Kejriwal के कारण आमरण अनशन के लिए मजबूर हुए सफाईकर्मी

न्यूज डेस्क (विश्वरूप प्रियदर्शी): दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल (Kejriwal) के संवेदनहीनता के कारण शहीद कोरोना वॉरियर निगम सफाईकर्मी विनोद हरलाल (Corona Warrior Corporation Safaikarmi Vinod Haralal) का परिवार आजतक सम्मान राशि पाने के लिए दर-बदर भटक रहा है। सफाइकर्मी विनोद हरलाल ने बीते 24 अप्रैल 2020 को ड्यूटी के दौरान सर्वोच्च बलिदान देते हुए शहीद हो गये थे। निगम सफाईकर्मी शहीद विनोद हरलाल की तैनाती बतौर सफाईकर्मी लाजपत नगर में थी। इंफेक्शन के लिहाज़ से बेहद संवेदनशील निजामुद्दीन इलाके में तब्लीगी ज़मात के मरकज़ वाली इमारत के आस-पास की साफ-सफाई का कार्यभार उन्हें सौंपा गया था। इस दौरान वो बीमार होकर शहीद हो गये, डॉक्टरों ने उन्हें कोरोना इंफेक्शन से ग्रसित घोषित किया था।

जिसके बाद उनके परिवार को कोरोना योद्धा को दी जाने वाली सम्मान राशि के लिए दिल्ली सचिवालय, सीएम आवास, राजस्व विभाग और उत्तरी दिल्ली नगर निगम के चक्कर कटवाये जा रहे है। दिल्ली प्रशासन हर जगह परिजनों की फरियाद को अनसुना कर रहा है। बीते 5 जुलाई के दौरान मुख्यमंत्री के ओएसडी (Chief Minister’s OSD) ने ई-मेल के माध्यम से शहीद के परिजनों की अर्जी ई-मेल से स्वीकार कर ली, लेकिन उसके बाद आज तक परिवार को एक करोड़ रूपये की सम्मान राशि का भुगतान नहीं किया गया है। सम्मान राशि को कभी डेथ ऑडिट कमेटी (Death audit committee) की रिपोर्ट ना होने का हवाला देकर रोका जाता है तो कभी दिल्ली सरकार द्वारा जारी आदेश संख्या 1(26)DPMU/IDHS/SD/2020-2021/Ex-Gratia/2966 को सम्मान राशि ना देने का आधार बताया जाता है।

मामले को लेकर आवाज़ उठा रहे दिल्ली सफाई कर्मचारी एक्शन कमेटी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरेन्द्र सिंह चुड़ियाणा के मुताबिक कई बार शहीद के परिवार को उसका हक़ दिलाने की कोशिश की गयी लेकिन हर बार प्रशासनिक कवायदों की वज़हों से इस मुद्दे को साज़िशन लंबित किया गया। ताजा बदलते हालातों के बीच अब शहीद के परिजन और दिल्ली सफाई कर्मचारी एक्शन कमेटी के वरिष्ठ पदाधिकारी कल सुबह 8 बजे से दक्षिण दिल्ली नगर निगम (South Delhi Municipal Corporation) के मुख्यालय सिविक सेंटर गेट नंबर 5 के सामने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल आमरण अनशन (Indefinite hunger strike fasting) पर बैठेगें। ऐसे में बड़ा सवाल ये उभरता है कि मामला संज्ञान में होने के बावजूद केजरीवाल शहीद के परिजनों का हक़ क्यूं मारकर बैठे है।

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