Manipur Meitei Reservation: मणिपुर के हालातों पर पीएम मोदी को सांसद ने लिखी चिट्ठी, राहत और बुनियादी जरूरतों के लिये लगायी गुहार

न्यूज डेस्क (दिगान्त बरूआ): Manipur Meitei Reservation: मणिपुर में मैइती आरक्षण के मुद्दे पर भड़की हिंसा को लेकर राज्य के हालातों अभी भी नाज़ुक बने हुए है। हिंसा और दंगों के कारण आम लोगों की रोजमर्रा की ज़िन्दगी बुरी तरह प्रभावित हुई है। इस दौरान सूबे के कई हिस्सों में मैइती और कूकी मूलनिवासी समुदाय के लोगों ने आपसी सौहार्द कायम कर सद्भभावना का परिचय दिया। राज्य की व्यवस्था को पटरी पर लाने की पहल करते हुए सांसद डॉक्टर लोरहो एस. फोजे ने प्रधानमंत्री मोदी को खत लिखा।

सांसद डॉक्टर लोरहो एस. फोजे के लिखे गये खत में जातीय संघर्ष के बारे में गहरी चिंता ज़ाहिर करते हुए खेद जाहिर किया। खत में लिखा गया कि- दीर्घकालिक शांति और सद्भाव को बढ़ावा देने के लिये तुरन्त केंद्रित कार्रवाई की दरकार है। दंगों और हिंसा ने शारीरिक चोट के साथ साथ गहरे भावनात्मक घाव भी दिये है। ऐसे में हिंसाग्रस्त मणिपुर के लोगों को पर्याप्त पुनर्वास की सख़्त जरूरत है।

सांसद ने न्याय और सुलह कराने के लिये पीएम मोदी (PM Modi) से आयोग बनाने की गुहार लगायी। जिसमें सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज हो, जिन्हें अनुसूचित जनजाति/अनुसूचित जाति समुदाय से जुड़े मुद्दे की समझ हो। स्वच्छ पानी और स्वास्थ्य सेवाओं जैसी जरूरी सुविधाओं से लैस अस्थायी घरों की मांग करते हुए सांसद ने आगे लिखा कि- “दंगों के दौरान 30 हजार से ज्यादा लोग विस्थापित हुए। जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों, तोड़े गये चर्चों और जलाये गये घरों से जुड़े लोगों को फौरी मदद की दरकार है। इनमें से कई लोग डर के मारे छुपे हुए हैं और उनकी जान खतरे में है। केंद्र सरकार तुरन्त पुनर्वास पर विचार करे और प्रभावित लोगों के लिये वाज़िब मुआवजा सुनिश्चित करे।”

इसी क्रम में सांसद डॉक्टर लोरहो एस. फोजे ने पीएम मोदी को लिखे गये खत में दंगों प्रभावित मणिपुर के लोगों के लिये शिक्षा एवं कौशल विकास, रोजगार के पर्याप्त अवसर, सामुदायिक सुलह और पुख्ता कानून व्यवस्था की मांग की।

गौरतलब है कि मणिपुर के मौजूदा हालातों को भांपने और संवेदनशीलता को देखते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह (Security Advisor Kuldeep Singh) को मणिपुर भेजा गया, जहां उन्होनें सुरक्षा हालातों और कानून व्यवस्था का जायजा लिया साथ ही उन्होनें स्थानीय आदिवासी समुदाय के लोगों से मुलाकात की। इस दौरान इंडीजीनियस ट्राईबल्स लीडर्स फोरम (Indigenous Tribals Leaders Forum) के मंच तले चेयरमैन पागिन हाओकिप (Pagin Haokip) और सचिव मुआन टॉमबिग ने अपना मांग पत्र कुलदीप सिंह को सौंपा।

सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह को सौंपे गये मांग पत्र में आदिवासी नेताओं ने अपनी पांचसूत्रीय मांगों का जिक्र किया। जिनमें दंगों में मारे गये पीड़ितों के लाशें वापस करने, राहत कार्यों में तेजी लाने, सीमा सुरक्षा, मैइती हथियारबंद गुटों पर नकेल कसने और जरूरी सामान के बेरोकटोक सप्लाई की मांग की गयी थी। इस खत के साथ स्थानीय आदिवासी नेताओं ने 10 विधायकों का ज्ञापन, दंगों से जुड़ा घटनाक्रम, राज्य सरकार की ओर से जारी हथियारों के लाइसेंस की लिस्ट, जलाये गये घरों की सूची, मृतकों की सूची, तोड़े गये चर्चों की लिस्ट और रिलीफ सेन्टरों से जुड़ी जानकारी भी सौंपी।

खत के आखिर में मोदी सरकार के गुहार लगाते हुए इंडीजीनियस ट्राईबल्स लीडर्स फोरम ने एक बार दोहराया कि मणिपुर में मैइती आरक्षण किसी भी कीमत पर कतई मंजूर नहीं किया जायेगा।

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