PM Modi के तेजतर्रार भाषण के सामने ढीला पड़ा विपक्ष, अडानी मामले से शुरू हुई थी सदन में चर्चा

न्यूज डेस्क (दिल्ली): कल (8 फरवरी 2023) जिस तरह राहुल गांधी ने सदन में अडानी समेत कई मुद्दों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) पर निशाना साधा और सदन में पोस्टर लहराते हुए जिस तरह से आरोप लगाये उससे ये तय था कि राहुल गांधी के मंत्रियों को मुंहतोड़ जवाब मिलने वाला है। राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के आरोपों की बाउंसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जोरदार छक्का जड़ा।

अडानी पर लगाये गये आरोपों के बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक शब्द भी नहीं कहा। लेकिन उन्होंने बिना नाम लिये सिर्फ कांग्रेस या राहुल गांधी को ही नहीं, बल्कि पूरे विपक्ष को घेरा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शब्द कटाक्ष और आलोचना का ऐसा संगम थे, जिसमें डुबकी विपक्षी नेताओं को कई बार लगानी पड़ी।

पेश हैं संसद में पीएम मोदी के जोशीले भाषण की पांच अहम बातें-

• अडानी (Adani) को लेकर पूछे गये सवालों का पीएम मोदी ने सीधा जवाब नहीं दिया और देश की आर्थिक प्रगति पर कुछ आंकड़े पेश किये।

• पीएम मोदी ने राहुल गांधी ही नहीं, बल्कि पूरे विपक्ष पर निशाना साधा।

• प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा पर भी निशाना साधा, उनके साथ हुई एक घटना का जिक्र किया जब उन्होंने लाल चौक (Lal Chowk) पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया, भारत जोड़ो यात्रा को “कमतर” बताया।

• पीएम मोदी ने कांग्रेस के बेरोजगारी के सवाल पर तंज कसते हुए कहा कि उन्होनें बेरोजगारी के नाम पर सिर्फ कानून दिये, जो काम नहीं आया।

• प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘अवसर को समस्या’ बनाने के लिये कांग्रेस पर निशाना साधा। वो कांग्रेस के 10 साल के कार्यकाल में हुए घोटालों का जिक्र कर रहे थे।

पीएम नरेंद्र मोदी ने सभी विपक्षी नेताओं से ईडी (ED) का शुक्रिया अदा करने को कहा। प्रधानमंत्री ने कहा कि विपक्ष को एक मंच पर लाने का काम, जो जनता नहीं कर पाई, वो ईडी ने किया। पीएम मोदी ने राहुल गांधी के भाषण की तारीफ करने वालों पर भी निशाना साधा। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि कुछ लोगों के भाषण के बाद पूरा विपक्षी इकोसिस्टम खुशी से झूमने लगा।

29 जनवरी को राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा श्रीनगर (Srinagar) के लाल चौक पर खत्म हुई। इस दौरान राहुल गांधी के साथ बड़ी तादाद में कांग्रेस नेता और यूपीए (UPA) में शामिल उनके कई सहयोगी वहां मौजूद थ। राहुल गांधी ने अपनी कश्मीर यात्रा के दौरान गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) को चुनौती देते हुए कहा था कि अगर कश्मीर में सब ठीक है तो उन्हें जम्मू से श्रीनगर की यात्रा करनी चाहिये।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का सीधा जिक्र तो नहीं किया, लेकिन अपने भाषण के जरिये उन्होंने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान लाल चौक पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने की घटना से जुड़े संस्मरण के बारे में बताया।

कांग्रेस (Congress) के शासन काल में हुए आतंकी हमलों का जिक्र करते हुए उन्होंने 26/11 की बात करते हुए इसे कांग्रेस की नाकामी करार दिया। उन्होंने अपने भाषण में लाल चौक की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि बरसों पहले जब आतंकवाद चरम पर था, आतंकवादियों की चुनौती के बावजूद वो राष्ट्रीय ध्वज फहराने गये थे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक पुराने बयान को लेकर कांग्रेस पर हमला बोला। कोरोना महामारी के दौरान कांग्रेस पार्टी ने केंद्र सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि हार्वर्ड में भारत के हालात का अध्ययन किया जायेगा। बता दे कि हाल ही में राहुल गांधी ने भी हार्वर्ड का जिक्र किया था और कहा था कि हार्वर्ड (Harvard) में एक स्टडी होनी चाहिये कि कैसे सरकार ने एक बिजनेसमैन को बड़ा बिजनेसमैन बनाने में मदद की।

कांग्रेस की ओर से बार-बार हार्वर्ड का जिक्र सुनने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पार्टी पर हार्वर्ड शोध की बौछार कर दी। उन्होंने विश्वविद्यालय के एक अध्ययन का उल्लेख किया, जिसका शीर्षक था “राइज़ एंड डिक्लाइन ऑफ इंडियाज कांग्रेस पार्टी” उनकी बात सुनकर कांग्रेस भी खफा हो गयी।

लोकसभा में राष्ट्रपति से अभिभाषण पर पीएम का प्रतिक्रिया संबोधन

• इस बार मैं धन्यवाद के साथ-साथ राष्ट्रपति जी का अभिनंदन भी करना चाहता हूं। गणतंत्र के मुखिया के रूप में उनकी उपस्थिति ऐतिहासिक तो है ही, देश की कोटि-कोटि बेटियों के लिए यह बहुत बड़ा प्रेरणा का अवसर भी है।

• राष्ट्रपति के अभिभाषण पर किसी को ऐतराज भी नहीं है। इसकी किसी ने आलोचना भी नहीं की। मुझे खुशी है कि किसी ने विरोध नहीं किया, सबने स्वीकार किया। इसे पूरे सदन की स्वीकृति मिली है। यहां चर्चा में हर किसी ने अपने अपने आकड़ें और तर्क दिए… अपनी रूचि, प्रवृति और प्रकृति के अनुसार अपनी बातें रखी और जब इन बातों को समझने का प्रयास करते हैं तो यह भी ध्यान में आता है कि किसकी कितनी क्षमता, योग्यता और इरादा है। देश इन सभी का मूल्यांकन करता है।

• कल कुछ लोग उछल रहे थे। कल कुछ लोग बोल रहे थे तो पूरा इकोसिस्टम उछल रहा था। कल नींद भी अच्छी आयी होगी और शायद आज वो उठ भी नहीं पाये होंगे।  ऐसे लोगों के लिए बहुत अच्छे ढंग से कहा गया है- ये कह कहकर हम दिल को बहला रहे हैं, वो अब चल चुके हैं, वो अब आ रहे हैं।  कुछ लोग तो ये भी कह रहे थे कि ये हुई न बात। राष्ट्रपति के अभिभाषण के दौरान कुछ लोग कन्नी काट गये थे। एक बड़े नेता तो उनका अपमान भी कर चुके हैं।

• जनजातीय समुदाय के प्रति नफरत भी दिखा चुके हैं। जब इस प्रकार की बातें टीवी पर कही गईं, तो भीतर पड़ा हुआ नफरत भाव था, वह सच बाहर आकर ही रह गया। …ठीक है, बाद में चिट्ठी लिखकर बचने की कोशिश की गई। जब राष्ट्रपति जी के अभिभाषण पर चर्चा सुन रहा था, तब लगा कि बहुत सी बातों को मौन रहकर स्वीकार किया गया है। राष्ट्रपति जी के भाषण पर किसी को एतराज नहीं है या आलोचना नहीं है।

• राष्ट्रपति जी ने अभिभाषण में कहा था कि जो भारत कभी अपनी अधिकांश समस्याओं के समाधान के लिए दूसरों पर निर्भर था, वही आज दुनिया की समस्याओं के समाधान का माध्यम बन रहा है। जिन मूल सुविधाओं के लिए देश की बड़ी आबादी ने दशकों तक इंतजार किया, वह इन वर्षों में उसे मिली है। बड़े-बड़े घोटालों, सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार की जिन समस्याओं से देश मुक्ति चाहता था, वह मुक्ति देश को अब मिल रही है। पॉलिसी पैरेलिसिस की चर्चा से बाहर आकर देश और देश की पहचान तेज की विकास और दूरगामी दृष्टि से लिए गए फैसलों से हो रही है।

• राष्ट्रपति जी ने अभिभाषण में कहा था कि जो भारत कभी अपनी अधिकांश समस्याओं के समाधान के लिए दूसरों पर निर्भर था, वही आज दुनिया की समस्याओं के समाधान का माध्यम बन रहा है। उन्होंने अभिभाषण में यह भी कहा था कि जिन मूल सुविधाओं के लिए देश की बड़ी आबादी ने दशकों तक इंतजार किया, वह इन वर्षों में उसे मिली है। बड़े-बड़े घोटालों, सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार की जिन समस्याओं से देश मुक्ति चाहता था, वह मुक्ति देश को अब मिल रही है। पॉलिसी पैरेलिसिस की चर्चा से बाहर आकर देश और देश की पहचान तेज की विकास और दूरगामी दृष्टि से लिए गए फैसलों से हो रही है।

• चुनौतियों के बिना जीवन नहीं होता है, चुनौतियां तो आती हैं, लेकिन चुनौतियों से ज्यादा सामर्थ्यवान है 140 करोड़ देशवासियों का जज्बा। उनका सामर्थ्य चुनौतियों से भी ज्यादा मजबूत, बड़ा है। अनेक देशों में अस्थिरता का माहौल है। भीषण महंगाई है। खानेपीने का संकट है। हमारे अड़ोस-पड़ोस में भी जिस प्रकार के हालात बने हुए हैं, ऐसी स्थिति में कौन हिंदुस्तानी इस बात पर गर्व नहीं करेगा कि ऐसे समय में भी देश दुनिया की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था बना हुआ है।

• आज पूरे विश्व में भारत को लेकर पॉजिटिविटी है, एक आशा है, भरोसा है। यह भी खुशी की बात है कि आज भारत को विश्व के समृद्ध देशों के समूह जी-20 की अध्यक्षता का अवसर मिला है। यह देश के लिए गर्व की बात है। 140 करोड़ देशवासियों के लिए गौरव की बात है। लेकिन पहले मुझे नहीं लगता था, लेकिन अभी लग रहा है कि इससे भी कुछ लोगों को दुख हो रहा है। वे आत्मनिरीक्षण करें कि वे कौन लोग हैं, जिन्हें इसका भी दुख हो रहा है।

• आज दुनिया की हर विश्वसनीयता संस्था, सारे विशेषज्ञ जो वैश्विक प्रवाहों का गहराई से अध्ययन करते हैं, जो भविष्य का अच्छे से अनुमान भी लगा सकते हैं, उन सभी को आज भारत के प्रति बहुत आशा है, विश्वास है और बहुत मात्रा में उमंग भी है। आखिर यह सब क्यों है, ऐसे ही तो नहीं है। आज पूरी दुनिया भारत को इस प्रकार की नजरों से क्यों देख रही है, इसका जवाब है भारत में आई स्थिरता, वैश्विक साख में और भारत में बनती नई संभावनाओं में।

• मैं एक और उदाहरण देता हूं। इस कोरोनाकाल में भारत निर्मित वैक्सीन तैयार हुई। भारत में दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चलाया गया। अपने करोड़ों नागरिकों को मुफ्त वैक्सीन के टीके लगाए गए। 150 से ज्यादा देशों को इस संकट के समय में हमने जहां जरूरत थी, वहां दवाई और वैक्सीन पहुंचाई। आज विश्व के कई देश भारत के विषय में यह बात गौरव से विश्व मंच पर कहते हैं, भारत का गौरवगान करते हैं। तीसरा पहलू यह है कि आज भारत का डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर मजबूत है। इसने ताकत दिखाई है। पूरा विश्व इसका अध्ययन कर रहा है।

• बाली में जी-20 में डिजिटल इंडिया की वाहवाही हो रही थी। कोरोनाकाल में दुनिया के बड़े-बड़े देश अपने नागरिकों को आर्थिक मदद पहुंचाना चाहते थे। यह देश है जो एक सेकंड एक हिस्से में हजारों करोड़ रुपये ट्रांसफर कर देता है। एक समय था, जब देश छोटी तकनीक के लिए भी तरसता था। आज देश आगे बढ़ रहा है।

• भारत में नई संभावनाएं हैं। कइयों को यह बात समझने में देर लग जाएगी लेकिन भारत सप्लाई चेन के मामले में आगे बढ़ गया है। भारत मैन्यूफैक्चरिंग हब के रूप में विकसित हो रहा है। दुनिया भारत की समृद्धि में अपनी समृद्धि देख रही है। निराशा में डूबे हुए कुछ लोग इस देश की प्रगति को स्वीकार ही नहीं कर पा रहे।140 करोड़ देशवासियों के पुरुषार्थ और परिश्रम उपलब्धि उन्हें नजर नहीं आ रही।

• कोरोनाकाल ने पूरी दुनिया की Supply Chain को हिलाकर रख दिया। आज भारत उस कमी को पूरा करने के लिए तेजी से आगे बढ़ रहा है। कई लगों को यह बात समझने में काफी देर हो जाएगी। भारत आज Manufacturing Hub के रूप में उभर रहा है। दुनिया भारत की इस समृद्धि में अपनी समृद्धि देख रही है। निराशा में डूबे हुए कुछ लोग इस देश की प्रगति को स्वीकार ही नहीं कर पा रहे हैं।

• पिछले नौ वर्ष में भारत में 90 हजार स्टार्टअप आए हैं। आज स्टार्टअप के मामले में हम दुनिया में तीसरे नंबर पर पहुंच गए हैं। बहुत बड़ा स्टार्टअप ईकोसिस्टम देश की टियर-3 शहरों तक पहुंच चुका है। इतने कम समय में और कोरोना के विकट कालखंड में 108 यूनिकॉर्न बने। एक यूनिकॉर्न यानी छह-सात हजार करोड़ से ज्यादा का मूल्य। आज भारत दुनिया में मोबाइल बनाने में दूसरा बड़ा देश बन गया है। घरेलू विमान यात्रियों के मामले में हम दुनिया में तीसरे नंबर पर हैं।

• हमारा स्टार्टअप ईकोसिस्टम देश के टियर-टू, टियर थ्री शहरों में पहुंचा है। Mobile Manufacturing में आज भारत दूसरा बड़ा देश बन गया है। डोमेस्टिक एयर ट्रैफिक में आज हम विश्व में तीसरे नंबर पर हैं। एनर्जी Consumption में आज भारत दुनिया में तीसरे नंबर पर है। Renewable Energy Capacity में चौथे नंबर पर पहुंचे हैं। Sports में कभी हमारी कोई पूछ नहीं थी, आज हर स्तर पर भारत के खिलाड़ी अपना सामर्थ्य दिखा रहे हैं।

• लगभग तीन दशकों तक भारत में राजनीतिक अस्थिरता रही। आज हमारे पास एक स्थिर और निर्णायक सरकार है। स्थिर और निर्णायक सरकार में विश्वास हमेशा राष्ट्र हित में निर्णय लेने का साहस रखता है। आज दुनिया भर के कई देश विभिन्न विश्व मंचों से महामारी के दौरान 150 से अधिक देशों को भारत की मदद की प्रशंसा करते हैं।

• कोरोनाकाल में बहुत से देश अपने नागरिकों की आर्थिक मदद करना चाहते थे, लेकिन असमर्थ थे। यह भारत है यहां फ्रैक्शन ऑफ सेकंड में लाखों-करोड़ों रुपये देशवासियों के खातों में जमा कर रहा था। एक समय देश छोटी-छोटी तकनीक के लिए तरसता था। आज देश Technology के क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है।

• हम सभी को याद है उस समय कॉमनवेल्थ गेम्स में किस तरह से घोटाला हुआ था। उन्होंने कहा कि 2G से लेकर हेलिकॉप्टर घोटाले किस तरह से सामने आए थे। तब कोयला घोटाला चर्चा में आ गया था। देश पर कितने ही आतंकी हमले हुए। 2008 के आतंकी हमलों को कोई भूल नहीं सका। उनमें आंख में आंख मिलाकर हमले करने का सामर्थ्य नहीं था। आतंकियों के हौसले बुलंद होते गए। 10 साल तक खून बहता रहा। 2014 के पहले का दशक लॉस्ट डिकेड के रूप में जाना चाहिए। यह दशक इंडियाज डिकेड कहलाएगा।

• 2004 से 2014 आजादी के बाद सबसे अधिक घोटालों का दशक रहा। वही 10 साल कश्मीर से कन्याकुमारी, भारत के हर कोने में आतंकी हमले होते रहे। यही सूचना चलती रही कि अनजानी चीज को हाथ मत लगाना। 10 साल में कश्मीर से नॉर्थ ईस्ट तक हिंसा ही हिंसा। ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर भारत की आवाज इतनी कमजोर थी कि दुनिया सुनने को तैयार नहीं थी।

• जब न्यूक्लियर डील पर बात हो रही थी, तब ये नोट फॉर वोट में उलझे थे। घोटालों के कारण दुनिया में देश बदनाम हुआ। 2004 से 2014 के दशक में देश का बहुत नुकसान हुआ। 2030 का दशक भारत का है। इनमें आतंक पर पलटवार करने का साहस नहीं था। देश के नागरिकों का 10 साल तक खून बहा। भारत लोकतंत्र की जननी है। लोकतंत्र हमारी रगों में है. आलोचना होनी चाहिए लेकिन इन्होंने नौ साल आरोप में गंवा दिये। चुनाव हार जाएं तो ईवीएम को दोष, भ्रष्टाचार की जांच हो तो एजेंसियों को गाली। ईडी का धन्यवाद करना चाहिए कि उसने इन लोगों को एक मंच पर ला दिया है. जो काम देश के मतदाता नहीं कर पाए।

• कुछ लोगों में हार्वर्ड स्टडी का बड़ा क्रेज है। एक नेता ने कहा था हार्वर्ड में स्टडी होगी। हार्वर्ड में स्टडी हो चुकी है। इस स्टडी का टॉपिक है द राइज एंड डिक्लाइन ऑफ कांग्रेस पार्टी। मुझे विश्वास है कि भविष्य में कांग्रेस की बर्बादी पर हारवर्ड नहीं, बड़े-बड़े विश्वविद्यालयों में अध्ययन होना ही होना है। और कांग्रेस को डुबाने वाले लोगों पर भी अध्ययन होने वाला है। मैं ऐसे लोगों के लिए दुष्यंत कुमार ने बहुत बढ़िया बात कही है। उन्होंने कहा है- तुम्हारे पांव के नीचे कोई जमीन नहीं, कमाल ये है कि फिर भी तुम्हें यकीन नहीं?

• विपक्ष पहले ये तय करे कि भारत कमजोर हुआ है या मजबूत। पहले कहते हैं कि देश कमजोर हुआ है, फिर कहते हैं कि भारत दूसरे देशों पर दबाव बनाकर फैसले करवा रहा है। कुछ लोग अब भी अहंकार में जी रहे हैं. वे सोचते हैं कि मोदी को गाली देकर ही रास्ता निकलेगा। मोदी पर देशवासियों का ये भरोसा इनकी समझ के दायरे से बाहर है। ये ऐसे ही नहीं आया है, मोदी पर भरोसा अखबार और टीवी पर चेहरा दिखाकर नहीं आया है। मेरा सुरक्षाकवच 140 करोड़ भारतीय हैं। देशवासियों के लिये, उज्ज्वल भविष्य के लिए जीवन खपा दिया है, पल-पल खपा दिया है. आपके गलीच आरोप को जनता कैसे स्वीकार करेगी।

• तुम परिवार के लिए जीते हो, मोदी 140 करोड़ लोगों के लिए जीता है। कुछ लोग परिवार तबाह करने पर लगे हैं। समाज के वंचितों को वरीयता के संकल्प को लेकर हम चल रहे हैं। दशकों तक दलित, पिछड़े, आदिवासी को जिस हाल पर छोड़ दिया गया था, वो सुधार नहीं आया था जो संविधान निर्माताओं ने सोचा था। 2014 के बाद सरकारी योजनाओं का लाभ सबसे अधिक इन्हीं परिवारों को मिला है। पहली बार इन परिवारों में बिजली पहुंची है, नल से जल मिल रहा है. जो बस्तियां आपको चुनाव के समय ही याद आती थी, आज सड़क-बिजली पानी के साथ 4जी कनेक्टिविटी भी वहां पहुंच रही है। आदिवासी राष्ट्रपति के रूप में दिखती हैं, पूरा देश गौरव गान कर रहा है।

• आज आदिवासियों का गौरव दिवस मनाया जा रहा है। कितने ही परिवार पहली बार पक्के घर में पहुंचे। लाल किले से जब हम इज्जत घर की बात करते हैं तब मेरा मजाक बनाया जाता है। हमने बहनों के सशक्तिकरण का काम किया। माइनिंग से डिफेंस तक बहन बेटियों के लिए अवसर खोल दिया है। ये काम हमारी सरकार ने किया। वोट बैंक की राजनीति से समस्या पैदा हुई. मध्यम वर्ग ने इसे नकार दिया गया। वह अपनी पूरी शक्ति खपा देता था कि जो करना है, खुद ही करना है हमारा कोई नहीं। हमारी सरकार ने उनकी ईमानदारी को पहचाना। आज हर नागरिक का औसतन 5000 हजार रुपये हर महीने बच रहा है, जन औषधि के कारण मध्यम वर्ग का 20 हजार रुपये बचा है।

• हम वर्षों से अंग्रेजों की बिछाई रेल लाइन पर निर्भर थे, आज रेलवे का कायाकल्प हो रहा है। पहले धक्का-मुक्की और लेट-लतीफी रेलवे की पहचान बन गई थी। आज रेलवे की तस्वीर बदल रही है। वंदे भारत ट्रेन चल रही है। मेरे सार्वजनिक जीवन में चार-पांच दशक हो गए हैं, गांव-गांव से गुजरा हूं, समाज की प्रकृति से परिचित हूं। आज हर सांसद वंदे भारत ट्रेन की मांग कर रहा है। एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशनों का कायाकल्प हो रहा है। एक्सप्रेस-वे, हाई-वे का जाल बिछ रहा है। 70 साल में जितने एयरपोर्ट बने, उतने हमने नौ साल में बनवा दिये।

• सत्ता के सपने देखने वाले निराशा में डुबे लोगों को आत्मचिंतन की जरूरत है। कल जो यहां बैठते थे, आज वे वहां जाकर भी फेल हुए और देश तेज गति से आगे बढ़ता जा रहा है। आज देश डिफेंस सेक्टर में भी एक्सपोर्ट कर रहा है। जो लोग हाल ही में लाल चौक पर तिरंगा फहराकर आए हैं, उन्होंने देखा होगा कि आज आप किस तरह बिना किसी बाधा के घूम-फिर सकते हैं। मैं भी गया था, लाल चौक पर झंडा फहराने का संकल्प लेकर निकला था तब आतंकियों ने विरोध में पोस्टर लगाये थे। तब हमने कहा था कि हम भी देखते हैं किसने अपनी मां का दूध पिया है, जो हमें रोकेगा। हम बिना बुलेट प्रूफ जैकेट के आएंगे और तिरंगा फहराएंगे, फैसला लाल चौक पर होगा। किसी ने तब कहा था कि जब गणतंत्र दिवस पर झंडा फहराया जाता है तब आयुध का प्रदर्शन होता है, सलामी दी जाती है। हमने कहा था कि हम जब तिरंगा फहरा रहे हैं, दुश्मन देश का बारूद भी हमें सलामी दे रहा है। जो लोग तिरंगे को शांति के लिए खतरा बताते थे, वो भी आज तिरंगा यात्रा में शरीक हो रहे हैं। आज श्रीनगर में सिनेमाहॉल चल रहे हैं और हाउसफुल चल रहे हैं।

Leave a comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More