मास्को में एनएसए अजीत डोभाल की Putin से हुई बातचीत, भारत रूस रणनीतिक साझेदारी पर हुई चर्चा

एजेंसियां/न्यूज डेस्क (ओंकारनाथ द्विवेदी): राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने मास्को में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (President Vladimir Putin) से मुलाकात की और दोनों ने द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर व्यापक चर्चा की। रूस (Russia) में भारतीय दूतावास ने इस बात की पुष्टि की और आगे कहा कि भारत-रूस रणनीतिक साझेदारी को लागू करने की दिशा में काम जारी रखने पर सहमत हुए है। ये बैठक पिछले साल फरवरी में रूस के हमले के बाद यूक्रेन (Ukraine) में जारी संकट के बीच हो रही है।

बुधवार (8 फरवरी 2023) को डोभाल ने अफगानिस्तान (Afghanistan) पर सुरक्षा परिषदों/एनएसए के सचिवों की पांचवीं बहुपक्षीय बैठक में हिस्सा लिया, जिसकी मेजबानी रूस ने की थी। क्रेमलिन (Kremlin) के मुताबिक पुतिन ने कहा कि, “हम अफगानिस्तान में स्थिति का इस्तेमाल करने के कवायदों के बारे में भी खासा चिंतित हैं ताकि अतिरिक्त क्षेत्रीय ताकतों को अपने बुनियादी ढांचे का विस्तार या निर्माण करने की अनुमति मिल सके।”

डोभाल ने अपने संबोधन में कहा कि किसी भी मुल्क को आतंकवाद का एक्सपोर्ट करने के लिये अफगान इलाके का इस्तेमाल करने की मंजूरी नहीं दी जानी चाहिये और इस बात पर जोर दिया कि जरूरत के वक्त भारत अफगानिस्तान के लोगों को कभी नहीं छोड़ेगा। विदेश मंत्री एस.जयशंकर (External Affairs Minister S. Jaishankar) की रूस की ये यात्रा के तीन महीने बाद उनकी पिछले रूसी दौरे के दौरान दोनों पक्षों ने भारत के पेट्रोलियम उत्पादों के आयात समेत अपने आर्थिक जुड़ाव का विस्तार करने की आम सहमति बनायी थी।

यूक्रेन युद्ध छिड़ने के बाद से रूस से भारत में तेल निर्यात में बड़ा उछाल देखा गया है, यहाँ तक कि कई पश्चिमी देशों ने रूस पर प्रतिबंध लगा दिया साथ ही आर्थिक और व्यापारिक गतिविधियों में भारी कटौती कर दी। रूस के साथ भारत का रक्षा सहयोग भी ठोस आधार पर टिका हुआ है, हाल ही में ब्रह्मोस (BrahMos) के प्रमुख ने कहा कि मास्को (Moscow) पर पश्चिमी प्रतिबंधों का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

ब्रह्मोस एयरोस्पेस (BrahMos Aerospace) भारत और रूस का ज्वॉइंट वेंचर है, जो कि परमाणु-सक्षम सुपरसोनिक मिसाइलों में बनाने माहिर है। भारत ने अभी तक यूक्रेन पर रूसी आक्रमण की निंदा नहीं की है और ये कहता रहा है कि संकट को कूटनीति और बातचीत के जरिये हल किया जाना चाहिये। भारत ने संयुक्त राष्ट्र (United Nations) के कई प्रस्तावों पर मतदान से हिस्सा लिया है, जिसमें यूक्रेन पर हमले के लिये रूस की निंदा की गयी थी।

डोभाल की मॉस्को यात्रा भी नई दिल्ली में जी-20 के विदेश मंत्रियों की बैठक से पहले हुई थी। माना जा रहा है कि 1 और 2 मार्च को भारत में होनी वाली बैठक में रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव (Russian Foreign Minister Sergei Lavrov) हिस्सा ले सकते है।

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