2023-24 के लिए रेपो रेट 25 बेसिस प्वाइंट से बढ़कर हुआ 6.5 फीसदी, RBI ने किया ऐलान

बिजनेस डेस्क (राजकुमार) भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास (Governor Shaktikanta Das) ने मौद्रिक नीति पर बयान जारी किया, आज (8 फरवरी 2023) रेपो दर में 25 बेसिस प्वाइंट में इजाफा किया। केंद्रीय बैंक ने अपनी दिसंबर की मौद्रिक नीति समीक्षा (Monetary Policy Review) में अहम बेंचमार्क ब्याज दर में 35 बेसिस प्वाइंट का भी इजाफा किया। रिजर्व बैंक ने मुद्रास्फीति को काबू में रखने के प्रयास में पिछले साल मई के बाद से अल्पकालिक उधार दर में 225 बेसिस प्वाइंट को बढ़ाया है।

आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने अपने नीतिगत भाषण में कहा कि इस समय मौद्रिक प्रणाली के लचीले रहने और मुद्रास्फीति के प्रति जागरूक रहने के लिये दर में 25 बेसिस प्वाइंट का बढ़ोत्तरी बेहद जरूरी है। इस साल का पहला मौद्रिक नीति वक्तव्य इसी समय जारी किया गया। दिसंबर 2022 में रेपो दर 0.35 प्रतिशत अंक बढ़कर 6.25% हो गयी। 3.35 फीसदी के साथ रिवर्स रेपो दर (Reverse Repo Rate) में कोई बदलाव नहीं हुआ।

शक्तिकांत दास ने कहा कि एमपीसी ने विकास को बनाये रखने के लिये “विड्रॉल ऑफ एकोमेडेशन” मुद्रा को बनाये रखने के लिये चुना है ताकि ये सुनिश्चित किया जा सके कि मुद्रास्फीति आगे बढ़ने वाले लक्ष्य के तयशुदा सीमा के भीतर रहे।

वित्तीय विशेषज्ञों ने भविष्यवाणी की कि केंद्रीय बैंक अप्रैल से शुरू होने वाले आगामी वित्तीय वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (Gross Domestic Product) की वृद्धि में अनुमानित मंदी, खुदरा मुद्रास्फीति के मॉडरेशन के संकेत के साथ तथ्य ये है कि ये अभी भी नीचे है, इस वजह से बेंचमार्क ब्याज दर को सिर्फ 25 बेसिस प्वाइंट तक बढ़ाने का विकल्प चुना जा सकता है। इसके साथ ही आरबीआई का 6% अपर टॉलरेंस लेवल के साथ 2023-24 के लिये जीडीपी विकास दर 6.4% रहने का अनुमान लगाया है। मार्जिनल स्टैडिंग फैसिलिटी रेट (Marginal Standing Facility Rate) और बैंक दर क्रमशः 6.75% और 6.25% के साथ इसमें को कोई बदलाव नहीं होगा।

बता दे कि प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में मुद्रास्फीति (Inflation) की उच्च दर बनी हुई है। दास के मुताबिक हालातों अभी भी अस्थिर है। दास ने अपने बयान में कहा कि भले ही खुदरा मुद्रास्फीति हाल ही में कम हुई है, ये मुमकिन तौर पर 4 फीसदी की लक्ष्य दर से ऊपर रहेगी। गवर्नर के मुताबिक चौथी तिमाही में खुदरा मुद्रास्फीति औसतन 5.6 प्रतिशत रहने की संभावना है। उन्होनें इस बात को लेकर भी चिंता जतायी कि कोर महंगाई दर स्थिर बनी हुई है।

वित्तीय वर्ष 24 के लिये CPI मुद्रास्फीति अनुमान संशोधित होकर 5.3% हो गया। केंद्रीय बैंक (Central Bank) ने अपने मूल सीपीआई मुद्रास्फीति अनुमान को भी 6.7 प्रतिशत से घटाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया।

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