China में देखे गये विरले विरोध प्रदर्शन, शी जिनपिंग के खिलाफ जमकर लगे नारे

एजेंसियां/न्यूज डेस्क (देवागंना प्रजापति): China: मौजूदा हालातों के बीच चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Chinese President Xi Jinping) को विरोध की लहर का सामना कर रहा है। इसी वज़ह से चीनी सरकार को ऑनलाइन सेंसर की नीतियां सोशल मीडिया पर सख्ती से लागू करनी पड़ रही है। अन्तर्राष्ट्रीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक विरोध प्रदर्शन एक शख़्स ने किया था, जिसने सरकार के खिलाफ विभिन्न नारे लगाते हुए एक बैनर लपेटा हुआ था।

इस मामले को लेकर हुई सोशल मीडियो पोस्टों और वीडियो को वीबो (Weibo) और चीन में विभिन्न अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से हटा दिया गया, बैनर में देखे गये शब्द अब अन्य प्रदर्शनकारियों के लिये नॉर्मल कीवर्ड बन गये हैं। कई रिपोर्टों के मुताबिक कथित चीनी प्रदर्शनकारी ने अपने बैनर में लिखा था कि-  “हमें खाना चाहिये, पीसीआर टेस्ट नहीं। हम आजादी चाहते हैं, लॉकडाउन और नियंत्रण नहीं। हम सम्मान चाहते हैं, झूठ नहीं।”

ब्लूमबर्ग ने बताया कि ज्यादातर विरोध ऑनलाइन और जमीनी स्तर पर चीनी नागरिकों का एक गुट कर रहा है, ये लोग खुद को VoiceofCN कहते हैं। इंस्टाग्राम पर अपने पोस्ट के अलावा गुट ने शंघाई, शेनझेन, ग्वांगझू, बीजिंग और हांगकांग (Beijing and Hong Kong) में भी विरोध प्रदर्शन आयोजित किये।

जब असंतुष्टों की बात आती है तो चीनी न्यायपालिका द्वारा दी गयी कठोर सजा को देखते हुए शी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन काफी दुर्लभ हैं। हालाँकि पिछले कुछ दिनों में साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने बताया कि कीवर्ड – “ब्रिज,” “करेज” और “बीजिंग” – सोशल मीडिया पर काफी हावी हैं।

सख्त COVID-19 प्रतिबंधों और भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे कम्युनिस्ट पार्टी (Communist Party) के सदस्यों की वज़ह से धीमी होती चीनी अर्थव्यवस्था को लेकर जनता में भारी गुस्सा है, जिसकी वज़ह से विरोध के बयार शी जिनपिंग के खिलाफ बहती दिख रही है। आम चीनियों में गुस्सा पहले से ही था, और आगामी चुनावों ने इसे और तेज कर दिया। माना जा रहा है कि इन चुनावों में दुबारा निर्वाचित होकर शी जिनपिंग चीनी नागरिकों के साथ ही अन्तर्राष्ट्रीय बिरादरी को अपनी बढ़ती ताकत का एहसास दिलायेगें।

चीन के अलावा विरोध अन्य देशों में भी फैल गया है और दुनिया भर के विश्वविद्यालयों ने चीनी अधिकारियों के खिलाफ इसी तरह के नारे लगाये हैं। बीबीसी के मुताबिक ठीक इसी तरह के नारे संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, ऑस्ट्रेलिया और यूरोप (Australia and Europe) समेत कई अन्य देशों में भी देखे गये।

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