिश कर रहा है।

हाल ही में हुई बैठक के दौरान अफगानिस्तान ने देश में चल रहे तालिबानी के हमले के लिए पाकिस्तान के समर्थन का पर्दाफाश किया। अफगानी प्रतिनिधि ने बैठक के दौरान बताया कि इस्लामाबाद तालिबनियों को महफूज़ पनाह दे रहा है।  संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बोलते हुए संयुक्त राष्ट्र में अफगान दूत गुलाम एम इसाकजई (Afghan envoy Ghulam M Isakzai) ने कहा, "तालिबान पाकिस्तान की मदद से अपने लिये गोला-बारूद, राशन और तमाम तरह की रसद बरकरार रखे हुए है।

Leave a comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More